July 11, 2023

रेल मंत्रालय की एसी चेयरकार और एक्जीक्यूटिव श्रेणी के किराए में छूट योजना

– यह छूट मूल किराए पर अधिकतम 25 प्रतिशत तक होगी

– लागू होने वाले अन्य शुल्क अलग से लगाए जाएंगे

– पिछले 30 दिनों के दौरान 50 प्रतिशत से कम भरी सीटों (या तो प्रस्थान स्थल से गंतव्य तक या फिर कुछ निर्दिष्ट चरणों/खंडों में) वाली श्रेणी की ट्रेनों को ध्यान में रखा जाएगा

– यह छूट तत्काल प्रभाव से लागू की गई है

– पहले से सीट आरक्षित करा चुके यात्रियों के किराए का कोई रिफंड स्वीकार्य नहीं होगा

– उन ट्रेनों के मामले में जहां किसी विशेष श्रेणी में फ्लेक्सी किराया योजना लागू है और सीटें कम भरती हैं, सीटों को भरने के उपाय के रूप में शुरू में फ्लेक्सी किराया योजना को वापस लिया जा सकता है

– छूट की यह योजना अवकाश/त्योहार स्पेशल आदि के रूप में चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों पर लागू नहीं होगी

नई दिल्ली: ट्रेनों में स्थानों के अधिकतम उपयोग के उद्देश्य से रेल मंत्रालय ने निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अधीन, वातानुकूलित बैठने की सुविधा वाली ट्रेनों में रियायती किराया योजना शुरू करने की शक्ति क्षेत्रीय रेलों को सौंपने का निर्णय लिया है:

रियायती किराया योजना का प्रयोजन:

  1. यह योजना अनुभूति और विस्टाडोम कोचों सहित वातानुकूलित बैठने की सुविधा वाली सभी ट्रेनों की एसी चेयर कार और एक्जीक्यूटिव श्रेणियों में लागू होगी।
  2. यह छूट मूल किराये पर अधिकतम 25 प्रतिशत तक होगी। आरक्षण शुल्क, सुपर फास्ट अधिभार, जीएसटी इत्यादि जैसे अन्य शुल्क, जो भी लागू हो, अलग से लगाए जायेंगे। सीटों के भरने के आधार पर  यह छूट किसी या सभी श्रेणियों में प्रदान की जा सकती है।
  3. पिछले 30 दिनों के दौरान 50 प्रतिशत से कम भरी सीटों (या तो प्रस्थान स्थल से गंतव्य तक या छूट प्रदान की जाने वाली खंडों के आधार पर कुछ निर्दिष्ट चरणों/खंडों में) वाली श्रेणियों वाली ट्रेनों को ध्यान में रखा जाएगा। छूट की मात्रा तय करते समय परिवहन के प्रतिस्पर्धी साधन का किराया मानदंड होगा।
  4. यह छूट यात्रा के पहले चरण और/या यात्रा के अंतिम चरण और/या मध्यवर्ती खंडों और/या प्रस्थान स्थल से गंतव्य तक के लिए दी जा सकती है, बशर्ते कि उस चरण/खंड/प्रस्थान स्थल से गंतव्य तक 50 प्रतिशत से कम सीटें भरी हो, जैसी भी स्थिति हो।
  5. यह छूट तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी। हालांकि, पहले से सीट आरक्षित करा चुके यात्रियों के किराए का कोई रिफंड स्वीकार्य नहीं होगा।
  6. शुरू में, इस तरह की छूट ट्रेन के आरंभिक स्टेशन के सम्बन्धित क्षेत्रीय रेल के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबन्धक द्वारा तय की गई अवधि के लिए लागू की जाएगी, जो इसके लागू होने की तिथि से यात्रा की तारीखों के लिए अधिकतम छह महीने के अधीन होगी। रियायती किराए की सुविधा उपरोक्त अवधि के दौरान मांग के पैटर्न के आधार पर पूरी अवधि या आंशिक अवधि या माहवार या सीजन के आधार पर या सप्ताह के दिनों/सप्ताहांत के लिए दी जा सकती है।
  7. केआरसीएल के मामले में, अंतर-जोनल ओ-डी जोड़े/गंतव्यों वाली ट्रेनों के लिए अन्य क्षेत्रीय रेलों के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबन्धक/प्रबंध निदेशक या सीओएम/सीसीएम के परामर्श से किराए में छूट दी जा सकती है।
  8. आगे की समीक्षा नियमित रूप से की जाएगी और सीटों के भरने के आधार पर इस छूट को संशोधित/विस्तारित/वापस लिया जा सकता है।
  9. यदि इस छूट में संशोधन/योजना को वापस लेने का निर्णय लिया जाता है, तो उसे तत्काल प्रभाव से लागू भी किया जा सकता है। हालांकि, पहले से सीट आरक्षित करा चुके यात्रियों से किराए में अंतर को नहीं वसूला जाएगा।
  10. उन ट्रेनों के मामले में, जहां किसी विशेष श्रेणी में फ्लेक्सी किराया योजना लागू है और सीटें कम भरती हैं, सीटों को भरने के उपाय के रूप में शुरू में फ्लेक्सी किराया योजना को वापस लिया जा सकता है। यदि इससे भी सीटें भरने की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तभी उन ट्रेनों/श्रेणियों में यह छूट योजना लागू की जा सकेगी।
  11. पीटीओ/रेलवे पास पर किराये का अंतर/रियायती वाउचर/विधायक/पूर्व-विधायक कूपन/वारंट/सांसद/पूर्व-सांसद/स्वतंत्रता सेनानियों आदि पर टिकट को मूल श्रेणीवार किराये के आधार पर बुक किया जाएगा, न कि रियायती किराये पर।
  12. यदि यात्रा के शुरू से अंत तक छूट प्रदान की जाती है तो ऐसी ट्रेनों में तय अवधि के लिए तत्काल कोटा निर्धारित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, यदि ट्रेन की आंशिक यात्रा के लिए छूट प्रदान की जाती है, तो यात्रा के उस हिस्से के लिए तत्काल कोटा प्रदान नहीं किया जा सकता है जहां छूट दी गई है।
  13. यह छूट पहले चार्ट की तैयारी तक और वर्तमान बुकिंग के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए होगी। ट्रेन में टीटीई द्वारा यह छूट देने की भी अनुमति दी जा सकती है।
  14. छूट की यह योजना अवकाश/त्योहार स्पेशल आदि के रूप में चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों पर लागू नहीं होगी।

इस योजना का प्रावधान एक वर्ष की अवधि तक लागू रहेगा।