ZRTI/भुसावल का मामला : मंदिर कब से रेलवे विजिलेंस के जूरिस्डिक्शन में आ गए?
मध्य रेलवे क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान (#ZRTI) भुसावल के परिसर में स्थित लगभग 50 साल से अधिक पुराने श्रीराम मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य #विजिलेंस इंस्पेक्टरों द्वारा रुकवा दिए जाने से #अयोध्या में 22 जनवरी को हो रही प्राण-प्रतिष्ठा के दृष्टिगत स्थानीय हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल सहित लाखों श्रद्धालुओं में भीषण आक्रोश व्याप्त है!
इस मंदिर में प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षक, प्रशिक्षार्थी, और कॉलोनी में रह रहे उनके परिजनों सहित हजारों स्थानीय लोग भी दर्शन-पूजन के लिए प्रतिदिन आते हैं तथा वही इसका चंदे एवं चढ़ावे से रख-रखाव भी करते हैं। इसका पूरा हिसाब-किताब भी रखा जाता है।
22 जनवरी से पहले मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य प्रशिक्षण संस्थान के श्रद्धालुओं द्वारा स्थानीय लोगों के सहयोग से किया जा रहा था, परंतु मध्य रेलवे विजिलेंस के दो निरीक्षकों द्वारा मंदिर के इस पुनरुद्धार का ऑब्जेक्शन लिया गया और शुक्रवार, 19 जनवरी को यह कार्य रुकवा दिया गया।
यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मंदिरों की साफ-सफाई और रख-रखाव के लिए हाल ही में 11 जनवरी को की गई #PMModi की अपील का ये हाल है, वह भी तब, जब महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार सत्ता में है!
परंतु सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि मंदिर कब से रेलवे विजिलेंस के जूरिस्डिक्शन में आ गए? जहां वास्तव में रेल रेवेन्यू की लीकेज हो रही है, वहां तो रेलवे विजिलेंस का दृष्टिपात होता ही नहीं है! रेल प्रशासन, रेलमंत्री और महाप्रबंधक/मध्य रेल को तुरंत इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और अविलंब यथोचित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे कोई बवाल न हो!