रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ करने के सभी मामलों में की जा रही है उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
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आरपीएफ ने एक उपद्रवी को गिरफ्तार किया; मधुबनी रेलवे स्टेशन पर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के एसी कोच को नुकसान पहुंचाने के मामले में रेलवे अधिनियम की धारा 153 सहित अन्य धाराओं के तहत अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिसमें रेलयात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए 5 साल तक की जेल का प्रावधान है!
रेलवे ने सभी यात्रियों और आम लोगों से रेल संपत्ति की तोड़फोड़ करने से बचने की अपील की है; रेलवे एक राष्ट्रीय संपत्ति है, इसे नुकसान पहुंचाना गैरकानूनी है!
नई दिल्ली (पीआईबी): 10 फरवरी 2025 को, कुछ अनियंत्रित यात्रियों (हुड़दंगियों) ने मधुबनी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संख्या 12561 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (जयनगर-नई दिल्ली) के एसी कोच की 73 कांच की खिड़कियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे रेल यात्रियों में दहशत और अराजकता का माहौल बन गया। उपद्रवियों ने मधुबनी में कोई आरपीएफ या जीआरपी की चौकी नहीं होने का फायदा उठाया। रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद उपद्रवी भाग गए।
बर्बरता की इस घटना में, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), पूर्व मध्य रेलवे ने आरपीएफ चौकी/दरभंगा में अपराध संख्या 168/2025 को ध्यान में रखकर रेलवे अधिनियम की धारा 145 (बी), 146, 153 और 174 (ए) के तहत मामला दर्ज करके त्वरित कार्रवाई की। अपराधियों की पहचान करने और उन्हें सजा देने के लिए आरपीएफ की एक विशेष टीम गठित की गई।
विशेष टीम ने जांच के दौरान, सूत्रों से तथा तकनीकी साक्ष्यों के माध्यम से जानकारी एकत्रित की, जिसके परिणामस्वरूप घटना में शामिल पाए गए एक उपद्रवी की पहचान की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और पछतावा व्यक्त किया है। तोड़फोड़ की अन्य समान घटनाओं में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए इस मामले की जांच सक्रिय रूप से चल रही है।
आरपीएफ रेल संपत्ति में तोड़फोड़ करने/नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। रेलवे की संपत्ति राष्ट्रीय संपत्ति है और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का कोई भी कृत्य अवैध है। आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार और जीआरपी अधिकारियों के साथ समन्वय में आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की है।
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ आरपीएफ ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। रेल प्रशासन ने जनता से आग्रह किया है कि वे गैरकानूनी गतिविधियों और ऐसे कार्यों में शामिल होने से बचें जो सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।
रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 153 के अनुसार, जो कोई भी रेलवे पर यात्रा करने वाले किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरे में डालता है, उसे पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इसमें रेल के डिब्बों को बाधित करना या बाधित करने का प्रयास करना शामिल है। रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 174 (ए) में ट्रेन या अन्य रेल के डिब्बों (रोलिंग स्टॉक) को बाधित करने का अपराध शामिल है। धारा 174 (ए) के तहत अपराध के लिए दो साल तक की कैद, दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।