January 24, 2022

कोटा मंडल की गलती से भूतेश्वर-वृंदावन के बीच गिरी मालगाड़ी?

गड़बड़ी देखने के बाद भी नहीं रोकी गई भरतपुर में ट्रेन

कोटा: मथुरा-पलवल सेक्शन के बीच आगरा मंडल, उत्तर मध्य रेलवे में शुक्रवार, 20 जनवरी, 2022 की रात मालगाड़ी के डिरेलमेंट की आंच कोटा मंडल, पश्चिम मध्य रेलवे तक पहुंच सकती है। इस दुर्घटना में कोटा मंडल की गलती सामने आ रही है। हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी।

सूत्रों ने बताया कि यह मालगाड़ी चित्तौड़गढ़ से होती हुई गंगापुर पहुंची थी। यहां स्टाफ बदलने के बाद मालगाड़ी दिल्ली की ओर रवाना हुई थी। रात करीब 10:30 बजे जब यह मालगाड़ी भरतपुर स्टेशन से गुजर रही थी, तभी स्टेशन स्टाफ को इंजन के पीछे तीसरे डिब्बे के पहिए से चिनगारी निकलती नजर आई थी।

कर्मचारियों द्वारा इसकी सूचना तुरंत कंट्रोल को दी गई। कंट्रोल द्वारा इसकी सूचना धौरमुई जघीना स्टेशन पर नोट करवाई गई। लेकिन इसके बाद भी मालगाड़ी को कहीं पर भी नहीं रोका गया। अंततः भूतेश्वर-वृंदावन के बीच मालगाड़ी पटरी से उतर गई। माना जा रहा है कि हॉट एक्सेल के कारण मालगाड़ी बेपटरी हुई।

रजिस्टर में नोट है चिनगारी दिखने की घटना

सूत्रों ने बताया कि चिनगारी दिखने की यह घटना भरतपुर स्टेशन रजिस्टर में भी दर्ज की गई है। चिनगारी देखने के बाद अगर समय रहते मालगाड़ी को रोक लिया जाता है, तो यह दुर्घटना नहीं होती। लेकिन मालगाड़ी रोकने के बजाय कर्मचारी एक-दूसरे पर मामला टालते रहे।

कर्मचारियों की इस लापरवाही के चलते रेलवे को एक ही झटके में करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया। यह नुकसान रेलवे ट्रैक और वैगनों के क्षतिग्रस्त होने के अलावा 24 घंटे में सैकड़ों गाड़ियों के रद्द होने, देरी से चलने और मार्ग परिवर्तन के कारण हुआ है। इसके अलावा डिब्बों में भरे माल का भी नुकसान हुआ है।

सीआरबी की चेतावनी का भी नहीं हुआ असर

उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी को बीकानेर-गुवाहाटी ट्रेन हादसे के बाद चेयरमैन/सीईओ/रेलवे बोर्ड विनय कुमार त्रिपाठी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। उनके इस निर्देश का पालन नहीं करने पर श्री त्रिपाठी ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। लेकिन इसके चार दिन बाद ही कोटा मंडल में उनके आदेश हवा हो गए।

24 घंटे बाद बहाल हुआ ट्रैक

मालगाड़ी के इस डिरेलमेंट की घटना के 24 घंटे बाद मथुरा-दिल्ली के बीच ट्रैक बहाल हो सका है। हालांकि ट्रेनों का संचालन पूरी तरह सामान्य होने में अभी और समय लगेगा। मार्ग परिवर्तन के कारण अभी भी कई दर्जन ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं।

डिरेलमेंट की यह घटना शुक्रवार, 20 जनवरी 2022 की रात करीब 11:30 बजे हुई थी और शनिवार, 21 जनवरी 2022 की आधी रात के बाद यह ट्रैक आंशिक रूप से ट्रेन ऑपरेशन के लिए खोला गया। फिलहाल यहां से ट्रेनों को धीमी गति से निकाला जा रहा है।

अशोक सैनी की फेसबुक वॉल से साभार

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