पूर्वोत्तर रेलवे: ललित नारायण रेलवे चिकित्सालय गोरखपुर में किया गया कयूआर कोड का प्रावधान
क्यूआर कोड रजिस्ट्रेशन की सहायता से मरीज रेफरल अस्पताल में भी चिकित्सक को दिखाकर उपचार करा सकता है!
दवा प्राप्त होने पर मरीज के मोबाइल पर एचएमआईएस के माध्यम से दवा प्राप्ति का विवरण एवं जांच रिपोर्ट देखी जा सकती है!
गोरखपुर ब्यूरो: ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे चिकित्सालय, गोरखपुर उन्नत तकनीक वाली आधुनिक चिकित्सा मशीनों की सहायता से रेलकर्मियों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु निरंतर प्रयत्नशील है। मरीजों की बेहतर चिकित्सा सुविधा हेतु अनेक उपाय किए जा रहे हैं तथा आधुनिक जांच मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सालय में हास्पिटल मैनेजमेंट इंफर्मेशन सिस्टम लागू किया गया है।
इस रेलवे चिकित्सालय के ओपीडी विभाग में रेल कर्मियों की सुविधा हेतु उन्नत तकनीकी पर आधारित आधुनिक प्रक्रिया के अंतर्गत क्यूआर कोड का प्रावधान किया गया है। यह क्यूआर कोड प्रत्येक चिकित्सक कक्ष के बाहर लगाया गया है। रोगी रेलकर्मी उपचार हेतु दिखाए जाने वाले डॉक्टर के कक्ष के बाहर लगे क्यूआर कोड को एचएमआईएस मोबाइल एप से स्कैन कर डॉक्टर को दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त संबंधित डाक्टर को दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी इस तरह की व्यवस्था की गई है। रजिस्ट्रेशन के बाद डॉक्टर ऑनलाइन ही सभी जांच रिपोर्ट देखकर दवा लिख देते हैं, जिससे ऑनलाइन दवा काउंटर से प्राप्त की जा सकती है। ऑनलाइन पैथालाजी जांच रपट ऑनलाइन चिकित्सक को उपलब्ध हो जाती है।
इसके अतिरिक्त आगे जब भी डॉक्टर उपचार करेंगे तो उन्हें रोगी का सारी जांच रिपोर्ट एवं दवा का विवरण ऑनलाइन दिख जाएगा, जिससे रोग का इतिहास जानकर उपचार करने में डॉक्टर को सुविधा होगी तथा रोगी को रजिस्ट्रेशन हेतु अनावश्यक कतार में नहीं लगना पड़ेगा।
यहां तक कि लोकल पर्चेज की दवाएं भी डॉक्टर द्वारा ऑनलाइन ही लिख दी जाती है, जिसे निर्धारित समय में संबंधित काउंटर से प्राप्त किया जा सकता है। क्यूआर कोड रजिस्ट्रेशन की सहायता से मरीज रेफरल अस्पताल में भी चिकित्सक को दिखाकर उपचार करा सकता है। दवा प्राप्त होने पर मरीज के मोबाइल पर एचएमआईएस के माध्यम से दवा प्राप्ति का विवरण एवं जांच रिपोर्ट देखी जा सकती है।
रेलवे चिकित्सालय के रेडियोलॉजी विभाग में 25.25 लाख की लागत से मरीजों की सुविधा हेतु आधुनिक “कम्प्यूटेड रेडियोलॉजी सिस्टम” का प्रावधान किया गया है। इस मशीन से प्रतिदिन 80-90 डिजिटल एक्स-रे होते हैं। इस मशीन के लग जाने से अधिकतम मरीजों का एक्स-रे किया जा सकता है तथा इसकी रिपोर्ट भी शीघ्र प्राप्त हो जाती है।
इसके अतिरिक्त 35.15 लाख की लागत से रेडियोलॉजी विभाग में आधुनिक अल्ट्रासोनिक मशीन अल्ट्रासाउंड हेतु लगाया गया है। इस मशीन से प्रतिदिन 25-30 मरीजों का अल्ट्रासाउंड होता है एवं फेक्टल वेल विंग जांच भी होती है। इस मशीन में कलर डॉप्लर की भी सुविधा उपलब्ध है।
इसी प्रकार रेलवे चिकित्सालय आगे भी अपने मरीजों के सुविधापूर्ण उपचार के लिए निरंतर प्रत्यनशील रहेगा।