September 12, 2020

हर मामले में लस्त-पस्त पड़े समस्त रेल अधिकारियों को समर्पित:

Think from the perspective of the people and take decision on time for the benefit of them.

बगावत के लिए कलेजा चाहिए !

तलवे चाटने के लिए एक जीभ ही काफी है !!

#बगावत को यहां अपनी बात कहने के संदर्भ में लें !

“अतिवादी व्यवस्थाएं सबसे पहले लोगों के नैतिक बल (आत्म-सम्मान) को ही खत्म करती हैं।”

प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी