CLW: दुर्गा पूजा के नाम पर अवैध पार्किंग बनाकर पंडाल कमेटी वाले करते हैं श्रद्धालुओं से अवैध वसूली
पार्किंग बनाने और किराया वसूलने की सीएलडब्ल्यू प्रशासन नहीं देता है पंडाल कमेटी वालों को अनुमति
चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) चित्तरंजन नगरी में हर साल लगभग 10 से 15 दुर्गा पूजा के पंडाल बनाए जाते हैं। इसके लिए नियमानुसार सीएलडब्ल्यू प्रशासन से अनुमति भी ली जाती है।
परंतु सीएलडब्ल्यू/चित्तरंजन में जहां-जहां भी पूजा और पंडाल बनाया जाता है, उनमें सभी रास्ते बंद करके आसपास की खाली पड़ी जगह/मैदान/रास्ते के किनारे वाले भाग को रस्सियों से घेरकर यहां के कमेटी वाले सीएलडब्ल्यू प्रशासन की बिना अनुमति के अवैध वसूली का धंधा करते हैं।
कमेटी वाले प्रतिदिन साइकिल-10 रुपये, मोटरसाइकिल-20 रुपये और कार इत्यादि की पार्किंग के लिए 30-40 रुपये के हिसाब से दुर्गा पूजा के नाम पर नौ दिनों में ये लोग रेल कर्मचारियों एवं उनके परिजनों और चित्तरंजन में दुर्गा पूजा देखने आए भक्तों/जनमानस से लाखों रुपये की वसूली का अवैध गोरखधंधा चलाते हैं।
जबकि साईकिल या मोटरसाइकिल स्टैंड बनाकर किसी भी तरह से रेलवे की जमीन पर पैसा वसूली के लिए कोई परमिशन सीएलडब्ल्यू प्रशासन की तरफ से जारी नहीं की जाती है। हर साल इसको लेकर सीएलडब्ल्यू प्रशासन से इसकी शिकायत की जाती है, पर कोई भी अधिकारी इस पर संज्ञान नही लेता है।
पूजा कमेटी के लोग हाथों में डंडा लेकर जबरदस्ती गाड़ियां पार्क करने के लिए लोगों को मजबूर करते हैं। स्थानीय पुलिस तथा सीएलडब्ल्यू प्रशासन मूक दर्शक बनकर केवल तमाशबीन बना रहता है। पूजा कमेटी वाले किसी की भी नहीं सुनते हैं और न ही इनको किसी का डर है।
एक साधारण और बाहर से आए गरीब/मजबूर लोगों को केवल साइकिल/मोटरसाइकिल खड़ी करने के नाम पर इन सभी पंडालों पर कुल मिलाकर 150-200 रुपये तक देना ही पड़ता है। इससे सीएलडब्ल्यू प्रशासन और रेलवे की छवि धूमिल होती है। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण लोगों के मन में इससे घृणा का भाव पैदा होता है। सीएलडब्ल्यू प्रशासन को इस पर उचित संज्ञान लेना चाहिए।
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