December 3, 2023

भारतीय रेल ने नवंबर 2023 तक हासिल किया 1015.6 मीट्रिक टन माल लदान का लक्ष्य

पिछले वर्ष की समान अवधि में हुए माल लदान की तुलना में 36.9 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई

रेलवे ने अप्रैल-नवंबर 2023 के दौरान माल लदान से ₹110007.5 करोड़ कमाए

पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में माल ढुलाई से होने वाली आय ₹4102.4 करोड़ बढ़ी

रेलवे ने नवंबर 2023 में 128.4 मीट्रिक टन का माल लदान हासिल किया-पिछले वर्ष की इसी अवधि के माल लदान की तुलना में 4.3 प्रतिशत का सुधार

नई दिल्ली (पीआईबी): अप्रैल-नवंबर 2023 के दौरान संचयी आधार पर, भारतीय रेल द्वारा पिछले वर्ष के 978.724 मीट्रिक टन के माल लदान की तुलना में 1015.669 मीट्रिक टन का माल लदान हासिल किया गया, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के माल लदान की तुलना में लगभग 36.945 मीट्रिक टन का सुधार है।

आलोच्य अवधि में रेलवे ने पिछले वर्ष के ₹105905.1 करोड़ की कमाई की तुलना में ₹110007.5 करोड़ की कमाई की है, जो कि कि पिछले वर्ष की समान अवधि में होने वाली कमाई की तुलना में लगभग ₹4102.445 करोड़ का सुधार है।

 नवंबर 2022 में 123.088 मीट्रिक टन के लदान की तुलना में नवंबर 2023 के महीने के दौरान 128.419 मीट्रिक टन का प्रारंभिक माल लदान हासिल किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4.33 प्रतिशत का सुधार है। नवंबर 2022 में माल ढुलाई से प्राप्त होने वाले ₹13559.83 करोड़ के राजस्व की तुलना में नवंबर 2023 में ₹14077.94 करोड़ का राजस्व हासिल किया गया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3.82 प्रतिशत का सुधार दर्शाता है।

भारतीय रेल ने नवंबर, 2023 के दौरान कोयले का 65.48 मीट्रिक टन, लौह अयस्क का 14.99 मीट्रिक टन, कच्चा लोहा (पिग आयरन) एवं तैयार इस्पात का 5.25 मीट्रिक टन, सीमेंट (क्लिंकर को छोड़कर) का 5.58 मीट्रिक टन, क्लिंकर का 4.61 मीट्रिक टन, खाद्यान्न का 3.82 मीट्रिक टन, उर्वरक का 5.97 मीट्रिक टन, खनिज तेल का 4.176 मीट्रिक टन, कंटेनरों का 6.91 मीट्रिक टनऔर शेष अन्य वस्तुओं का 8.59 मीट्रिक टन लदान हासिल किया।

“कार्गो के लिए उत्सुक” के मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेल ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवाओं की आपूर्ति में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। ग्राहक केन्द्रित दृष्टिकोण और त्वरित नीति निर्माण द्वारा समर्थित व्यवसाय विकास इकाईयों (बीडीयू) के काम ने रेलवे को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने में सहायक रही है।