इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदमः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन और सेमीकंडक्टर इकाईयों को दी मंजूरी
पृष्ठभूमि: भारत में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम 21.12.2021 को ₹76,000 करोड़ के कुल परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था।
जून, 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए #माइक्रोन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
इस यूनिट का निर्माण तेजी से चल रहा है। और, इसके पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम उभर रहा है।
कैबिनेट के फैसलेः भारत में सेमीकंडक्टर इकाईयां स्थापित करने के तीन और प्रस्तावों को 29 फरवरी 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।
1. 50,000 वेफर स्टार्ट प्रति माह (#डब्ल्यूएसपीएम) क्षमता वाला सेमीकंडक्टर फैबः टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (#टीईपीएल), ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (#पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी।
निवेशः इस फैब का निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जाएगा। इस फैब में ₹91 हजार करोड़ का निवेश होगा।
प्रौद्योगिकी भागीदार: पीएसएमसी लॉजिक और मेमोरी फाउंड्री सेगमेंट में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है। पीएसएमसी की ताइवान में 6 सेमीकंडक्टर फाउंड्री हैं।
क्षमताः 50,000 वेफर स्टार्ट प्रति माह (डब्ल्यूएसपीएम)
कवर किए गए सेगमेंट्सः
- 28 एनएम तकनीक के साथ हाई परफॉरमेंस कंप्यूट चिप्स।
- इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), दूरसंचार, रक्षा, ऑटोमोटिव, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, डिस्प्ले, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स आदि के लिए पावर मैनेजमेंट चिप्स। पावर मैनेजमेंट चिप्स हाई वोल्टेज, हाई करंट ऍप्लिकेशन्स हैं।
2. असम में सेमीकंडक्टर एटीएमपी इकाई: टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (#टीएसएटी) असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी।
निवेशः यह इकाई ₹27 हजार करोड़ के निवेश से स्थापित की जाएगी।
प्रौद्योगिकी: टीएसएटी सेमीकंडक्टर फ्लिप चिप और आईएसपी (इंटीग्रेटेड सिस्टम इन पैकेज) प्रौद्योगिकियों सहित स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है।
क्षमताः 48 मिलियन प्रति दिन।
सेगमेंट्सः ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन, आदि।
3. स्पेशलाइज्ड चिप्स के लिए सेमीकंडक्टर एटीएमपी इकाई: सीजी पावर, रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, थाईलैंड के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगा।
निवेशः यह इकाई ₹7,600 करोड़ के निवेश से स्थापित की जाएगी।
प्रौद्योगिकी भागीदारः रेनेसा एक अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनी है जो स्पेशलाइज्ड चिप्स पर केंद्रित है। यह 12 सेमीकंडक्टर सुविधाएं संचालित करता है और माइक्रोकंट्रोलर, एनालॉग, पावर और सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) उत्पादों में एक महत्वपूर्ण प्लेयर है।
सेगमेंट्सः सीजी पावर सेमीकंडक्टर इकाई उपभोक्ता, औद्योगिक, ऑटोमोटिव और पावर ऍप्लिकेशन्स के लिए चिप्स का निर्माण करेगी।
क्षमताः 15 मिलियन प्रति दिन।
इन इकाइयों का सामरिक महत्वः बहुत ही कम समय में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ने चार बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। इन इकाईयों से भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम स्थापित हो जाएगा।
चिप डिजाइन में भारत के पास पहले से ही गहरी क्षमताएं हैं। इन इकाईयों के साथ, हमारा देश चिप निर्माण में पर्याप्त क्षमता विकसित कर लेगा।
आज की घोषणा के साथ उन्नत पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों को भारत में स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा।
रोजगार की संभावनाः ये इकाईयां 20 हजार उन्नत प्रौद्योगिकी नौकरियों का प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेंगी।
ये इकाइयां डाउनस्ट्रीम ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार विनिर्माण, औद्योगिक विनिर्माण और अन्य सेमीकंडक्टर उपभोक्ता उद्योगों में रोजगार सृजन में तेजी लाएंगी।
निर्माणः तीनों इकाईयों का निर्माण अगले 100 दिनों के भीतर शुरू हो जाएगा।