September 3, 2024

कैबिनेट ने दो प्रमुख व्यावसायिक केन्द्रों-मुंबई और इंदौर के बीच 309 किमी की नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी

यह परियोजना दो व्यावसायिक केन्द्रों मुम्बई और इंदौर को सबसे छोटे रेल मार्ग से जोड़ने के अलावा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के उन जिलों को जोड़ेगी जो अब तक रेल मार्ग से नहीं जुड़े थे, इनमें महाराष्ट्र के दो और मध्य प्रदेश के चार जिले शामिल होंगे

परियोजना की कुल लागत ₹18,036 करोड़ है और यह 2028-29 तक पूरी हो जाएगी

निर्माण के दौरान परियोजना लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी

नई दिल्ली (पीआईबी): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (#सीसीईए) ने सोमवार, 2 सितंबर 2024 को रेल मंत्रालय के तहत लगभग ₹18,036 करोड़ की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित यह नई लाइन मुम्बई से सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेल के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।

यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नए भारत की परिकल्पना के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगी, जिससे उनके लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं तथा सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगा।

यह परियोजना दो राज्यों – महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश – के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी।

इस परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर सम्पर्क मिलेगा। नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को सम्पर्क मिलेगा।

यह परियोजना देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाईयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा। परियोजना मध्य प्रदेश के #बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के #प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके विपणन और वितरण में सुविधा होगी।

यह परियोजना पूरी होने पर कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह एक आवश्यक मार्ग उपलब्ध होगा। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (18 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बनडाइक्साइड उत्सर्जन (138 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में यह परियोजना सहायक होगी, जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।