#IRMSE पर यू-टर्न: मोदीजी, क्यों नहीं #KMG को 56-J में बर्खास्त किया जाए!
प्रधानमंत्री जी, आपका रेल मंत्रालय क्या चाहता है? क्यों मेहनत करने वाले युवाओं में कन्फ्यूजन पैदा किया जा रहा है? याद रखिए, आज के बजट के सप्तऋषि मंत्रों में युवा शक्ति भी है, क्या यह कन्फ्यूजन सरकार के विरोध में युवाओं को नहीं लामबंद करेगा?
01 फरवरी 2023, #UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी करता है, जिसमें लिखा है कि #IRMS एक सर्विस है जिसके लिए इस परीक्षा से भर्ती होगी!
ध्यान रहे, #CSE (सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन) दुनिया की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में गिनी जाती है, स्पष्ट है कि देश के लाखों होनहार युवा इस परीक्षा में अपने को पूरी तरह झोंक देते हैं!
इसी तारीख को एक ‘गजट नोटिफिकेशन‘ आता है, जो 12 दिसंबर 2022 के गजट नोटिफिकेशन को निरस्त करता है, ये कहते हुए कि-
“In exercise of the powers conferred by the proviso to article 309 of the Constitution, the President hereby rescind the Indian Railway Management Service (Group A) Amendment Rules, 2022 published in the Gazette of India vide G.S.R 875(E), dated 12th December, 2022”.
अब प्रश्न यह है कि ये 12 दिसंबर 2022 का क्या ‘नोटिफिकेशन’ था? तो ये था कि जिसमें 15 फरवरी, 2022 के ‘नोटिफिकेशन को अमेंड‘ किया था। 15 फरवरी 2022 के नोटिफिकेशन से “rules regulating the method of recruitment to the Indian Railway Management Service Group-A” नोटिफाई हुए थे।
कैबिनेट ने 24 दिसंबर 2019 को “रेल की 8 ऑर्गनाइज सर्विसेज“ के एकीकरण का निर्णय लिया। इसका स्पष्टीकरण (क्लेरिफिकेशन) तीन दिन बाद आया, जिसमें तीन बातें मुख्य थीं-
॰ Unification of eight existing services of Indian Railways for Indian Railway Management Service (IRMS) will be done at all levels i.e. from Junior Scale to HAG+. However, modalities for unification and assignment of inter-se seniority will be decided by Alternative Mechanism. For this, #Ministry_of_Railways and #DOPT will together to work out the necessary formula before it is taken up by Alternative Mechanism. It will be ensured that no one will be at a disadvantage.
॰॰ 27 posts of GMs have been upgraded to apex grade. It will be ensured that eligible officers of all the erstwhile services get apex grade post of GM. In the cabinet note approved, it has been mentioned that officers of IRMS (constituted by 8 services) only will be eligible to become the Functional Members and Chairman/CEO of Railway Board. The number of Independent members will be decided by the Government. They will be Non-Executive Members and will attend the Board meetings. They will not be involved in day-to-day functioning of Railways. Their experience of market and field will help in strategic planning of Indian Railways.
॰॰॰ Future recruits to IRMS will be made through UPSC (Civil Services) in consultation with UPSC and DOPT.
यहां ये बताना आवश्यक है कि #GM पद को अपेक्स ग्रेड देने की बात पर रेलवे बोर्ड ने यू-टर्न लेते हुए कैबिनेट के निर्णय से पलटते हुए इसे वापस लेने को कह दिया।
वही 15 फरवरी, 2022 को गजट नोटिफिकेशन से अधिसूचित हुआ। फिर 12 दिसंबर 2022 को कहा गया कि आईआरएमएस की भर्ती #IRMSE द्वारा होगी, और 1 फरवरी 2023 को ढ़ाक के तीन पात!
यहां ये बताना भी जरूरी है कि 02 दिसंबर 2022 को एक डिटेल्ड क्लेरिफिकेशन रेल मंत्रालय ने “पीआईबी“ से जारी करवाया, जिसमें कहा गया-
“As per the Annual Programme of the Examination of the UPSC for the year 2023, the Civil Services (P) Examination – 2023 is scheduled to be notified and held on 01.02.2023 and 28.05.2023 respectively. Since the CSP Exam – 2023 will be utilized for screening the candidates for IRMS (Main) Examination also, the IRMS Examination – 2023 will be notified following the same schedule”.
इसके साथ ही पीआईबी की इसी ‘प्रेस रिलीज’ में बताया गया कि परीक्षा में 4 सब्जेक्ट के ऑप्शनल लेने हैं-
a. Civil Engineering,
b. Mechanical Engineering,
c. Electrical Engineering
d. Commerce and Accountancy.
इसको लेकर पूरे देश में छात्रों और परीक्षार्थियों में कन्फ्यूजन पैदा हो गया, क्या बीए पास या बीबीए पास या एमबीबीएस पढ़े छात्र इस परीक्षा को दे सकते हैं? इस पर #Railwhispers से कई छात्रों ने बात की। जवाब हमारे पास भी नहीं था।
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लेकिन तीन साल की कवायद हुई, तीन राजपत्रित अधिसूचनाएं आईं और दो मुख्य निर्णय पलट दिए गए। क्रोनोलॉजी देखिये, दिसंबर 2019 से चलती कहानी और पहली परीक्षा जिस दिन नोटिफाई हुई उसी दिन इतना बड़ा बम फोड़ दिया गया।
प्रधानमंत्री जी, आपका रेल मंत्रालय क्या चाहता है? क्यों मेहनत करने वाले युवाओं/छात्रों में कन्फ्यूजन पैदा किया जा रहा है? याद रखिए, आज के बजट के सप्तऋषि मंत्रों में युवा शक्ति भी है, क्या यह कन्फ्यूजन सरकार के विरोध में युवाओं को नहीं लामबंद करेगा?
