अनारक्षित यात्रियों को अधिक सुविधा-सुलभता सुनिश्चित करने हेतु 12,000 सामान्य कोचों के उत्पादन का लक्ष्य -अश्विनी वैष्णव
रेलवे ने तीर्थयात्रियों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए 13,000 विशेष ट्रेनों के साथ महाकुंभ की तैयारी की है, ताकि एक सुगम और कुशल यात्रा अनुभव सुनिश्चित करके श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाया जा सके -रेलमंत्री
मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को खत्म करने, सुरक्षित यात्रा और कुशल ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए पिछले दशक में 12,000 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए -वैष्णव
कोई पेपर लीक नहीं-रेलवे ने 1.26 करोड़ उम्मीदवारों के लिए भर्ती का निष्पक्ष और पारदर्शी संचालन सुनिश्चित किया, जो योग्यता-आधारित रोजगार के प्रति उसके समर्पण को दर्शाता है
नई दिल्ली (पीआईबी): रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार, 11 दिसंबर, 2024 को लोकसभा को संबोधित किया। सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए श्री वैष्णव ने भारतीय रेल की कई महत्वपूर्ण पहलों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। विभिन्न विषयों पर बोलते हुए मंत्री ने यात्री सुविधा बढ़ाने, परिचालन दक्षता में सुधार, संरक्षा-सुरक्षा सुनिश्चित करने और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए रेलवे द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। बुनियादी ढ़ाँचे के विकास से लेकर नई ट्रेन सेवाओं तक, देश की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रेलवे की प्रतिबद्धता पर रेलमंत्री ने बल दिया।
संसद में बोलते हुए, रेलमंत्री ने गैर-एसी कोचों के लिए 2:3 और एसी कोचों के लिए 1:3 का अनुपात बनाए रखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर और अन्य श्रेणियों पर संतुलित ध्यान देने पर जोर दिया। सामान्य कोचों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, एक विशेष विनिर्माण कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसका लक्ष्य 12,000 सामान्य कोचों का उत्पादन करना है। इसमें से, इस वित्तीय वर्ष में 900 कोच पहले ही जोड़े जा चुके हैं, और अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों के लिए सुविधा सुनिश्चित करने हेतु 10,000 और कोचों के निर्माण का लक्ष्य है।
संसद सदस्य के प्रश्न का उत्तर देते हुए, रेलमंत्री ने आगामी महाकुंभ के लिए व्यापक तैयारियों का विवरण दिया। यात्रियों की प्रत्याशित वृद्धि को पूरा करने के लिए कुल 13,000 विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है, जो मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सेवा के लिए एक केंद्रित प्रयास को दर्शाती है।
उन्होंने छठ और दीपावली पर्व के दौरान रेलवे की परिचालन दक्षता पर प्रकाश डाला। इस दौरान लगभग 7,900 विशेष ट्रेनों ने बिना किसी बड़ी असुविधा के 1 करोड़, 80 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गन्तव्य को पहुँचाया, जो पीक यात्रा सीजन के दौरान यात्री सुविधा के प्रति भारतीय रेल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एक प्रश्न के जवाब में, रेलमंत्री ने कहा कि अमृत भारत ट्रेन श्रृंखला प्रारम्भ की गई है, जो पूरी तरह से गैर-एसी यात्रियों के लिए डिज़ाइन की गई है। वंदे भारत ट्रेनों के समान अत्याधुनिक तकनीक से लैस, ये ट्रेनें शोर और झटके से मुक्त यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं। पिछले दस महीनों में शुरुआती बेड़े के सफल संचालन के बाद 50 अतिरिक्त अमृत भारत ट्रेनों का उत्पादन करने की योजना चल रही है।
मंत्री ने नमो भारत ट्रेन पहल पर प्रकाश डाला, जिसे उच्च आवृत्ति वाली शटल सेवाओं के साथ कम दूरी के शहरों के लिए डिजाइन किया गया है। दो नमो भारत ट्रेनें पहले से ही चालू हैं, और प्रदर्शन मूल्यांकन के बाद, बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य भारतीय मध्यम वर्ग के लिए यूरोपीय क्षेत्रीय ट्रेन मानकों को दोहराना है।
रेलमंत्री ने हाल ही में रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) परीक्षा को पारदर्शिता और दक्षता के मॉडल के रूप में उद्धृत किया। 211 नगरों में 1.26 करोड़ उम्मीदवारों ने भाग लिया, परीक्षा में एक भी पेपर लीक या किसी असामान्य घटना के बिना संपन्न हुई। परिणामस्वरूप, 1,30,581 युवाओं को रोजगार मिला, जिसने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रियाओं के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है।
एक संरचित भर्ती प्रक्रिया की मांगों को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि रेलवे ने परीक्षाओं के लिए एक वार्षिक कैलेंडर तैयार किया है। वर्तमान में 58,642 पदों के लिए भर्ती चल रही है, जिसमें हाल ही में 11 लाख से अधिक उम्मीदवार लोको पायलट चयन प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। उन्होंने संसद को पारदर्शी तरीके से अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करने की रेलवे की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
रेल मंत्री ने कहा कि आज सभी मानवरहित अधिकृत लेवल क्रॉसिंग पर शत-प्रतिशत मानवित हैं या फ्लाईओवर या अंडरपास बनाकर उन्हें समाप्त किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 12,000 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए हैं। यह उपलब्धि बढ़ी हुई संरक्षा और कुशल ट्रेन संचालन सुनिश्चित करती है, जो रेलवे के बुनियादी ढ़ाँचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
फोटो परिचय: संसद में भारतीय रेल की महत्वपूर्ण पहलों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव