संरक्षित-सुरक्षित रेल संचालन हेतु सतर्क/सजग झांसी मंडल
मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष के मार्गदर्शन में वर्तमान शीतकाल के दृष्टिगत सभी क्षेत्रों में संरक्षा व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। झांसी मंडल के धौलपुर-बीना, झांसी-कानपुर, कानपुर-खैरार, झांसी-मानिकपुर, ललितपुर-खजुराहो, महोबा-खजुराहो इत्यादि सभी रेलखंडों में रेल संरक्षा प्रहरी (ट्रैकमैन) द्वारा भीषण सर्द हवाओं में जहां निरंतर नाइट पेट्रोलिंग करते हुए ट्रैक की सुरक्षा की जा रही है, वहीं मंडल की सभी क्रू लॉबियों पर अधिकारियों द्वारा लोको पायलट, सहायक लोको पायलट एवं शंटिंग कर्मियों की संरक्षा नियमों का सदैव पालन करने हेतु निरंतर काउंसिलिंग की जा रही है। ट्रेन क्रू को लगातार प्रेरित किया जा रहा है कि वह संरक्षा नियमों का शत-प्रतिशत पालन करते हुए सुरक्षित ट्रेन संचालन सुनिश्चित करें।
कोहरे के मौसम को गंभीरता से लेते हुए ट्रैकमैन तथा गेटमैन द्वारा यदि कोई खतरे की संभावना महसूस की जाती है, तो ट्रैक पर पटाखे लगा दिए जाते हैं, जिस पर से इंजन गुजरते ही धमक से चालाक को पता चल जाता है कि आगे कोई खतरा है।
इसी प्रकार गेटमैन द्वारा समपार फाटकों पर अतिरिक्त सुरक्षा के दृष्टिगत ड्राइवर को सतर्क करने के उद्देश्य से कोहरा पड़ने पर पटाखे लगाए जाते है। इसके अतिरिक्त सिग्नल से कुछ दूर पहले गिट्टी के ढ़ेर को सफेद पेंट लगा दिया जाता है, ताकि लोको पायलट को पता चल जाए कि सिग्नल पोस्ट आने वाला है।
इसी के दृष्टिगत रेल प्रशासन द्वारा संपूर्ण रेल मार्ग पर रात्रिकालीन पेट्रोलिंग के लिए खंडवार ट्रैकमैनों को नियुक्त किया गया है। इसी क्रम में शीतकाल में ट्रैकमैनों द्वारा की जाने वाली इस कठिन पैदल निरीक्षण ड्यूटी का जायजा लेने और ट्रैकमैनों का उत्साहवर्धन करने के उद्देश्य से मंडल के अधिकारियों एवं रेल पथ निरीक्षकों द्वारा भी शीतकाल में विशेष तौर पर फुटप्लेटिंग तथा औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में दि. 20.01.22 को ग्वालियर में सीनियर डीएसटीई/समन्वय तथा सीनियर डीएसटीई/मेन लाइन की उपस्थिति में आयोजित सेफ्टी संवाद में ट्रेन संचालन के दौरान ध्यान में रखी जाने वाली और स्वयं की सुरक्षा से संबंधित बातों पर विस्तृत चर्चा की गई। सिग्नल एवं टेलीकॉम कर्मचारियों की व्यक्तिगत समस्याओं को भी सुना गया तथा उन पर उचित कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए।
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