ई-ऑक्शन से नीलामी प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता बढ़ी, समय की हुई बचत
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वाेत्तर रेलवे पर पार्सल, पार्किंग, विज्ञापन, पे एंड यूज प्रसाधन, एटीएम, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, गाड़ियों के अंदर एवं बाहर विनाइल रैपिंग, रेलवे प्लेटफार्मों पर रेल डिस्प्ले नेटवर्क (टीवी स्क्रीन) पर विज्ञापन आदि की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रारम्भ कर दी गई है।
ज्ञातव्य है कि भारतीय रेलवे द्वारा भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) पोर्टल लांच किया गया है, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक आय एवं गैर-किराया राजस्व की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संपादित करना तय किया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल द्वारा अभी तक ई-नीलामी हेतु कुल 304 एसेट्स चिन्हित किए गए हैं, जिनमें रेल डिस्प्ले नेटवर्क (टीवी स्क्रीन) पर विज्ञापन के 101 एसेट्स, पार्किंग के 68 एसेट्स, वीपीयू के 100 एसेट्स, 25 पे एंड यूज प्रसाधन तथा 10 एटीएम सम्मिलित हैं। अभी तक कुल 151 एसेट्स की ई-नीलामी हो चुकी है, जिसमें 24 पार्किंग, 11 पे एंड यूज प्रसाधन, 01 गैर-किराया राजस्व तथा 12 वीपीयू/एसएलआर सम्मिलित हैं, जिसके माध्यम से ₹46.54 करोड़ के रेल राजस्व की प्राप्ति हुई है। शेष एसेट्स की ई-नीलामी की प्रक्रिया प्रगति पर है तथा जल्दी ही इसको पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी प्रकार वाराणसी मंडल में अभी तक 5 वीपीयू लीजिंग, 2 विज्ञापन तथा 16 पार्किंग एसेट्स की ई-नीलामी पूर्ण हो चुकी है, जिससे रेल राजस्व के रूप में ₹23.41 करोड़ की प्राप्ति हुई है। विभिन्न चिन्हित एसेट्स की ई-नीलामी की प्रक्रिया प्रगति पर है तथा जल्द ही इसके पूरा होने की आशा है।
इसी तरह इज्जतनगर मंडल में अभी तक ई-नीलामी हेतु कुल 54 एसेट्स चिन्हित किए गए हैं, जिनमें वीपीयू, विज्ञापन, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, एटीएम तथा पार्किंग सम्मिलित हैं। अभी तक इज्जतनगर मंडल द्वारा 9 पार्किंग एसेट्स तथा 2 पे एंड यूज प्रसाधन की ई-नीलामी की गई है, जिससे रेल राजस्व के रूप में ₹43.81 लाख की प्राप्ति हुई है। शेष एसेट्स की ई-नीलामी की प्रक्रिया प्रगति पर है तथा जल्दी ही इसके पूरा होने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि डिजिटल इंडिया एवं डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेल ने ई-नीलामी पोर्टल लांच किया है, जिसके माध्यम से वाणिज्यिक आय एवं गैर-किराया राजस्व के एसेट्स की ई-नीलामी हो रही है। इस व्यवस्था से प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ जाती है।
ई-ऑक्शन के लाभ:
• इस पोर्टल के माध्यम से देश में कहीं से भी बोलीदाता रेलवे के किसी भी फील्ड यूनिट की नीलामी में भाग ले सकते हैं।
• कॉन्ट्रैक्ट एवार्ड होने के बाद रेलवे को ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा उपलब्ध हो गई है। अभी तक यह कार्य मैन्युअल तरीके से होता था, जो एक जटिल प्रक्रिया थी।
• बेहतर निगरानी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप ई-ऑक्शन में समय की बचत होती है।
• पूरे भारत में अर्हता शर्तों का मानकीकरण।
• प्रक्रिया के सरलीकरण के फलस्वरूप निविदा को फाइनल करने में लगने वाले समय में उल्लेखनीय कमी होती है। साथ ही रेल राजस्व की हानि को रोकने में सफलता मिलती है।
• किसी ठेकेदार के असफल होने की दशा में निविदा को तत्काल पुनर्आवंटित (रि-एवार्ड) करने की सुविधा उपलब्ध है।
• ई-ऑक्शन के फलस्वरूप बोलीदाताओं का वर्चस्व समाप्त हो गया है।
• ई-ऑक्शन के परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण विकसित होने के कारण वाणिज्यिक एसेट्स से प्राप्त होने वाले रेल राजस्व में वृद्धि।
• इस प्रक्रिया के फलस्वरूप एसेट्स की क्षमता में वृद्धि।
• ₹40 लाख तक कोई अर्हता मापदंड न होने से स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन।