March 2, 2024

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में ₹7,200 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

इंडियन ऑयल की 518 किलोमीटर लंबी हल्दिया-बरौनी कच्चे तेल पाइपलाइन का उद्घाटन किया

विद्यासागर औद्योगिक पार्क, खड़गपुर में 120 टीएमटीपीए की क्षमता वाले इंडियन ऑयल के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र का उद्घाटन किया

कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और लोकार्पण किया

लगभग ₹2680 करोड़ की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं

नई दिल्ली (पीआईबी): प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 01 मार्च 2024 को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में आरामबाग शहर में ₹7,200 करोड़ की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। आज की विकासात्मक परियोजनाएँ रेल, बंदरगाह, तेल पाइप लाइन, एलपीजी आपूर्ति और अपशिष्ट जल उपचार जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए 21वीं सदी के भारत के तीव्र विकास और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प का उल्लेख किया। उन्होंने युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों के सशक्तिकरण की प्राथमिकताओं को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम सर्वदा निर्धनों के कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहे हैं और इसके परिणाम अब विश्व के समक्ष हैं।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि 25 करोड़ लोगों का निर्धनता के दायरे से बाहर आना सरकार की दिशा, नीतियों और निर्णयों की शुचिता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन सबका मुख्य कारण नेक नीयत रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विकास के लिए ₹7,000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। इनमें रेल, बंदरगाह, पेट्रोलियम और जल शक्ति से जुड़े क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में पर्यटन और उद्योग को प्रोत्साहित करते हुए रेल कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए झारग्राम-सलगाझारी को जोड़ने वाली तीसरी रेल लाइन का उल्लेख करते हुए कहा, “केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में रेलवे को देश के बाकी हिस्सों की तरह ही आधुनिक बनाने का प्रयास कर रही है।” उन्होंने सोंडालिया-चंपापुकुर और दानकुनी-भट्टनगर-बाल्टिकुरी रेल लाइनों के दोहरीकरण के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री ने कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ करने के लिए विकास परियोजनाओं और ₹1,000 करोड़ से अधिक की तीन अन्य परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हल्दिया-बरौनी क्रूड पाइपलाइन का उदाहरण देते हुए कहा, “भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि पर्यावरण के साथ सामंजस्य बिठाकर कैसे विकास किया जा सकता है।” कच्चे तेल को चार राज्यों – बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से होते हुए पाइपलाइन के माध्यम से तीन रिफाइनरियों तक पहुंचाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बचत और पर्यावरण संरक्षण होता है। उन्होंने कहा कि एलपीजी बॉटलिंग प्लांट से 7 राज्य लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में एलपीजी की मांग को पूरा किया जाएगा। अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र से कई जिलों के लाखों लोगों को भी फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी राज्य में एक बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू होने से रोजगार के कई रास्ते खुलते हैं, पश्चिम बंगाल में रेलवे के विकास के लिए इस वर्ष के बजट में ₹13,000 करोड़ से अधिक का आवंटन किया गया है, जो 2014 से पूर्व की तुलना में तीन गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार रेल लाइनों के विद्युतीकरण, यात्री सुविधाओं के उन्नयन और रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास को प्राथमिकता देती है। पिछले 10 वर्षों में पूरी हुई लंबित परियोजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 3,000 किमी से अधिक रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत तारकेश्वर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास सहित लगभग 100 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। 150 से अधिक नई रेल सेवाओं की शुरुआत और 5 नई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई गई है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विकसित भारत का संकल्प पश्चिम बंगाल के लोगों के योगदान से पूरा होगा। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए नागरिकों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर अन्य गणमान्य लोगों के अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी. वी. आनंद बोस और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने लगभग ₹2,790 करोड़ की लागत से विकसित इंडियन ऑयल की 518 किलोमीटर लंबी हल्दिया-बरौनी कच्चे तेल पाइपलाइन का उद्घाटन किया। यह पाइपलाइन बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है। पाइपलाइन बरौनी रिफाइनरी, बोंगाईगांव रिफाइनरी और गुवाहाटी रिफाइनरी को सुरक्षित, लागत प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।

प्रधानमंत्री ने खड़गपुर के विद्यासागर औद्योगिक पार्क में 120 टीएमटीपीए की क्षमता वाले इंडियन ऑयल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का भी उद्घाटन किया। ₹200 करोड़ से अधिक की लागत से विकसित एलपीजी बॉटलिंग प्लांट इस क्षेत्र का पहला एलपीजी बॉटलिंग प्लांट होगा। यह पश्चिम बंगाल में लगभग 14.5 लाख ग्राहकों को एलपीजी की आपूर्ति करेगी।

प्रधानमंत्री ने कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए लगभग ₹1000 करोड़ की कई परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी उनमें कोलकाता बंदरगाह प्रणाली बर्थ नंबर 8 एनएसडी का पुनर्निर्माण और बर्थ नंबर 7 और 8 एनएसडी का मशीनीकरण शामिल है। प्रधानमंत्री ने हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स, श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के तेल घाटों पर अग्निशमन प्रणाली के विस्तार की परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। नव स्थापित अग्निशमन सुविधा एक अत्याधुनिक पूरी तरह से स्वचालित सेट-अप है जो अत्याधुनिक गैस और लौ सेंसर से सुसज्जित है, यह खतरे का तत्काल पता लगाने की क्षमता सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री ने 40 टन वजन उठाने की क्षमता वाली हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स की तीसरी रेल माउंटेड क्वे क्रेन (आरएमक्यूसी) राष्ट्र को समर्पित की। कोलकाता में ये नई परियोजनाएं तेजी से और सुरक्षित कार्गो हैंडलिंग और निकासी में मदद करके बंदरगाह की उत्पादक क्षमता को काफी हद तक बढ़ाएंगी।

प्रधानमंत्री ने लगभग ₹2680 करोड़ की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में झारग्राम-सलगाझारी (90 किलोमीटर) को जोड़ने वाली तीसरी रेल लाइन शामिल है, सोंडालिया-चंपापुकुर रेल लाइन (24 किमी) का दोहरीकरण और दनकुनी-भट्टनगर-बाल्टिकुरी रेल लाइन (9 किमी) का दोहरीकरण शामिल हैं। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में रेल परिवहन सुविधाओं का विस्तार होगा, गतिशीलता में सुधार होगा और माल ढुलाई की निर्बाध सेवा की सुविधा मिलेगी जिससे क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक विकास होगा।

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में अपशिष्ट जल उपचार और सीवरेज से संबंधित तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। लगभग ₹600 करोड़ की लागत से विकसित इन परियोजनाओं को विश्व बैंक ने वित्त पोषित किया है। परियोजनाओं में हावड़ा में 65 एमएलडी की क्षमता और 3.3 किमी के सीवेज नेटवर्क के साथ अवरोधन और डायवर्जन (आई एंड डी) कार्य और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी); बल्ली में 62 एमएलडी की क्षमता और 11.3 किमी के सीवेज नेटवर्क के साथ अनुसंधान और विकास कार्य और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 60 एमएलडी की क्षमता के साथ कमरहाटी और बारानगर में अनुसंधान एवं विकास कार्य और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 8.15 किमी का सीवेज नेटवर्क शामिल है।