September 21, 2024

तेजी से भागती जीवन-शैली एवं आधुनिक होने की चाह में मनुष्य कई प्रकार के दबाव में है -राजेश कुमार पाण्डेय

‘जीवन शैली जनित रोग‘ विषय पर तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन

गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय के राजभाषा विभाग द्वारा 14 से 20 सितम्बर, 2024 तक मनाए जा रहे राजभाषा सप्ताह समारोह-2024 के अन्तर्गत 19 सितम्बर, 2024 को रेलवे अधिकारी क्लब, गोरखपुर में ‘जीवन शैली जनित रोग‘ विषय पर तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका शुभारम्भ मुख्य अतिथि मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर राजेश कुमार पाण्डेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य राजभाषा अधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे राजभाषा विभाग द्वारा जीवन शैली जनित रोगों पर तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया गया है, जो कि वर्तमान समय में सर्वाधिक प्रासंगिक विषय है। जीवन में सब कुछ हासिल करने की आपाधापी में बदली जीवन शैली ने तरक्की के साथ नकारात्मक चीजें भी दी हैं जिससे अनेक बीमारियाँ जैसे तनाव, अनिद्रा, हाइपर टेंशन, मधुमेह आदि बढ़ रही हैं। तेजी से भागती जीवन-शैली एवं आधुनिक होने की चाह में मनुष्य कई प्रकार के दबाव में है। अतः शरीर को स्वस्थ रखना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि हम संतुलित आहार लेते हैं, पाजिटिव सोच रखते हैं तो हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। हमेशा खुश रहिये और मुस्कराते रहिये।

प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ बी.एन.चौधरी ने कहा कि यदि किसी भाषा में तकनीकी का प्रयोग नहीं होता है तो वह भाषा पीछे रह जाएगी। तकनीकी में राजभाषा का प्रयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि वे बीमारियाँ जो व्यक्ति या समाज के जीवन जीने की शैली से उत्पन्न होती हैं, उन्हें जीवन शैली जनित रोग कहते हैं। आज की आधुनिक जीवन शैली में काम बहुत है पर शारीरिक श्रम नहीं है, मानसिक तनाव है। आज हम फास्ट फूड, धूम्रपान आदि का सेवन करते हैं एवं कार्यालय से घर आकर टीवी पर बैठ जाते हैं। इसके बाद फेसबुक, ट्वीटर एवं ह्वाटस-एप आदि भी लम्बी बीमारियां आ गई हैं, जिनसे हम बिना बात के परेशान होते हैं।

उन्होंने कहा कि आज के बच्चे शारीरिक खेल में रूचि नही लेते हैं, उनके पास खेलने के लिए केवल मोबाइल ही है और वे फास्ट फूड खाकर बीमार होते हैं। लाइफ स्टाइल डिजिज में ह्दय रोग, मोटापा, तनाव, फेफड़े का कैंसर, सांस की बीमारी आदि आती हैं। बढ़ता आधुनिकीकरण भी बीमारियां बढ़ा रहा है। जीवन शैली जनित रोग अन्य बीमारियों से अलग है, जिससे खानपान व रहन-सहन में सुधार कर बचा जा सकता है।

श्री पांडेय ने कहा कि आज भारत डायबिटीज कैपिटल बन चुका है। आज के युवा एक्जक्यूटिव 8 से 10 प्रतिशत ह्दय रोग से पीड़ित हैं। शारीरिक श्रम न करना, पर्याप्त नींद नहीं लेना और धूम्रपान अधिक करना हानिकारक है। व्यायाम से हड्डियां मजबूत होती हैं एवं तमाम बीमारियों से बचाव होता है। हम सभी को स्वस्थ भोजन करना चाहिए। उपवास करने से जीवन बढ़ता है। हम सभी को ताजे पदार्थों का सेवन करना चाहिए एवं प्रासेस्ड फूड से बचना चाहिए।

डॉ चौधरी ने कहा कि मानसिक तनाव भौतिकतावाद की देन है जो स्वयं सृजित होता है। इसके लिए मेडिटेशन एवं ध्यान करने से लाभ होता है। स्वागत सम्बोधन राजभाषा अधिकारी एवं वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी गोपाल प्रसाद गुप्ता ने किया। संगोष्ठी का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ अनुवादक/प्रभारी, राजभाषा विभाग श्रीमती अनामिका सिंह ने किया। इस अवसर पर चिकित्सा, वाणिज्य एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं भारी संख्या में रेलकर्मी उपस्थित थे।