एआईआरएफ और एनएफआईआर का संयुक्त वक्तव्य
नई दिल्ली: हाल ही में भारतीय रेल के कुछ गैरमान्यताप्राप्त रेलवे यूनियनों/संगठनों द्वारा एक वक्तव्य जारी किया गया है, जिससे रेलवे के बारे में भ्रम और अविश्वास की स्थिति पैदा हो गई है।
सभी रेलवे कर्मचारी ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए अपनी क्षमता के अनुसार दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। यह बात साल दर साल ट्रेन दुर्घटनाओं में कमी से स्पष्ट होती है। इसके अलावा, भले ही दुर्घटना का प्रथम दृष्टया कारण बता दिया गया हो, लेकिन रेलवे में होने वाली हर दुर्घटना के बाद हमेशा #सीआरएस या बहु-विषयक टीम द्वारा दुर्घटना के कारणों का पता लगाने और उपचारात्मक उपाय सुझाने के लिए विस्तृत जांच की जाती है। इस विस्तृत जांच के आधार पर कार्रवाई की जाती है।
भारतीय रेल के दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन – ऑल इंडिया रेलवमेंस फेडरेशन (#एआईआरएफ) और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (#एनएफआईआर) – सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी देते रहे हैं। यह कुशल और मेहनती रेलवे कर्मचारी ही हैं जो इस देश के लोगों को परिवहन का सबसे सस्ता साधन उपलब्ध कराते हैं।
हम दोनों फेडरेशन गर्व से कहते हैं कि हम रेलयात्रियों की सुरक्षा और रेल संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हर परिस्थिति में काम करना जारी रखते हैं। हालांकि यह दुखद है कि रेलवे कर्मचारियों की कड़ी मेहनत की सराहना करने के बजाय, कुछ लोगों द्वारा रेलवे कर्मचारियों का मनोबल गिराने वाली टिप्पणियां की जा रही हैं।
बेशक, काम की कठोरता को कम करने के लिए कर्मचारियों की कार्य स्थितियों में सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है। हम चीजों को और बेहतर बनाने के लिए सभी स्तरों पर नियमित बैठकें और वार्ता कर रहे हैं।
हाल के वर्षों में 5 लाख से अधिक कर्मचारी रेलवे में शामिल हुए हैं। हमने पाया है कि हाल ही में 1.5 लाख उम्मीदवारों को नियुक्त करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है और 18,000 से अधिक लोको पायलट्स की भर्ती के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है। वार्षिक परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित करने की लंबे समय से लंबित मांग को स्वीकार कर लिया गया है और जूनियर इंजीनियर, तकनीशियन आदि जैसी श्रेणियां भी रेलवे में भर्ती की पाइप लाइन में हैं।
भारतीय रेल में प्रशिक्षण की एक अच्छी तरह सुस्थापित प्रणाली है। सभी रेलवे कर्मचारी भारतीय रेल के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में रिफ्रेशर कोर्स, संरक्षा पाठ्यक्रम, उपकरण पाठ्यक्रम आदि के माध्यम से नियमित प्रशिक्षण लेते हैं। जब भी नई तकनीक लागू की जाती है, तो लोको पायलट्स को प्रशिक्षण/परामर्श के बाद योग्यता प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।
दोनों फेडरेशन रेल अधिकारियों के साथ कर्मचारियों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं और ऐसे समाधान निकाले जा रहे हैं जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों।
रेलवे 12 लाख कर्मचारियों वाला एक विशाल संगठन है। इस संगठन की कार्यप्रणाली बाहरी लोगों को आसानी से समझ में नहीं आती। ऐसे जटिल कार्य परिदृश्य में, कार्यप्रणाली को समझे बिना, जाने-अनजाने में की गई प्रतिकूल टिप्पणियां राष्ट्र के समग्र हित में नहीं हो सकतीं। इसलिए दोनों फेडरेशन सभी व्यक्तियों और संगठनों से राष्ट्र के समग्र हित के लिए रचनात्मक तरीके से सहयोग /समन्वय/सामंजस्य करने की अपील करते हैं।
हम गैरमान्यताप्राप्त-रेलवे यूनियनों/संगठनों आदि द्वारा जारी किए गए बयानों को स्वीकार नहीं करते हैं, क्योंकि ये बयान आम लोगों के मन में आशंका और डर का माहौल पैदा करेंगे।
#AIRF और #NFIR रेलवे कर्मचारियों के वास्तविक और सच्चे प्रतिनिधि हैं, क्योंकि हम सभी श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों की चिंताओं/मुद्दों को संतोषजनक निवारण सुनिश्चित करने के लिए उठाते हैं। हम रेलवे कर्मचारी एक टीम के रूप में रेलवे के सुरक्षित संचालन और राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।