रेलवे द्वारा इस साल ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ थीम के साथ मनाया जाएगा ‘स्वच्छ भारत दिवस’
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का दिया निर्देश
- केवल रेलवे स्टेशनों पर ही नहीं, बल्कि ट्रेनों, रेलवे कॉलोनियों और उत्पादन इकाईयों में भी सफाई के स्तर में उल्लेखनीय सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए
- स्वच्छता के लिए स्वैच्छिक और सामूहिक कार्रवाई को मजबूत करने पर जोर दिया जाए
नई दिल्लीः रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सतीश कुमार ने रेलवे के सभी जोनों, रेलवे की सभी उत्पादन इकाईयों (प्रोडक्शन यूनिट्स) और रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि केवल रेलवे स्टेशनों पर ही नहीं, बल्कि ट्रेनों, रेलवे कॉलोनियों और प्रोडक्शन यूनिट्स (उत्पादन इकाईयों) में भी सफाई के स्तर में उल्लेखनीय सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
जोनल रेलों और नामित कार्यालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में सतीश कुमार ने कहा कि 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है। रेलवे द्वारा वर्ष 2017 से ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान मनाया जा रहा है।’स्वच्छता ही सेवा’ स्वच्छ भारत मिशन के तहत आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (जल शक्ति मंत्रालय) की एक संयुक्त पहल है। इस वर्ष भी रेलवे ‘स्वच्छता ही सेवा’ समारोह का आयोजन कर रहा है। हमें स्वच्छता के लिए स्वैच्छिक और सामूहिक कार्रवाई को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष ‘स्वच्छता ही सेवा’-2023 अभियान के दौरान रेलवे ने लगभग 6,823 रेलवे स्टेशनों पर 70,0000 से अधिक मानव-घंटों के श्रमदान के साथ लगभग 2.5 लाख लोगों को अभियान में शामिल किया था। रेलवे ने स्वच्छता से जुड़ी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की थीं। जिसमें बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान, कचरे की सफाई के साथ सेल्फी प्वाइंट बनाना, रेलवे की वेबसाइट पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ लोगो/बैनर लगाना, ट्रेनों/स्टेशनों में कचरे के उचित निपटान के संबंध में यात्रियों को जागरूक करने के लिए नियमित घोषणा करना, जागरूकता बढ़ाने के लिए “स्वच्छ रेल-स्वच्छ भारत” के नारे के साथ प्रभात फेरी निकालना, यात्रियों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर गैर-सरकारी संगठनों, धार्मिक निकायों और स्कूली बच्चों की मदद से नुक्कड़ नाटक आयोजित करना आदि कार्यक्रम शामिल हैं।
इस वर्ष भी स्वच्छ भारत मिशन के शुभारंभ की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘स्वच्छता ही सेवा’ 2024 अभियान 17 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ थीम के साथ मनाया जाएगा तथा 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस मनाया जाएगा। स्वच्छता ही सेवा-2024 की थीम “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” पूरे भारत में स्वच्छता के प्रयासों में सामूहिक कार्रवाई और नागरिक भागीदारी की रेलवे की भावना को फिर से जागृत करने का प्रयास करती है।
‘स्वच्छता ही सेवा’ के लिए कुछ मुख्य बिंदुओं की पहचान की गई है, जो इस प्रकार हैं-
- स्वच्छता लक्ष्य इकाई (सीटीयू)
- स्वच्छता में जन भागीदारी
- सफाईमित्र सुरक्षा भारतीय रेलवे
स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा, जिसका समापन स्वच्छ भारत दिवस पर होगा। यह सभी नागरिकों, भागीदारों और हितधारकों को सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर प्रदान करता है। आइए हम सामूहिक रूप से स्वच्छता बनाए रखने, महात्मा गांधी की विरासत का सम्मान करने और स्वच्छता को जीवन में आत्मसात करने की अपनी प्रतिज्ञा को नवीनीकृत करें। इस वर्ष भी भारतीय रेल स्वच्छता ही सेवा अभियान के लिए तैयार है।
अब तक 3857 स्वच्छता लक्ष्य इकाईयों (सीटीयू) की पहचान की गई है और ‘स्वच्छता ही सेवा’ पोर्टल पर 4666 कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। मिशन एक पेड़ मां के नाम के तहत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाने का लक्ष्य दिया गया है। सभी जोनल रेलों, उत्पादन इकाईयों को ‘स्वच्छता ही सेवा’-2024 पखवाड़ा मनाने के लिए एक दैनिक गतिविधि कार्यक्रम भी दिया गया है।
स्टेशनों के आसपास के परिसरों में स्थित रेलवे ट्रैक और शहरी/अर्ध शहरी क्षेत्रों में आने वाले ट्रैक की सफाई पर ध्यान दिया जाएगा। प्रतीक्षा कक्षों और अन्य स्टेशन परिसरों, कॉलोनियों, रेलवे भवनों/प्रतिष्ठानों आदि में पे एंड यूज शौचालयों सहित नालियों की सफाई की जाएगी। रेलवे इस अभियान को ‘समग्र सामाजिक दृष्टिकोण’ के साथ चलाने का प्रयास करेगी, जिसमें लोगों की भागीदारी पर जोर दिया जाएगा ताकि ‘स्वच्छता सभी का काम’ बन सके। ‘स्वच्छता ही सेवा’ पोर्टल पर दैनिक आधार पर और भी बहुत कुछ अपलोड किया जा रहा है।