सर्वसामान्य एवं दैनिक रेलयात्रियों का वह दर्द जो रैपिड रेल के शोर में कहीं गुम हो गया

काफी प्रचार-प्रसार के बाद देश की फास्ट रैपिड रेल #नमोभारत ट्रेन संख्या 94803/04 जयनगर-पटना शुरू हुई, मीडिया में खबरें जोरों से चलीं – बहुत आरामदायक सीट है, बहुत कम समय में पटना पहुंच जायेगी, आटोमेटिक गेट सिस्टम है, एसी बहुत कूलिंग है, बाथरूम बहुत साफ-सुथरा है, वगैरह वगैरह, मीडिया ने तमाम ठहराव वाली जगहों पर ट्रेन में सवार होकर यात्रा करने वाले इक्का-दुक्का पैसेंजर्स का इंटरव्यू भी किया, खूब शोर-शराबा है, खूब तारीफों के कसीदे गढ़े गये।

लेकिन इन कसीदों में हजारों/लाखों दैनिक एवं आम यात्रियों का दर्द किसी ने महसूस नहीं किया। यहाँ सबसे पहले हम बात करते हैं इस ट्रेन के न्यूनतम किराये की, तो इस ट्रेन का न्यूनतम किराया 85 रुपये है, यानि पटना जंक्शन से पहला स्टाप बाढ़=85 रूपये। वहीं आम पैसैंजर ट्रेनों में बाढ़ तक का किराया 20 रुपये है। यानि पैसैंजर ट्रेनों की अपेक्षा रैपिड रेल का किराया चार गुना से भी ज्यादा है।

अब इस ट्रेन की टाइमिंग की बात करते हैं – इस ट्रेन की अप-डाऊन दोनों ओर से टाइमिंग इतनी खराब है कि ये ट्रेन दोनों ओर से बहुत ट्रेनों को पीछे छोड़कर आगे दौड़ेगी। उदाहरण के लिए, मैंने पहले दिन 25.04.2025 को यह देखा कि इस रैपिड ट्रेन ने पहले कमलगंगा को अप में, 13401 इंटरसिटी को पंडारक में, 63207 मेमू को अथमलगोला में, 18625 को फतुहा में, पीटती हुई पटना जंक्शन पहुंची और डाउन में भी इस ट्रेन ने 15528 को अथमलगोला में पीटकर आगे निकली।

सबसे ज्यादा अगर यात्रियों को आने वाले समय में मार झेलना पड़ेगा तो वह 63207 मेमू के यात्रियों को झेलना पड़ेगा। पहले इस ट्रेन को पटना जंक्शन पहुंचने से पहले 13401/22948 (दो दिन), 12567/22233 अब एक रैपिड रेल ट्रेन 94803 जोड़ लीजिए, ये सारी ट्रेनें उस मेमू 63207 को पीटते हुए लगभग रोजाना आगे जायेंगी, और यही वजह है कि यह ट्रेन राजेन्द्र नगर स्टेशन और पटना जंक्शन के बीच लगभग डेढ़ घंटे की लूज टाइमिंग के बावजूद भी समय पर पहुंच नहीं पायेगी या नहीं पहुंच पाती है।

इसका एक और खामियाजा 63225 ट्रेन के यात्रियों को भी उठाना पड़ता है, क्योंकि यही लिंक को बक्सर तक जाना पड़ता है। एक सवाल यह भी है कि ट्रेन संख्या 15528 पटना-जयनगर शाम के 16 बजकर 55 मिनट पर जयनगर के लिए रवाना होती है और उसके लगभग एक घंटे के बाद यह रैपिड रेल 94804 पटना जंक्शन से 18 बजकर 05 मिनट पर जयनगर के लिए रवाना होती है- मैं दावा नहीं करता, लेकिन विश्वास के साथ यह कह सकता हूं कि आज भी ट्रेन संख्या 15528 कमलगंगा में जयनगर तक यात्रा करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा निकलेगी, भले ही वो रैपिड रेल से रोज पीटकर पीछे हो जाए।

डाउन में इस रैपिड रेल के चक्कर का खामियाजा 63222 ट्रेन के दैनिक यात्रियों को उठाना पड़ेगा, क्योंकि अब यह ट्रेन 18 बजे के बजाय 18 बजकर 15 मिनट पर खुलेगी। जबकि रेलवे अगर चाहता तो इसमें थोड़ा सुधार किया जा सकता था।

इस रैपिड रेल के ठहराव में भी बहुत खामियां हैं और दानापुर मंडल के बख्तियारपुर जंक्शन (BKP) जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन-जो नालंदा एवं नवादा जिले को कनेक्ट करते हैं-उसे भी इस ट्रेन के ठहराव से महरूम रखना हास्यास्पद है।

कुल मिलाकर बात इतनी है कि रैपिड रेल के शोर में हजारों/लाखों आम एवं दैनिक रेल यात्रियों का दर्द न कल कोई सुनने वाला था, और न आज है। कल भी ट्रेन नं. 63217/18 बरौनी-मोकामा-दानापुर शटल में लोग जानवरों की तरह आने-जाने के लिए विवश थे, आज भी विवश हैं। आइये, हम सब मिलकर रैपिड रेल नमो भारत का जश्न मनायें।

#Railwhispers