अवैध कमाई का माध्यम बने बहाने से खाली कराए गए रेलवे आवास
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे की गौतम स्थान रेलवे माल साइडिंग से मात्र 20 मीटर की दूरी पर 14 रेलवे आवास बने हैं। बताते हैं कि इन सभी रेलवे आवासों को स्टेशन अधीक्षक महानंद कुमार ने 12.10.21 को इनमें रह रहे रेल कर्मचारियों – जिनके नाम से ये रेलवे आवास आवंटित थे – से एक लिखित संयुक्त आवेदन लेकर इन्हें रिजेक्ट करा दिया, और बाद में इन आवासों को प्राइवेट लोगों को अवैध रूप से किराए पर उठा दिया, और उनसे बतौर किराया कथित रूप से अवैध कमाई की जा रही है।
बताते हैं कि कर्मचारियों से लिए गए संयुक्त आवेदन में कारण यह दर्शाया गया कि “गौतम स्थान रेलवे साइडिंग पर मुख्य रुप से गिट्टी (बलास्ट) की अनलोडिंग होती है, जिसकी धूल अत्यधिक मात्रा में इन रेलवे आवासों में आती है। इस धूल से इन रेलवे आवासों मे रह रहे रेल कर्मचारियों को अस्थमा जैसी बीमारी हो सकती है। इस कारण से यह रेलवे आवास रहने योग्य नहीं हैं। इन सभी रेलवे आवासों को रिजेक्ट कर रेल कर्मचारियों के वेतन से आवास किराया न काटा जाए।”
स्टेशन अधीक्षक के कहने पर गौतम स्थान रेलवे साइडिंग के रेलवे आवासों में रह रहे रेल कर्मचारियों द्वारा यह संयुक्त आवेदन पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल को दिया गया था। तत्पश्चात् सभी कर्मचारियों – जिनके नाम से यह आवास आवंटित थे – के वेतन से आवास किराए (एचआरए) की कटौती बंद कर दी गई थी।
इसके बाद स्टेशन अधीक्षक महानंद कुमार ने सभी कर्मचारियों से उनके नाम से आवंटित आवासों को खाली करा लिया था। आरोप है कि तभी से स्टेशन अधीक्षक ने इन सभी रेलवे आवासों को प्राइवेट व्यक्तियों को किराए पर उठा रखा है। एक आवास संख्या T-2B1 में स्टेशन अधीक्षक स्वयं रहता है।
जिन सर्वथा सही-सुरक्षित रेलवे आवासों को केवल धूल के कथित कारण से रिजेक्ट कराया गया है, उनमें रिजेक्ट के बावजूद रेलवे का बिजली-पानी कनेक्शन आजतक नहीं काटा गया है। कथित रूप से किराए पर उठाए गए इन रिजेक्टेड रेलवे आवासों में रह रहे प्राइवेट लोग सर्दियों में धड़ल्ले से हीटर जलाते हैं, जिससे रेल राजस्व का भारी मात्रा में नुकसान हो रहा है।
इस साजिश और चीटिंग के चलते रेल कर्मचारियों से मिल रहे एचआरए का रेल को जो नुकसान हुआ, सो अलग! रेलकर्मी बाहर किराए पर रहने गए, और अधिक किराया चुका रहे हैं, साथ में परेशानी झेल रहे हैं, सो अलग!
क्या पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय, मंडल मुख्यालय वाराणसी, और रेलवे बोर्ड, रेलकर्मियों को हो रही इस परेशानी से बचाएगा? क्या स्टेशन अधीक्षक की साजिश, अवैध उगाही और रेल के साथ इस चीटिंग में भागीदार अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी?