“रेल सेवा (आचरण) नियम-1966 एवं रेल सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियम 1968” विषय पर सेमिनार का आयोजन
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे सतर्कता संगठन द्वारा “रेल सेवा (आचरण) नियम-1966 एवं रेल सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियम 1968” विषय पर 23 एवं 24 जून, 2022 को दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन रेलवे आडिटोरियम, गोरखपुर में किया गया। वरिष्ठ उप महाप्रबंधक एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी (एसडीजीएम/सीवीओ) डी. के. सिंह ने इस सेमिनार की अध्यक्षता की। संगोष्ठी का शुभारम्भ 23 जून को माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में “आचार-विचार” विषय पर आधारित मूल्य, नैतिकता, बौद्धिक सम्वेदना, बुद्वि, अभिवृत्ति, अभिरूचि, सत्य-निष्ठा तथा भ्रष्टाचार पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “नैतिकता हमारी कार्यप्रणाली का अध्ययन है।” नीति शास्त्र के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि नीतिशास्त्र एक विज्ञान है। कार्यों को सही या गलत बताना, नीति एवं वेदों की नैतिक अवधारणा ही नीतिशास्त्र है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने हेतु प्रभावकारी और नियंत्रित पर्यवेक्षण, प्रभावी एवं स्वच्छ वातावरण, निर्णय में देरी न करना, विवेक क्षेत्र की गहन मॉनिटरिंग, आकस्मिक निरीक्षण, नैतिक मूल्यों को धारण करना, उच्चतर वास्तविकताओं का निर्धारण करना, सर्वाेत्तम लोगों के बीच रहना, वर्तमान में जीना, अतिरिक्त प्रयास करना, ईमानदार नेतृत्व इत्यादि उपयोगी हैं।
यांत्रिक कारखाना, इज्जतनगर के कार्मिक अधिकारी आर.के.पाण्डेय ने रेल सेवा आचरण नियम-1968 विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक रेल कर्मचारी को हमेशा ईमानदारी से काम करना चाहिए। तत्परता एवं शिष्टाचार तथा सरकारी नीतियों का अनुसरण करना चाहिए। हम सभी को अपनी सेवा के दौरान रेलवे आचारण नियमावली का पालन करना चाहिए।
वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर ओ. पी. सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि डीएआर के अंतर्गत परिभाषायें, प्राधिकारी, मानक फार्म और अनुशासनिक अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर कार्रवाई, सकारण आदेश, अपील, पुनरीक्षण, पुनर्विलोकन, नियम-14, 15, 16 एवं 24 कर्मचारियों हेतु विशेष नियम पर विस्तृत जानकारी दी।
दो दिवसीय सतर्कता सेमिनार के दूसरे दिन 24 जून, 2022 को मुख्य इंजीनियर/निर्माण ए. के. सिंह ने निलम्बन के सभी मुख्य बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी दी तथा वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी/निर्माण प्रदीप कुमार ने डीएआर नियम के लधु एवं दीर्ध दण्ड को परिभाषित किया। पूर्व वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी आर.सी.राय ने अनुशासनिक जाँच प्रक्रिया की सावधानियों के मुख्य बिन्दु प्रस्तुतीकरण योजना, अनुशासन एवं आचार नियमावली, प्राकृतिक न्याय के मौलिक सिद्धान्त, जाँच अधिकारी द्वारा जाच रिपोर्ट तैयार करना इत्यादि विषयों पर गहनता से जानकारी दी।
वरिष्ठ उप महाप्रबंधक एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी डी. के. सिंह के निर्देशन एवं जाँच अधिकारी संतोष कुमार की देख-रेख में आयोजित सेमिनार के समापन समारोह में उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/इंजी. भारत भूषण, उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/भंडार अजीत सिंह, उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/यांत्रिक ए. पी. पाण्डेय, उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/विधुत सागर, वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी/यातायात अमित कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी/लेखा जयप्रकाश एवं सतर्कता निरीक्षक, कर्मचारी तथा रेलवे के अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर वरिष्ठ उप महाप्रबंधक एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी डी. के. सिंह ने पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी, मुख्य इंजीनियर/निर्माण ए. के. सिंह एवं वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी/निर्माण प्रदीप कुमार तथा पूर्व वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी आर. सी. राय को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव ने किया।
फोटो परिचय (ऊपर): पूर्वोत्तर रेलवे सतर्कता संगठन द्वारा “रेल सेवा (आचरण) नियम-1966 एवं रेल सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियम 1968” विषय पर आयोजित सेमिनार का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के एसडीजीएम/सीवीओ डी.के.सिंह।