October 27, 2024

सीसीईए ने ₹6798 करोड़ की अनुमानित लागत वाली दो रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी

मंत्रिमंडल ने ₹6798 करोड़ की अनुमानित लागत की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिन्हें 5 वर्षों में पूरा किया जाएगा

ये परियोजनाएँ परिवहन-संपर्क सुविधा प्रदान करेंगी, यात्रा को आसान बनाएंगी, लॉजिस्टिक्स लागत और तेल आयात को कम करेंगी तथा कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी लाएँगी

परियोजनाओं के तहत परिवहन-संपर्क सुविधा की कमी वाले क्षेत्रों को जोड़ने से लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा, मौजूदा लाइन क्षमता में वृद्धि होगी और परिवहन नेटवर्क बढ़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति श्रृंखलाएं सुव्यवस्थित होंगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी

परियोजनाओं से लगभग 106 लाख मानव-दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (#सीसीईए) ने 24 अक्टूबर, 2024 रेल मंत्रालय की ₹6798 करोड़ (लगभग) की कुल अनुमानित लागत वाली दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

मंजूर की गई दो परियोजनाएं हैं-

  1. नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण, जो 256 किलोमीटर लंबा है।
  2. अमरावती होकर एर्रुपलेम और नम्बुरु के बीच 57 किमी लंबी नई लाइन का निर्माण।

ये दोनों परियोजनाएं 5 वर्षों में पूरी की जाएँगी। इन परियोजनाओं से लगभग 106 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।

नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से परिवहन-संपर्क मजबूत होगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही में सुविधा होगी, जिसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

एर्रुपलेम-अमरावती-नम्बुरु नई रेल लाइन परियोजना आंध्र प्रदेश के एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों तथा तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरती है।

तीन राज्यों – आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार – के 8 जिलों को शामिल करने वाली ये दो परियोजनाएं, भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 313 किलोमीटर तक की वृद्धि करेंगी।

नई लाइन परियोजना 9 नए स्टेशनों के साथ लगभग 168 गांवों और लगभग 12 लाख आबादी को परिवहन-संपर्क सुविधा प्रदान करेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना दो आकांक्षी जिलों – सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर – में परिवहन-संपर्क सुविधा बढ़ाएगी, जिससे लगभग 388 गांवों और लगभग 9 लाख आबादी को परिवहन सेवा प्राप्त होगी।

ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 31 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे, परिवहन का पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक्स लागत तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (168 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा। यह 7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

नई लाइन का प्रस्ताव, आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी ‘अमरावती’ को सीधा संपर्क प्रदान करेगा तथा उद्योगों और आबादी की परिवहन-सुविधा में सुधार करेगा। इससे भारतीय रेल की दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव, परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेल के सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक अवसंरचना विकसित होगी।

ये परियोजनाएँ प्रधानमंत्री के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को ‘‘आत्मनिर्भर‘‘ बनाने पर आधारित है। इन परियोजनाओं से लोगों के रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

ये परियोजनाएँ मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है। परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध परिवहन-संपर्क सुविधा प्रदान करेंगी।