रोटेशन न होने से रेलवे में यत्र-तत्र-सर्वत्र व्याप्त है भ्रष्टाचार
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव जी, रेलवे स्टेशनों से लेकर जोनल रेलवे मुख्यालयों एवं मंडल कार्यालयों पर लंबे समय से पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कब होगी कार्रवाई?
ट्रेनों/स्टेशनों पर अवैध वेंडरों को संरक्षण देने वाले रेलवे स्टेशनों पर पदस्थ #SD, #CCI, #DCI, #CMI, #IPF पर तत्काल कार्रवाई कब सुनिश्चित होगी?
रेलवे स्टेशनों एवं ट्रेनों में अवैध वेंडरों द्वारा रेलवे के सुरक्षा संरक्षा नियमों का खुला उलंघन किया जा रहा है। अधिकारियों की जिम्मेदारी कब सुनिश्चित होगी?
उमेश शर्मा, प्रयागराज ब्यूरो: उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत लगभग सभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में पानी की बोतलें (#RailNeer) अवैध वेंडरों द्वारा 20 रुपये में धडल्ले से खुलेआम रेल यात्रियों को इस भीषण गर्मी में बेची जा रही हैं। ये अवैध कमाई किस-किसकी जेब में जा रही है? रेलमंत्री महोदय कृपया पता लगाएँ!
आगरा रेलवे स्टेशन सहित कई बड़े स्टेशनों पर विगत 10-15-20 वर्षो से लगातार पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी को घूम-फिरकर उसी जगह पोस्ट किए जाने से प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी नीति का खुला उल्लंघन रेलवे में यत्र-तत्र-सर्वत्र देखा जा सकता है।
#DCM, #ACM, #CIT, #DCI आदि लगातार कई वर्षों से एक ही जगह पदस्थ होने से खुला भ्रष्टाचार हो रहा है, गरीब मजदूर बेबस रेल यात्रियों से खुलेआम लूट की जा रही है। रेलवे बोर्ड एवं विजिलेंस की गाइडलाइन/ट्रांसफर पॉलिसी की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
रेल मंडलों में पदस्थ #DRM, #ADRM, #SrDCM आदि ब्रांच अफसर अपनी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं करने वाले कामचोर अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं करते!
मंत्रीजी, आप मानते हैं कि रेगुलर #Rotation से 90% भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है, तब आप इसे कड़ाई से लागू क्यों नहीं करते! यह सब कब तक चलता रहेगा?
भोजन में कॉक्रोच
रेलमंत्री महोदय आपके द्वारा संचालित वन्दे भारत ट्रेन में यात्रियों एवं भारत देश वासियों में गलत संदेश देने वाली संस्था आईआरसीटीसी द्वारा नियंत्रित कैटरिंग फर्मों की जांच करके उन्हें तुरंत ब्लैकलिस्ट करना रेल-हित देश-हित और यात्री-हित में होगा।
उत्तर मध्य रेलवे जोन के वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन से गुजरने वाली रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से चलकर हजरत निजामुद्दीन को जाने वाली वन्दे भारत ट्रेन में मंगलवार, 18 जून को सवार दंपती भोपाल से आगरा कैंट के लिए वन्दे भारत के कोच नंबर सी-2 में राजेंद्र ने शाकाहारी भोजन का विकल्प चुना था। भोपाल आईआरसीटीसी बेस किचन सुपरवाइजर द्वारा परोसी गई पूड़ी और आलू भाजी का डिस्पोजल खोला तो उसमें मरा हुआ कोकरोच निकला
उन्होंने इसकी जानकारी अपने भतीजे विदित को दी विदित ने आईआरसीटीसी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की हे। घटना के दो दिन बाद आईआरसीटीसी ने मामला मीडिया में हाई लाइट होने पर भोजन वितरण करने वाली फर्म पर जुर्माना लगाकर मामला ठंडा कर दिया। जबकि मीडिया द्वारा झाँसी आईआरसीटीसी बेस किचन से सुपरवाजर की देखरेख में शाकाहारी भोजन चढ़ाया जाने की गलत जानकारी अंकित की गई है।
बताया गया कि झाँसी आईआरसीटीसी बेस किचन द्वारा सुबह के नाश्ते का वितरण नहीं किया जाता है। उक्त वंदेभारत ट्रेन में आईआरसीटीसी के भोपाल स्थित बेस किचन द्वारा लंच वितरण किया गया था। कॉक्रोच आलू भाजी में निकला था। इस सम्बन्ध में आईआरसीटीसी पीआरओ ने बताया कि “भोपाल आईआरसीटीसी बेस किचन द्वारा यात्रियों को लंच वितरण किया गया था। शिकायत के दौरान उक्त फर्म पर जुर्माना किया गया हे। ज्यादा अनियमितता पाए जाने पर जांच उपरांत उक्त फर्म को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है।”
बेस किचन मैनेजरों/सुपरवाइजरों का नहीं हो रहा रोटेशन
आईआरसीटीसी बेस किचन के अधिकतर मैनेजर और सुपरवाइजर वर्षों से एक ही स्टेशन पर जमे हुए हैं। झाँसी के फूडप्लाजा मैनेजर से सांठगांठ कर अवैध अनधिकृत वेंडरों का नेक्सस चलाकर ट्रेनों में खाना सप्लाई कर यात्रियों को जिस तरह से लूटा जा रहा है, इससे रेलमंत्री एवं रेलवे बोर्ड वन्दे भारत जैसी ट्रेनों में आईआरसीटीसी द्वारा विषाक्त भोजन परोसकर रेल यात्रियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे एक गलत मैसेज जा रहा है। इस पर रेलमंत्री द्वारा आईआरसीटीसी के विरुद्ध यदि शीघ्र ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में इसके बहुत बुरे दुष्परिणाम भुगतने होंगे।
झाँसी स्टेशन पर पदस्थ आईआरसीटीसी के मैनेजर/सुपरवाइजर के अधीनस्थ फूड प्लाजा में चाय बिस्किट समोसा पकोड़ा प्लेटफार्म एवं कैंटीन के आगे-पीछे रात-दिन काम करने वाले कुल वेंडरों में से मात्र 14 का ही पुलिस वेरिफिकेशन है, ऐसी बताया गया है। वर्तमान में कितने वेंडर बेस किचन में कार्यरत हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। आईआरसीटीसी के मैनेजर से पूछा गया तो वह भड़क गया। बताते हैं कि अनधिकृत वेंडरों को फूडप्लाजा मेनेजर द्वारा वर्षों से अवैध रूप से चलाया जा रहा है।
आईआरसीटीसी मैनेजर से संबंधित यात्रियों की शिकायत के संदर्भ में बात करने पर उसका कहना था कि “यह बहुत रसूखदार ठेकेदार है। फूड प्लाजा का सुपरवाइजर मेरी भी नहीं सुनता है। फूड प्लाजा की शिकायत करने से उसके ठेकेदार का कोई कुछ नही बिगाड़ सकता।” इस पर जब उससे यह पूछा गया कि क्या इसकी शिकायत उसने #IRCTC के उच्च अधिकारियों से की है या नहीं, इस पर उसने कोई जवाब नही दिया। आईआरसीटीसी के विभागीय उच्च अधिकारियों को इसका तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और अपने सभी मैनेजरों/सुपरवाइजरों को तत्काल प्रभाव से रोटेट करना चाहिए। साबरमती, कुशीनगर एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में फूड प्लाजा वेंडरों के माध्यम से रेल यात्रियों को लुटवाने का कार्य विगत कई वर्षों से निरन्तर चल रहा है।