पूर्वोत्तर रेलवे की माल-लोडिंग में उल्लेखनीय वृद्धि
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे में नवम्बर, 2023 में 0.3586 मीलियन टन का माल लदान हुआ, जो गत वर्ष नवम्बर, 2022 में हुए माल लदान 0.2365 मीलियन टन की तुलना में 51.63 प्रतिशत अधिक है। यह लोडिंग नवम्बर, 2023 हेतु निर्धारित लक्ष्य 0.33 मीलियन टन के सापेक्ष 08.66 प्रतिशत अधिक है। विदित हो कि हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के गोरखपुर में स्थापित होने से इस वित्त वर्ष में यूरिया के 273 रेक की लोडिंग की गई, जिसके फलस्वरूप पूर्वोत्तर रेलवे की लोडिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
इसी प्रकार, वर्ष 2023-24 में संचयी आधार पर, नवम्बर, 2023 तक पूर्वोत्तर रेलवे पर कुल माल लदान 2.9038 मीलियन टन का हुआ, जो गत वर्ष नवम्बर, 2022 तक हुए माल लदान 2.5174 मीलियन टन की तुलना में 15.34 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय रेल की माल-ढ़ुलाई आय में 3.82 प्रतिशत की वृद्धि
अप्रैल-नवम्बर, 2023 तक संचयी आधार पर, भारतीय रेल द्वारा पिछले वर्ष की 978.724 मीलियन टन की लोडिंग के सापेक्ष 1015.669 मीलियन टन का माल लदान किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 36.945 मीलियन टन का सुधार है। रेलवे ने पिछले वर्ष के ₹105905.1 करोड़ के मुकाबले ₹110007.5 करोड़ की कमाई की है, जिसमें पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग ₹4102.445 करोड़ की अधिक आय हुई है।
नवम्बर, 2023 के दौरान, 128.419 मीलियन टन का प्रारम्भिक माल लदान किया गया, जो नवम्बर, 2022 में 123.088 मीलियन टन की लोडिंग की तुलना में लगभग 4.33 प्रतिशत का सुधार है। माल लदान राजस्व नवम्बर, 2022 में ₹13559.83 करोड़ की माल ढुलाई आय के मुकाबले नवम्बर, 2023 में ₹14077.94 करोड़ अर्जित किये गये, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3.82 प्रतिशत का सुधार दर्शाता है।
भारतीय रेल ने नवम्बर, 2023 के दौरान कोयले में 65.48 मीलियन टन, लौह अयस्क में 14.99 मीलियन टन, पिग आयरन एवं फीनिस्ड स्टील में 5.25 मीलियन टन, सीमेंट (क्लिंकर को छोड़कर) में 5.58 मीलियन टन, क्लिंकर में 4.61 मीलियन टन, खाद्यान्न में 3.82 मीलियन टन, उर्वरक में 5.97 मीलियन टन, खनिज तेल में 4.176 मीलियन टन, कंटेनरों में 6.91 मीलियन टन और शेष अन्य सामान में 8.59 मीलियन टन की लोडिंग अर्जित की।
‘हंग्री फॉर कार्गो‘ मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेल ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा वितरण में सुधार के लिए निरन्तर प्रयास किए हैं। ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण एवं त्वरित नीति निर्माण द्वारा समर्थित व्यवसाय विकास इकाईयों (बीडीयू) के काम ने रेलवे को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि में मदद की।