टीटीई बना “देवदूत” – सीपीआर देकर बचाई बुजुर्ग यात्री की जान
गोरखपुर ब्यूरो: रेल प्रशासन आधुनिकतम पद्धति का उपयोग कर अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहा है, ताकि अपने कार्यक्षेत्र में वे उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। इसी क्रम में, पूर्वोत्तर रेलवे अपने कर्मचारियों को यात्री सेवा कार्यों में निपुण बनाने के साथ ही कार्य क्षमताओं को विकसित करने हेतु ‘कर्मयोगी मॉड्यूल’ में प्रशिक्षित किया है।
कर्मचरियों के उत्कृष्ट प्रशिक्षण का परिणाम है कि शुक्रवार, 22 नवंबर को जब गाड़ी सं. 15708 अमृतसर-कटिहार #आम्रपालीएक्सप्रेस के स्लीपर कोच में एक बुजुर्ग यात्री दिल का दौरा पड़ा और वह अचेत हो गया, तो कोच में अफरातफरी मच गई।
सूचना मिलने पर गाड़ी में ऑनबोर्ड टिकट चेकिंग स्टाफ छपरा के उप मुख्य टिकट निरीक्षक #राजीव कुमार एवं #मनमोहन कुमार ने बिना देरी किए उस यात्री को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (#सीपीआर) जीवन रक्षक आपातकालीन प्रक्रिया अपनाकर यात्री को होश में लाए। इसके साथ ही छपरा स्वास्थ्य यूनिट के डॉक्टर को तुरंत अटेंड करने की सूचना भी दी।
लगातार #सीपीआर देने और मुंह के जरिए कृत्रिम श्वसन देने के बाद, यात्री ने अपनी आँखें खोलीं और बेहतर महसूस करने लगा। #आम्रपाली एक्सप्रेस के छपरा स्टेशन पर पहुंचते ही हेल्थ यूनिट छपरा के डॉक्टर ने मरीज को अटेंड किया।
उक्त दोनों उप मुख्य चल टिकट निरीक्षकों को कर्मयोगी प्रशिक्षण में प्राथमिक चिकित्सा एवं कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन जीवन रक्षक आपातकालीन प्रक्रिया का कार्यसाधक ज्ञान था, इसलिए वे यात्री का जीवन बचा सके।
इसके लिए यात्रियों ने रेल कर्मचारियों की सहायता एवं मेडिकल ज्ञान की सराहना की, उसके सहयात्रियों ने भी रेल कर्मचारियों को हृदय से आभार प्रकट करते हुए कहा, “टीटीई साहब ऐन मौके पर ‘देवदूत’ बनकर आए!”
रेल प्रशासन द्वारा रेल कर्मचारियों को ‘कर्मयोगी प्रारम्भिक मॉड्यूल’ के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से निश्चय ही कर्मचारियों की कार्य क्षमता में सुधार हो रहा है तथा रेल उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सुविधाओं में उत्कृष्टता आ रही है।
फोटो परिचय (टॉप): बुजुर्ग यात्री को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) करते हुए उप मुख्य टिकट निरीक्षक राजीव कुमार।