निडर नाविक

रेल में फलते-फूलते “डीप स्टेट” के प्रति राजनीतिक नेतृत्व की उदासीनता को समर्पित!
रेलवे बोर्ड की मानें, तो आज लोको पायलट ट्रेन चलाना भूल गए हैं, सिविल इंजीनियर ट्रैक मेंटेन करना, सीएंडडबल्यू वाले वैगन और कोच मेंटेनेंस भूल गए हैं। उधर सीआरबी महोदय #रोटेशन की बात न करके, अब तक ब्रेक ब्लाक में ही अटके हुए हैं। गलती कहीं और है साहब, समय चश्मा साफ करने का है, शीशा नहीं!
दीए को घी तब चाहिए जब जल रहा हो।
बुझने के बाद घी डालना व्यर्थ है॥
व्यक्ति की कद्र समय रहते कर लें।
समय जाने पर अफसोस करना व्यर्थ है॥