रेलमंत्री ने जारी की ‘रेलवे स्टेशनों पर मानक संकेतक’ की गाइडलाइन

भारतीय रेलवे के 17 जोनों और 68 डिवीजनों में 7300 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर विभिन्न प्रकार के संकेतक हैं, अब स्टेशनों के नामों का प्रदर्शन पूरे देश में एक ही मानक पर होगा

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “भारतीय रेलवे स्टेशनों पर आधुनिक, मानक संकेतक अपनाएगा जो दिव्यांगों के अनुकूल होंगे!”

नई दिल्ली (पीआईबी): भारतीय रेल पूरे देश में रेलवे स्टेशनों का विकास कर ‘नए भारत की नई पहचान’ का सृजन कर रही है। भारतीय रेल अब ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत पूरे भारत में 1275 स्टेशनों का पुनर्विकास कर रही है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार, 15 मई को रेल भवन, नई दिल्ली में भारतीय रेल के स्टेशनों पर मानक संकेतों के बारे में एक मार्गदर्शक पुस्तिका जारी की है।

इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ अनिल कुमार लाहोटी, रेलवे बोर्ड के सभी सदस्य भी इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे और जोनल रेलवे के सभी महाप्रबंधक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस अवसर पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारतीय रेल अपने स्टेशनों पर यात्री अनुभव(?) को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। यह महसूस किया गया है कि स्टेशनों पर संकेतकों के बारे में ऐसे मानक दिशानिर्देश जारी किए जाएं जो सुसंगत और स्पष्ट हों। आज मुझे भारतीय रेल के स्टेशनों पर मानक संकेतकों के बारे में पुस्तिका जारी करते हुए बहुत खुशी हो रही है। भारतीय रेल ऐसे आधुनिक, मानक संकेतों को अपनाएगी जो दिव्यांगों के अनुकूल हों।

किसी भी अन्य रेल नेटवर्क की तुलना में भारतीय रेल के पास दुनिया में सबसे ज्यादा स्टेशन हैं। यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक यात्री की मानक संकेतक होने से सुविधाओं तक आसानी से पहुंच होनी चाहिए।

स्टेशनों पर मानक संकेतकों के बारे में यह पुस्तिका सरल भाषा, स्पष्ट फ़ॉन्ट, आसानी से दिखने वाले रंगों, सहज चित्रलेखों को प्राथमिकता देती है। इसे सभी यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे, दिव्यांगजन आदि शामिल हैं। संकेतकों के रंग, फोंट के प्रकार और आकार को मानकीकृत किया गया है।

तेजी से रास्ता तलाशने के लिए संकेतों के समूहीकरण की अवधारणा को प्रस्‍तुत किया गया है। तिरंगी पृष्ठभूमि के साथ स्टेशनों के नाम प्रदर्शित करने वाले नए तृतीयक बोर्ड लगाए गए हैं। मुख्य निर्णय लेने वाले बिंदुओं पर सहज ज्ञान युक्त रास्ता खोजने और संकेतकों की उपलब्धता पर जोर दिया गया है। संकेतों के मानकीकरण पर भी जोर दिया गया है और मजबूत वास्तुकला शब्दावली वाले स्टेशनों के मामले में लचीलेपन की आवश्यकता को भी मान्यता दी गई है।

अमृत भारत स्टेशन योजना:

रेल मंत्रालय ने “अमृत भारत स्टेशन” योजना नाम से स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए एक नई नीति तैयार की है। इस योजना में दीर्घकालिक विजन के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। यह स्टेशन की जरूरतों और संरक्षण के अनुसार दीर्घकालिक मास्टर प्लानिंग और मास्टर प्लान के तत्वों के कार्यान्वयन पर आधारित है। यह योजना मुख्य रूप से सुरक्षित, आरामदायक और स्वच्छ रेल परिसरों को उपलब्‍ध कराने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

तीन रेलवे स्टेशनों अर्थात रानी कमलापति, गांधीनगर कैपिटल और सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल को चालू कर दिया गया है। इन तीन स्टेशनों के अनुभव के आधार पर, अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चुने गए 1275 स्टेशनों में प्रमुख शहरों, पर्यटन और तीर्थ यात्रा महत्व के स्थानों पर स्थित स्टेशन शामिल हैं। 88 स्टेशनों पर काम चल रहा है। 1187 स्टेशनों के लिए निविदा और योजना कार्य प्रगति पर है।

https://twitter.com/railminindia/status/1658055560225517570?s=46