August 12, 2024

कवच : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा संसद में दिया गया उत्तर

कवच को लागू करने के संबंध में संसद में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए माननीय रेल मंत्री ने कहा-

#कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (#एटीपी) प्रणाली है। #कवच एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी गहन प्रणाली है, जिसके लिए उच्चतम स्तर के सुरक्षा प्रमाणन की आवश्यकता होती है।

कवच लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाने में विफल रहने की स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर चलाने में लोको पायलट की सहायता करता है और खराब मौसम के दौरान ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करता है।

कवच के कार्यान्वयन में कई गतिविधियों का निष्पादन शामिल है, जैसे:

a. प्रत्येक स्टेशन पर स्टेशन कवच की स्थापना।
b. पूरे ट्रैक की लंबाई में #RFID टैग की स्थापना।
c. पूरे सेक्शन में टेलीकॉम टावरों की स्थापना।
d. ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना।
e. भारतीय रेल पर चलने वाले प्रत्येक लोकोमोटिव पर लोको कवच का प्रावधान।

कवच को अब तक दक्षिण मध्य रेलवे पर 1465 रूट किमी और 144 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है।

वर्तमान में, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3000 रूट किमी) पर कवच से संबंधित मुख्य मदों की प्रगति निम्नानुसार है:

(i) ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना: 4275 किमी
(ii) दूरसंचार टावरों की स्थापना: 364 नग।
(iii) स्टेशन उपकरणों का प्रावधान: 285 नग।
(iv) लोको में उपकरणों का प्रावधान: 319 लोको
(v) ट्रैक साइड उपकरणों की स्थापना: 1384 रूट किमी।

भारतीय रेल ने अन्य 6000 आरकेएम पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (#डीपीआर) और विस्तृत अनुमान भी तैयार किया है।

16.07.2024 को, #कवच 4.0 विनिर्देश को #आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस संस्करण में विविध रेलवे नेटवर्क के लिए आवश्यक सभी प्रमुख विशेषताएँ शामिल हैं। यह भारतीय रेल के लिए सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारतीय रेल ने बहुत ही कम समय में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली विकसित, परीक्षण और लागू करना शुरू कर दिया है।

कवच को चरणबद्ध तरीके से उत्तरोत्तर स्थापित किया जा रहा है।

क्षमता बढ़ाने और कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए, अधिक ओईएम के परीक्षण और अनुमोदन विभिन्न चरणों में हैं।

कवच के स्टेशन उपकरण सहित ट्रैक साइड के प्रावधान की लागत लगभग ₹50 लाख /किमी है और इंजनों पर कवच उपकरण के प्रावधान की लागत लगभग ₹70 लाख/प्रति लोको है। कवच कार्यों पर अब तक उपयोग की गई धनराशि ₹1216.77 करोड़ है। वर्ष 2024-25 के दौरान निधियों का आवंटन ₹1112.57 करोड़ है।