मोदीजी, हम तो #रेलमंत्री को लगातार चेता रहे हैं कि #AIDS और #KMG से रेल भवन को निजात दिलवाईए। हमारे खुलासों के लिए हमारा निवेदन यही रहा है, और आज भी है, कि हमारे खुलासों की स्वतंत्र जांच करवाईए और अगर हमारी जानकारी सही हैं तो कार्यवाही करिए, वरना स्पष्टीकरण या खंडन जारी करिए, तब हम सार्वजनिक तौर पर अपनी रिपोर्ट्स वापस ले लेंगे!
वर्ष 2019 से लेकर आज की अधिसूचना तक, रेल मंत्री जी वही चौकड़ी IRMS को डील कर रही थी। यहां तिकड़मबाज सुशांत मिश्रा और पैराशूटर वी. के. यादव का नाम भी लेने की आवश्यकता है।
देश में युवाओं के मन में इतना कन्फ्यूजन क्यों डाला जा रहा है? रेल अधिकारी तो बेचारे कुछ नहीं कह सकते और अपने कैरियर तबाह होते देख रहे हैं। लेकिन अब इस #KMG की काली छाया ध्यान दीजिये आपकी सरकार की छवि पर पड़ रही है!
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इस तीन सालों में कई सौ अधिकारी अपने वाजिब अधिकार से वंचित हुए, इस कन्फ्यूजन के पूरे दौर में मोदी सरकार के द्वारा दिए गए इतने बड़े वित्तीय समर्थन का बेड़ा गर्क कर दिया गया। और अब ये!
हमने बार-बार ये कहा है कि मंत्री जी की टीम की विश्वसनीयता शून्य है, आज इस अकर्मण्यता को उक्त गजट नोटिफिकेशन द्वारा अधिसूचित अर्थात प्रमाणित भी कर दिया गया।
मंत्री जी, आपने कई फोरम से कहा है कि “आपने सचिव स्तर के अधिकारी को भी घर भेज दिया non-performance के लिए!“ आपका ये ‘वीडियो‘ भी बहुत वायरल हुआ जहां आपने एक वरिष्ठ अधिकारी को 56-J की धमकी या चेतावनी दी थी, क्योंकि आपको लगा उन्होंने काम ठीक से नहीं किया।
मंत्री जी, क्यों नहीं उस टीम, जिसने IRMS और IRMSE के इशू को डील किया, को उसकी अक्षमता (#incompetence) के लिए 56-J में तुरंत बर्खास्त किया जाए – जैसा कि आपने स्वयं कई फोरम से कई बार कहा है? #KMG को अपनी स्वयं की चिंता है। #TenderMan तो PhD कर लेंगे और दुनिया में इतने बड़े टेंडर करने के लिए वैसे ही लेक्चर सर्किट में चल जाएंगे। उन्हें इससे क्या मतलब है कि ये टेंडर प्लेटफार्म पर चढ़ती वैगनों के ब्रेक सिस्टम जैसी टेक्नोलॉजी ला रहे हैं या नहीं! वहीं नवीन कुमार और जितेंद्र सिंह #DRM बनने की अपनी पूरी तैयारी करा चुके हैं। आज के रेल भवन को कोई मतलब नहीं कि इन्होंने और उमेश बलौंदा जैसे अधिकारियों का बतौर इंजीनियर रेल में कोई योगदान नहीं, लेकिन इस सब के सबसे बड़े लाभार्थी यही हैं।
युवाओं को ऐसे दिग्भ्रमित न करें!
मंत्री जी, अब तो चेत जाइए! #KMG को आपका आश्रय मोदी सरकार पर निश्चित रूप से काली परछाई डालेगा।
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दो इतने बड़े निर्णय वापस लेने पड़े, यह अक्षम्य है। ये, रेल भवन के “crisis of competence“ का स्पष्ट द्योतक है। सेक्रेटरी 4 साल से लुक ऑफ्टर है, नवीन कुमार जैसे अकर्मण्य और अक्षम अधिकारी इन मामलों को लगातार डील कर रहे थे!
किसी और व्यवस्था में इस माइंडलेस नोटिफिकेशन के साथ प्रशासनिक कार्यवाही होती उनके खिलाफ जिन्होंने इस मुद्दे को डील किया है। इसे डील करने वाले आपके ही सलाहकार समूह में हैं। रेल और देश में फैले कन्फ्यूजन, और मनोबल टूटने के उत्तरदाई सुशांत मिश्रा और वी. के. यादव भी हैं, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन पर भी चार्ज फ्रेम किए जाएं और सजा सुनिश्चित की जाए!
बाकी शिशुपालों को रेलमंत्री जी कब तक पालेंगे, मोदी जी 2024 के चुनाव का बिगुल बजा चुके हैं और आपके #KMG गिरोह को रेल भवन में पीयूष गोयल के निर्णयों को, जैसे रेल भवन में इफरात अधिकारियों की संख्या घटाना, पलटने के अलावा और कुछ नहीं सूझ रहा!,
गेंद अब आपके पाले में है रेलमंत्री साहब!
क्रमशः जारी…
प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी