पूर्वोत्तर रेलवे: सभी ऑपरेशनल ब्रॉड गेज नेटवर्क के विद्युतीकरण से कर्षण परिवर्तन समस्या का हुआ निदान
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे पर सभी ऑपरेशनल ब्रॉड गेज नेटवर्क के कुल 3164.34 रूट किमी का विद्युतीकरण किया जा चुका है। रेलवे विद्युतीकरण से पर्यावरण फ्रेंडली ऊर्जा दक्ष एवं कम लागत की परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके फलस्वरूप अधिक हॉर्स पावर के लोकोमोटिव के चलाए जाने, जिससे अधिक माल ढुलाई एवं अधिक कोचों से युक्त ट्रेनों का संचालन होता है, से थ्रू-पुट में वृद्धि होती है।
पूर्वोत्तर रेलवे पर लम्बे समय से निर्बाध, दक्ष, किफायती एवं तीव्रगामी ट्रेन संचालन के लिए एकसमान कर्षण प्रणाली आवश्यक थी। इससे पहले पूर्वोत्तर रेलवे पर स्टीम एवं डीजल कर्षण उपयोग में थे। अधिकांश रेल खण्डों का विद्युतीकरण होने पर भी कर्षण परिवर्तन एक समस्या बनी रही।
पूर्वोत्तर रेलवे पर सभी ऑपरेशनल ब्रॉड गेज नेटवर्क के विद्युतीकरण से इस समस्या का निदान हुआ। विद्युतीकरण के लिए पिछले 5 वर्ष काफी महत्वपूर्ण रहे, इस अवधि में 75 प्रतिशत से अधिक विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हुआ- 2018-19 में 433.21 रूट किमी, 2019-20 में 543.41 रूट किमी, 2020-21 में 560.53 रूट किमी, 2021-22 में 509.37 रूट किमी, 2022-23 में 367.30 रूट किमी का कार्य हुआ।
कोविड-19 महामारी के बावजूद शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया गया।
लाभः सभी रेल खण्डों के विद्युतीकरण के अनेक लाभ हैं, उनमें से कुछ प्रत्यक्ष एवं कुछ परोक्ष हैं-
1. हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) की बचतः वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में एचएसडी की खपत में कमी लगभग 95,000 किलोलीटर हुई, जिससे लगभग ₹1000 करोड़ की बचत हुई।
2. रीजेनरेटिव ब्रेकिंग एनर्जीः वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 3-फेज लोकोमोटिव के संचालन से कुल 45,750 एमडब्ल्यूएच ऊर्जा उत्पादित हुई, जिससे ₹33.35 करोड़ की बचत हुई।
3. हेड ऑन जनरेशन (एचओजी): एचओजी तकनीक का उपयोग करके 13,612 किलोलीटर एचएसडी की बचत की गई, जिसके परिणामस्वरूप ₹152 करोड़ बचाया जा सका।
4. नॉन-ट्रैक्शन ऊर्जा खपत में कमी: नॉन-ट्रैक्शन ऊर्जा खपत में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 3.9 मिलियन यूनिट की कमी आई, जिसके परिणामस्वरूप ₹3.29 करोड़ की बचत हुई।
5. सौर ऊर्जा उत्पादनः पूर्वोत्तर रेलवे पर 4820 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं, जिससे 4.7 मिलियन यूनिट के उत्पादन से ₹4 करोड़ की बचत हुई।
6. हरित रेलवे की ओर अग्रसरः वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में दो लाख बयासी हजार मीट्रिक टन कार्बन फुटप्रिंट्स में कमी आई।
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए क्षेत्रीय रेलों की श्रेणी में पूर्वोत्तर रेलवे को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया है।