उत्तर मध्य रेलवे: लोको परिचालन की समीक्षा

प्रयागराज ब्यूरो: फ्रंटलाइन स्टाफ अर्थात लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड सभी प्रकार की ट्रेनों के सुचारू, सुरक्षित और कुशल संचालन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, रेलवे द्वारा ट्रेन संचालन में सुधार और संरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय/प्रयागराज में बुधवार, 30 अप्रैल को आयोजित बैठक में महाप्रबंधक/उ.म.रे यू.सी. जोशी ने क्रू की मॉनिटरिंग एवं काउन्सलिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संरक्षा और पारिवारिक संगोष्ठियों के अतिरिक्त क्रू की लगातार और गहन काउन्सलिंग और मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा महत्वपूर्ण रेल परिसंपत्तियों का लगातार और गहन निरीक्षण किया जाए, जिससे संरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके तथा लोको पायलटों को 160 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनों के संचालन, जिसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा, की चुनौती स्वीकार करने के लिए समय पर प्रशिक्षण दिया जाए।
प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर यतेंद्र कुमार ने क्रू के कारण परिचालन विफलताओं को रोकने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि नए भर्ती किए जाने वाले सहायक लोको पायलटों को केंद्रित और संरचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही, तकनीकी उन्नयन और क्रू के साथ नियमित बातचीत/ काउन्सलिंग से मिशन शून्य दुर्घटना को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
बैठक में मुख्यालय के सभी विभाग प्रमुख तथा मंडलों और डीएफसी के अन्य बिजली/परिचालन अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक का संचालन संजीव कुमार, मुख्य बिजली लोकोमोटिव इंजीनियर ने किया और प्रतिबद्धता जताई कि निर्देशों के त्वरित कार्यान्वयन के माध्यम से सुरक्षित ट्रेन संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।