आरआरसी/01/2019 (लेवल-1) परीक्षा: नौकरी दिलाने के भ्रामक विज्ञापनों, दलालों से दूर रहें उम्मीदवार
रेलवे भर्ती बोर्ड सीईएन आरआरसी/01/2019 (लेवल-1) परीक्षा का चौथा चरण शुरू
रेलवे भर्ती बोर्डों (भारतीय रेल) द्वारा सातवें वेतन आयोग के पे-मैट्रिक्स लेवल-1 के विभिन्न पदों हेतु चयन की प्रक्रिया अत्यंत विश्वसनीय ढ़ंग से सम्पादित की जा रही है। रेल प्रशासन द्वारा यह पुनः स्पष्ट किया गया है कि रेलवे भर्ती बोर्डों द्वारा केंद्रीय रोजगार सूचना सं. आरआरसी/01/2019, लेवल-1 (पूर्ववर्ती ग्रुप-डी) के पदों हेतु कम्प्यूटर आधारित टेस्ट आयोजित कराने के लिए अत्यंत प्रतिष्ठित कम्पनी की सेवाएं ली जा रही हैं।
इस भर्ती प्रक्रिया में 1.1 करोड़ से अधिक अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं। भारतीय रेल के 12 क्षेत्रीय रेलों को मिलाकर अभी तक कम्प्यूटर आधारित तीन चरण की परीक्षाएं सम्पन्न हो चुकी हैं तथा चौथे चरण की परीक्षा 19 सितम्बर, 2022 से प्रारम्भ हो चुकी है।
भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा गड़बड़ी की सम्भावना को समाप्त करने हेतु अनेक सुरक्षात्मक उपायों को परीक्षा प्रणाली में समाहित किया गया है। अभ्यर्थियों को केंद्र का आवंटन कम्प्यूटर के माध्यम से रेंडम तरीके से किया जा रहा है। इसके साथ ही जब अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट कर स्वयं को पंजीकृत कराते हैं तब भी लैब एवं सीटों का आवंटन रेंडम तरीके से किया जाता है।
प्रश्न पत्रों को इस प्रकार से एन्क्रिप्ट (कोड की भाषा में परिवर्तित) किया गया है जिसके फलस्वरूप अभ्यर्थी के अलावा कोई भी दूसरा व्यक्ति प्रश्न पत्र को नहीं देख सकता है। साथ ही जब अभ्यर्थी कम्प्यूटर पर दूसरी बार एवं फाइनल लॉगिन करता है तो परीक्षा प्रारम्भ होने के साथ प्रश्न पत्र डिक्रिप्ट (कोड रहित) हो जाता है।
अभ्यर्थी को जो प्रश्न पत्र दिया जाता है उसमें प्रश्नों का क्रम भी रेंडम तरीके से बदल हुआ होता है, साथ ही प्रश्न के चारों विकल्प भी रेंडम तरीके से बदले हुए रूप में होते हैं। इस प्रकार प्रत्येक अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र में अलग तरह का प्रश्न पत्र उपलब्ध होता है। प्रत्येक प्रश्न पत्र में प्रश्नों का क्रम तथा विकल्पों का क्रम भी अलग-अलग होता है।
अतः यह कहना कि कोई भी व्यक्ति इन प्रश्न पत्रों का आंसर-की (उत्तर कुंजी) उपलब्ध करा सकता है, यह तर्क बिल्कुल असत्य, आधाररहित एवं भ्रामक है।
परीक्षा के दौरान सारी गतिविधियों एवं प्रत्येक अभ्यर्थी के क्रिया-कलापों की पूरी रिकार्डिंग सीसीटीवी कैमरे द्वारा की जाती है। इसके अतिरिक्त रेल प्रशासन भी अपने स्टाफ को प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर तैनात करता है, जिससे अभ्यर्थियों एवं परीक्षा आयोजित करा रही एजेंसी के कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और परीक्षा निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हो सके।
रेल प्रशासन द्वारा आरपीएफ के एक कार्मिक सहित दो रेलकर्मी सर्वर रूम में नियुक्त किए जाते हैं, जिससे कि किसी भी संदेहास्पद गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
पहली बार लेवल-1 परीक्षा में अभ्यर्थियों के आधार की भी जांच की जा रही है, जिससे कि कोई दूसरा व्यक्ति अभ्यर्थी की जगह परीक्षा न दे सके। सभी स्तरों पर बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन पहले से किया जा रहा है। अभ्यर्थियों के आधार वेरीफिकेशन की सफलता दर 99 प्रतिशत से भी अधिक है। रेलवे स्टाफ एवं परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी द्वारा परीक्षा से पूर्व/परीक्षा के दौरान/परीक्षा के पश्चात कड़ी निगरानी बरती जा रही है, जिसके फलस्वरूप अनुचित तरीकों का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों को नियमित रूप से पकड़ा जा रहा है।
कड़ी निगरानी एवं पर्यवेक्षण के फलस्वरूप 19 सितम्बर, 2022 तक अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के कुल 108 मामले प्रकाश में आए, जिनमें से 81 मामलों में पुलिस स्टेशनों में एफआईआर/जीडी दर्ज किया गया। हालांकि परीक्षा के दौरान चिट (पर्ची) के साथ परीक्षा दे रहे 18 मामले पकड़े गए, लेकिन जांच करने पर वे प्रश्न पत्र से भिन्न थे।
परीक्षा के दौरान परीक्षा करा रही एजेंसी के निरीक्षकों में भी नियमित रूप से फेर-बदल किया जाता है, ताकि उनका अभ्यर्थियों के साथ कोई गठजोड़ होने की सम्भावना न हो।
रेल प्रशासन की अभ्यर्थियों से एक बार पुनः अपील है कि वे दलालों के साथ ही सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचारित उन भ्रामक विज्ञापनों से दूर रहें, जो नौकरी दिलाने का झूठा वादा करते हैं। इस प्रकार का स्पष्टीकरण पहले भी अभ्यर्थियों को रेलवे भर्ती बोर्डों की वेबसाइट पर 29 अगस्त, 2022 को प्रकाशित सूचना द्वारा दिया जा चुका है।
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