डॉ जे पी रावत ने ग्रहण किया प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक का कार्यभार
प्रयागराज ब्यूरो: बाराबंकी उत्तर प्रदेश के मूल निवासी डॉ जे पी रावत ने 25 जुलाई 2022 को उत्तर मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक (पीसीएमडी) का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी से और एमबीबीएस केजीएमसी लखनऊ से और उसके बाद मनोचिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय, कॉलेज – टीएनएमसी बी वाई एल नायर अस्पताल मुंबई सेंट्रल से मनोरोग चिकित्सा में डिप्लोमा में प्रथम रैंक प्राप्त किया।
उन्होंने रेलवे में अपनी सेवा पश्चिम रेलवे स्वास्थ्य इकाई अमलनेर, जिला जलगांव, मुंबई सेंट्रल मंडल से प्रारंभ की थी। उन्होंने जगजीवन राम रेलवे अस्पताल मुंबई सेंट्रल में एडीएमओ, डीएमओ, सीनियर डीएमओ के रूप में भी काम किया, फिर उप मुख्य चिकित्सा निदेशक/टीएंडए चर्चगेट मुंबई के रूप में कार्य किया। तत्पश्चात 2017 तक जगजीवन राम रेलवे अस्पताल मुंबई में मनोचिकित्सक के रूप में काम किया।
उन्होंने जगजीवन राम अस्पताल मुंबई सेंट्रल में कार्य करने के दौरान मुंबई के कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन से मान्यताप्राप्त मनोचिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स विकसित किया। यहां 20 से अधिक छात्रों ने मनोरोग चिकित्सा पाठ्यक्रम में डिप्लोमा उत्तीर्ण किया है। मनोचिकित्सक के रूप में इनके राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में कई पेपर प्रकाशित हुए।
इन्होंने प्रोफेसर विक्टर प्रीडी की पुस्तक में शराब के दुरुपयोग के विषय में माध्यमिक न्यूरोसाइकिएट्रिक विकारों में न्यूरोपैथोलॉजी विषय पर एक अध्याय लिखा। उन्होंने मनोचिकित्सा (सिजोफ्रेनिया) के मामलों के लिए अल्कोहल ग्रुप थेरेपी और केयर गिवर ग्रुप थेरेपी भी विकसित की, जिसमें लोगों को अपने मानसिक रूप से बीमार रिश्तेदारों की देखभाल करने के बारे में शिक्षित किया गया।
इन्होंने अगस्त 2019 तक सीएमएस, राजकोट के रूप में काम किया और वहां फिजियोथेरेपी विभाग विकसित किया। उन्होंने सीएमएस मुंबई सेंट्रल के रूप में भी काम किया तथा मनोचिकित्सा के छात्रों की मदद करने के साथ ही मनोचिकित्सा के मामलों को फिर से पढ़ाया और देखा। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने कोरोना के प्रति जागरूकता और इससे बचाव के लिए 12 से अधिक ऑडियो क्लिप बनाए।
डॉ रावत के प्रयासों ने रेलवे लाभार्थियों में घबराहट, चिंता और भावनात्मक सदमे से संबंधित मौतों को कम किया। उनकी ऑडियो क्लिप को स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित किया गया, जिसकी सभी ने सराहना की। बाद में उन्होंने सीएमएस भावनगर गुजरात के रूप में काम किया। वहाँ भी उन्होंने अल्कोहल ग्रुप थेरेपी विकसित की।