महाकुंभ-2025 की तैयारियों के दृष्टिगत जिला प्रशासन, मेला प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन के साथ रेलवे की समनव्य बैठक
श्रद्धालुओं को रेलवे द्वारा प्रतिदिन लगभग 10 लाख टिकट जारी किए जाने की क्षमता भी विकसित की जा रही है
श्रद्धालुओं के लिए लगभग 900 विशेष गाड़ियों का संचालन किया जाएगा
प्रयागराज: महाकुंभ-2025 की तैयारियों के दृष्टिगत सोमवार, 14.10.2024 को महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे उपेंद्र चंद्र जोशी की अध्यक्षता में समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अपर महाप्रबंधक जोगिंदर सिंह लाकरा, कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत, एडीजी भानू भास्कर, कुंभ मेला अधिकारी प्रयागराज विजय किरण आनंद, डीआईजी/राजकीय रेलवे पुलिस राहुल राज, जिलाधिकारी प्रयागराज रविन्द्र कुमार, एसएसपी कुंभ-राजेश द्विवेदी, कर्नल क्यू मुख्यालय कर्नल रवि कुमार सिंह, वीसी प्रयागराज विकास प्राधिकरण अमित पाल शर्मा, नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग, डिफेंस स्टेट ऑफिसर मोहम्मद समीर, डीसीपी ट्रैफिक नीरज कुमार पांडे, परियोजना निदेशक एनएचएआई पंकज मिश्रा, मुख्य इंजीनियर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन पी के सिंह, मुख्य इंजीनियर पीडब्ल्यूडी ए के द्विवेदी, मुख्य परियोजना प्रबंधक उत्तर प्रदेश सेतु निगम मनोज अग्रवाल, रीजनल मैनेजर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम एम के त्रिवेदी, कार्यकारी इंजीनियर नेशनल हाईवे आर पी सिंह इस आयोजन से सीधे जुड़े तीनों रेल मंडलों में पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक विनीत श्रीवास्तव, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सचिंद्र शर्मा एवं उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के मंडल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी विभाग प्रमुख एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
इस बैठक में महाकुंभ-2025 की तैयारियों के की समीक्षा के लिए पीपीटी के माध्यम से विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। रेलवे की जिला प्रशासन मेला प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन के साथ समनव्य बैठक में महाकुंभ-2025 के दौरान प्रयागराज परिक्षेत्र में 9 स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ नियंत्रण जैसे विषयों एवं प्रयागराज में चल रहे विकास कार्यो पर भी पर विस्तृत चर्चा की गयी एवं सुझाव लिए गए।
महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने बताया की आगामी कुंभ-2025 की तैयारियों के दृष्टिगत, रेलवे द्वारा लगभग ₹933 करोड़ की कुम्भ से सम्बन्धित परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं जिनका कार्य एडवांस स्टेज में है और सभी कार्यों को नवम्बर-2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे द्वारा लगभग सभी स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई गई है और यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है जिसमें मुख्यतः नए प्लेटफॉर्म का निर्माण, नए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण, यात्री आश्रयों का निर्माण, सीसीटीवी की संख्या में 3 से 4 गुना वृद्धि और द्वितीय प्रवेश द्वारों का विकास सम्मिलित है।
इसके अतिरिक्त रेलवे द्वारा लगभग 4 हजार करोड़ की लागत से प्रयागराज से वाराणसी रूट की डबलिंग जिसमें कि झूंसी में एक नए रेल पुल का निर्माण भी सम्मिलित है तथा फाफामऊ-जंघई रूट की डबलिंग का कार्य किया जा रहा है जिसे मेले से पहले पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही प्रयागराज जं., प्रयागराज रामबाग स्टेशन, फाफामऊ एवं इस रूट पर पड़ने वाले अन्य यार्डों की रिमॉडलिंग भी की जा रही है जिससे अधिक से अधिक गाड़ियों का संचालन किया जा सके।
प्रयागराज क्षेत्र में राज्य सरकार, NHAI, PWD एवं रेलवे के कन्स्ट्रक्शन एवं GSU विभाग के सहयोग से कुल 22 ROB/RUB का निर्माण/दोहरीकरण अपने आपमें एक रिकॉर्ड है जिसके लिए सभी सम्बन्धित एजेन्सियां बधाई की पात्र हैं। इससे न केवल सड़क मार्ग का आवागमन सुचारु रूप से हो सकेगा, बल्कि रेलगाड़ियों के परिचालन में भी सुविधा होगी और इन दोनों यातायात माध्यमों का स्वतंत्र परिचालन सम्भव हो सकेगा।
महाप्रबंधक श्री जोशी ने बताया कि तीनों रेलवे द्वारा मिलकर कुल लगभग 900 विशेष गाड़ियों का प्लान मेला अवधि के दौरान श्रद्धालुओं को प्रयागराज एरिया से वापस भेजने हेतु किया गया है। इसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त गाड़ियों का भी संचालन किया जाएगा।
कमिश्नर प्रयागराज ने कहा कि, मेला क्षेत्र के आस-पास के स्टेशनों के आगमन और प्रस्थान द्वारों को समुचित चौड़ा किया जाए। साथ ही सीढ़ियों की ऊंचाई बराबर हो और कोई भी सीढ़ी फिसलन भरी न हो। इसी क्रम में एडीजी ने कहा कि इस आयोजन में कम्यूनिकेशन सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। सभी टीमें आपस में अच्छी बांडिंग के साथ सही समन्वय बनाकर कार्य करें। इस दौरान पुराने और अजमाए हुए तरीकों को अपनाने की भी उन्होंने सलाह दी।
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने स्टेशन वाइज़ टीम बनाने की आवश्यकता जताई। साथ ही अयोध्या एवं वाराणसी के लिए पर्याप्त संख्या में विशेष गाड़ियों की वयवस्था की बात कही। उन्होंने इंटर एवं इंट्रा डिपार्टमेंटल कम्यूनिकेशन प्लान बनाने के लिए कहा ताकि किसी प्रकार के भ्रम की स्थिति से बचा जा सके। उन्होंने ट्रेनों से अधिकतम क्षमता के अनुरूप निकासी की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने पिछले कुम्भ के अनुभव से सीख लेकर आवश्यकता अनुसार कार्यवाई की बात की।