पूर्वोत्तर रेलवे में बढ़ रही है आरंभिक यात्रियों की संख्या
ट्रेनों के कैंसलेशन, डायवर्जन, शॉर्ट टर्मिनेशन इत्यादि से रेलयात्रियों को होने वाली परेशानियों की जानकारी भी रेलवे को पूरी ईमानदारी से देनी चाहिए!
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे यात्री प्रधान रेलवे है तथा इस क्षेत्र में यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से देश के महानगरों एवं अन्य प्रमुख नगरों के लिए यात्रा करने वाले आरम्भिक यात्रियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। यात्रियों की माँग को ध्यान में रखते हुए, रिकार्ड संख्या में विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
इसी क्रम में, पूर्वोत्तर रेलवे पर वित्त वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में जून, 2024 तक आरम्भिक यात्रियों की संख्या 4.52 करोड़ रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में जून, 2023 तक आरम्भिक यात्रियों की संख्या 3.84 करोड़ की तुलना में 17.79 प्रतिशत अधिक है। अर्थात गत वर्ष की प्रथम तिमाही की तुलना में वर्तमान तिमाही में 68 लाख से अधिक आरम्भिक यात्रियों ने यात्रा की।
इसी प्रकार, वित्त वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में जून, 2024 तक आरम्भिक यात्री यातायात से ₹778.07 करोड़ की आय हुई, जो गत वर्ष के इसी अवधि की आरम्भिक यात्री यातायात से आय ₹714.60 करोड़ की आय की तुलना में 8.88 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही जून, 2024 तक यात्रियों की बढ़ती माँग को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से देश के महानगरों एवं अन्य प्रमुख नगरों के लिए 156 ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनें 1,326 फेरों में चलाई गईं/चलाई जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त 125 ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनें पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से होकर देश के प्रमख नगरों के लिए 850 फेरों में चलाई गई/चलाई जा रही हैं, अर्थात पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों से/होकर कुल 281 ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनें 2,176 फेरों में चलाई गईं/चलाई जा रही हैं।
इन ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनों के माध्यम से यात्रा सुगम हो रही है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के अनुरूप रिकार्ड संख्या में विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। यात्रीगण ट्रेनों की टाइमिंग, डायवर्जन इत्यादि की जानकारी एनटीईएस मोबाइल ऐप अथवा वेब पोर्टल पर प्राप्त कर सकते हैं।
संपादकीय वर्जन:
इस प्रेस विज्ञप्ति में पूर्वोत्तर रेलवे ने यह जानकारी नहीं दी है कि उक्त दोनों तिमाहियों में तुलनात्मक रूप से पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा कुल कितनी रेगुलर/ग्रीष्मकालीन/स्पेशल ट्रेनें कैंसल की गईं? कितनी ट्रेनों को डायवर्ट किया गया? कितनी ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया? ऐसा किन-किन कारणों से हुआ? कुल कितने टिकट कैंसल हुए? कुल कितने यात्रियों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ा? इस सबकी जानकारी भी पूर्वोत्तर रेलवे को पूरी ईमानदारी से देनी चाहिए!