July 16, 2021

काशी की आस्था को दर्शाती नये बनारस रेलवे स्टेशन की वास्तुकला

मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर अब हिन्दी में “बनारस”, अग्रेजी में “BANARAS” हो गया है। इसका कोड “BSBS” है!

गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल के अंतर्गत वाराणसी-प्रयागराज रेल खंड पर स्थित मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम मंडुवाडीह के स्थान पर अब “बनारस” कर दिया गया है। इसकी स्वीकृति केंद्रीय गृहमंत्रालय और रेलवे बोर्ड से पहले ही मिल गई थी।

इसी क्रम में मंडुवाडीह स्टेशन का नाम परिवर्तन किया गया है। अब इस स्टेशन का नाम हिन्दी में “बनारस”, अग्रेजी में “BANARAS” हो गया है। इस स्टेशन का कोड “BSBS” होगा।

इसके साथ ही काशी के विद्वतजनों की माँग पर इस स्टेशन की नाम पट्टिका पर संस्कृत में भी इसका नाम “बनारसः” भी अंकित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई, 2021 की रात 12 बजे से इस स्टेशन से जारी हुए रेलवे टिकटों पर भी पुराने मंडुवाडीह स्टेशन का नया नाम “बनारस” एवं स्टेशन कोड “BSBS” अंकित हो गया है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह नगर हिन्दू आदि देवता शिव की नगरी रूप में भी विख्यात है और बाबा भोलेनाथ भगवान शिव की नगरी के पौराणिक पर्यायवाची शब्दों में “बनारस” भी क्षेत्रीय लोक व्यवहार की भाषा में सुप्रसिद्ध है।

विकास की परिकल्पनाओं को साकार करते हुए, मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करते हुए इसको नया स्वरूप प्रदान किया गया है।

अब यह विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन किसी हवाई अड्डे की तरह दिखता है। नये तरीके से पुनर्निर्मित यह रेलवे स्टेशन विश्व स्तर का बनाया गया है। यह किसी बड़े प्रतिष्ठित निगम-कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह दिखाई देता है।

यह न केवल स्टेशन भवन मंडुआडीह रेलवे स्टेशन को अलग बनाता है, बल्कि यहां उपलब्ध कराई गई सभी विभिन्न प्रकार की सुविधाएं यात्री-अनुकूल भी बनाई गई हैं।

पुराने मंडुवाडीह स्टेशन का नया नामपट्ट

नए रूपांतरित स्टेशन में अब एक विशाल प्रतिक्षालय क्षेत्र, विभिन्न श्रेणियों के अलग-अलग प्रतीक्षालय, उच्च श्रेणी यात्री विश्रामालय, एस्केलेटर सीढ़ियां, लिफ्ट्स, फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, वीआईपी लाउंज, पार्किंग, सेल्फी पॉइंट, राष्ट्रीय ध्वज, धरोहर के रूप में छोटी लाइन का इंजन, विस्तृत हरित और स्वच्छ सर्कुलेटिंग एरिया, आधुनिक बुकिंग/आरक्षण कार्यालय, फूड कोर्ट, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण वेटिंग रूम और बहुत कुछ है।

स्टेशन में एसी लाउंज, नॉन-एसी रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरी भी है। स्टेशन परिसर की वास्तुकला काशी की आस्था को दर्शाती है। स्टेशन के परिवेश में फव्वारे और बैठने की जगह शामिल है।

इस स्टेशन को उन्नत यात्री सुविधाओं के रख-रखाव के लिए आईएसओ सर्टिफिकेशन एवं साफ-सफाई तथा कुशल प्रबंधन के लिए 5 स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन भी प्राप्त है।

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