April 14, 2023

21वीं सदी का यह तीसरा दशक, रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों का गवाह बन रहा है -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

नई दिल्ली (पीआईबी): ‘मिशन रिक्रूटमेंट’ के तहत 10 लाख कर्मियों के लिए भर्ती अभियान के अंतर्गत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 13 अप्रैल, 2023 को ’रोजगार मेला-4‘ के मुख्य कार्यक्रम स्थल नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के 71,000 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरण का शुभारम्भ रिमोट बटन दबाकर किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 45 केन्द्रों पर आयोजित रोजगार मेला-2023 में नवनियुक्त अभ्यर्थियों को सम्बोधित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य एवं बैसाखी की शुभकामनाएं तथा बधाई दी।

​प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय रोजगार मेले को सम्बोधित किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त कर्मियों को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। देश भर से चुने गए नवनियुक्त कर्मियों को भारत सरकार के तहत ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, वरिष्ठ वाणिज्यिक लिपिक सह टिकट लिपिक, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, कनिष्ठ लेखापाल, डाक सहायक, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, टैक्स सहायक, सीनियर ड्राफ्ट्समैन, जेई/सुपरवाइजर, सहायक प्रोफेसर, शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, नर्स, परिवीक्षा अधिकारी, पीए, एमटीएस और अन्य जैसे पदों पर कार्य करने के लिए शामिल किया जाएगा।

नवनियुक्त कर्मियों को ‘कर्मयोगी प्रारंभ’ के माध्यम से स्वयं को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिलेगा, जो विभिन्न सरकारी विभागों में सभी नवनियुक्त कर्मियों के लिए एक ऑनलाइन उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम है।

फोटो परिचय: रोजगार मेले को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी।

​प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि आज का नया भारत उन नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत ने एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जो पहले के समय के प्रतिक्रिया आधारित दृष्टिकोण के विपरीत है। इसका परिणाम यह हुआ है कि 21वीं सदी का यह तीसरा दशक रोजगार और स्व-रोजगार के उन अवसरों का गवाह बन रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि युवाओं को काम करने के ऐसे क्षेत्र मिल रहे हैं, जो दस साल पहले अस्तित्व में ही नहीं थे। स्टार्टअप्स और भारतीय युवाओं के उत्साह का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने एक रिपोर्ट का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि स्टार्टअप्स ने रोजगार के 40 लाख से अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष अवसर सृजित किए हैं।

​प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और दृष्टिकोण स्वदेशी अपनाने और स्थानीय उत्पाद पर जोर (वोकल फॉर लोकल) देने से भी आगे की बात है। आत्मनिर्भर भारत अभियान गांवों से शहरों तक रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने का अभियान है। उन्होंने स्वदेशी रूप से निर्मित आधुनिक उपग्रहों और सेमी हाई स्पीड ट्रेनों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में भारत में 30000 से अधिक एलएचबी कोच का निर्माण किया गया है। इन कोचों के लिए प्रौद्योगिकी और कच्चे माल की जरूरत ने भारत में रोजगार के हजारों अवसर सृजित किए हैं।

​दशकों से प्रचलित इस पुरानी मानसिकता का खंडन करते हुए कि भारत में रक्षा उपकरण केवल आयात ही किए जा सकते हैं, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने स्वदेशी निर्माताओं पर भरोसा करके इस दृष्टिकोण को बदल दिया है। इसके परिणामस्वरूप सशस्त्र बलों ने 300 से अधिक ऐसे उपकरणों और हथियारों की एक सूची बनाई है जिनका निर्माण केवल भारत में ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ₹15,000 करोड़ मूल्य के रक्षा उपकरणों का निर्यात दुनिया भर में किया जा रहा है।

​प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन के मामले में बुनियादी ढ़ांचे में निवेश की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय पर जोर दिए जाने के कारण सड़क, रेलवे, बंदरगाह और भवन निर्माण जैसे बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण हो रहा है। बुनियादी ढ़ांचा क्षेत्र की रोजगार क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में चार गुना बढ़ोतरी हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे ने 2014 से पहले के सात दशकों के दौरान जहां केवल 20,000 किमी रेल लाइनों का ही विद्युतीकरण हुआ था, वहीं पिछले 9 सालों के दौरान 40,000 किमी रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मेट्रो रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से पहले 600 मीटर प्रति माह था जो आज बढ़कर 6 किमी प्रति माह हो गया है। उन्होंने कहा कि जब गांवों तक सड़कें पहुंचती हैं, तो इससे पूरे इकोसिस्टम में तेजी से रोजगार का सृजन होता है।

डीआरएम/झांसी आशुतोष के साथ नियुक्ति पत्र प्राप्त नए अभ्यर्थी

​नियुक्ति पत्र पाने वाले लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, यह देश के विकास में योगदान देने का अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आप एक सरकारी कर्मचारी के रूप में अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। इस यात्रा के दौरान, आपको उन बातों को हमेशा याद रखना चाहिए जिन्हें आप एक आम नागरिक के रूप में महसूस किया करते थे।

नवनियुक्त अभ्यर्थियों की सरकार से होने वाली अपेक्षाओं को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करें। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि काम पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। अपने सम्बोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों से अपनी सीखने की प्रक्रिया को नहीं रोकने का आग्रह किया और कहा कि कुछ नया जानने या सीखने की प्रकृति कार्य और व्यक्तित्व दोनों में परिलक्षित होती है। उन्होंने उन्हें ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म आईजीओटी कर्मयोगी से जुड़कर अपने कौशल को उन्नत करने की भी सलाह दी।