June 17, 2022

सीबीआई ने कोटा मंडल में मारा छापा, ₹40 करोड़ के घोटाले की आशंका!

सीबीआई की टीम ने कोटा मंडल में गुरुवार, 16 जून 2022 को छापेमारी की है। टीम ने ₹40 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की आशंका जताई है। यह घोटाला मार्बल चूरा भेजने से जुड़ा है, जिसे फिटकरी पाउडर बताकर भेजा गया था!

कोटा: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) की टीम ने पश्चिम मध्य रेलवे, कोटा मंडल में गुरुवार, 16 जून 2022 को में छापेमारी की है। इस दौरान ₹40 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। यह घोटाला मार्बल पाउडर भेजने से जुड़ा हुआ है, जिसे फिटकरी (एलम) पाउडर बताते हुए भेजा गया है। बताया जा रहा है कि ऐसी करीब 100 मालगाड़ियां कोटा से गुवाहाटी असम भेजी गईं हैं।

यह कथित फिटकरी पाउडर की मालगाड़ियां कोटा मंडल के भरतपुर, कोटा, रावठा रोड और मांडलगढ़ माल गोदाम से असम गुवाहाटी भेजा गया था। बताते हैं कि यह पूरा घोटाला एक फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। जानकारों का कहना है कि एक भी मालगाड़ी में एलम पाउडर नहीं भेजा गया। इसकी जगह मार्बल पाउडर ही भेजा गया। जबकि रेलवे में ऑनलाइन रेक बुक होने के बाद ही यह माल भरा जाता है। सीबीआई के राडार पर इसमें 100 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं। इस पूरे गड़बड़झाले के चलते रेलवे को लगभग ₹40 करोड़ के नुकसान की आशंका जताई गई है।

₹40 करोड़ के गड़बड़झाले की आशंका:

सीबीआई के अनुसार इन मालगाड़ियों में फिटकरी के नाम पर मार्बल पाउडर भेजा गया है, जबकि फिटकरी भेजने का भाड़ा ₹1200 प्रति टन है। मार्बल पाउडर का भाड़ा ₹2800 से ₹2900 प्रति टन है। एक मालगाड़ी में 60 डिब्बे होते हैं और एक डिब्बे में 42 टन से ज्यादा माल आता है। इन मालगाड़ियों में मार्बल पाउडर भेजा गया है, जिसमें एक मालगाड़ी से भाड़ा करीब ₹70.56 लाख होना चाहिए था। जबकि पैसा फिटकरी पाउडर की दर से ₹30.24 लाख वसूला गया है। इस तरह देखा जाए तो एक मालगाड़ी में लगभग ₹40.32 लाख से ज्यादा का नुकसान रेलवे को होने की आशंका है।

अब तक 100 मालगाड़ियों की हुई पुष्टि, जांच जारीः

सीबीआई सूत्रों का कहना है कि अभी एक साल के रिकॉर्ड की जांच की गई है और स्टाफ से भी पूछताछ कर मौके से पाउडर के सैंपल भी लिए हैं। इसमें अभी तक भेजे गए माल में लगभग 100 मालगाड़ियों की पुष्टि हो गई है, लेकिन अभी भी जांच जारी है। जांच के दौरान मालगाड़ियों की संख्या बढ़कर ज्यादा हो भी सकती है। यह काम बीते कई सालों जारी है। इस पूरे सिस्टम में नीचे के छोटे कर्मचारियों से लेकर ऊपर बड़े अधिकारियों तक पूरी चेन बनी हुई है। इसके जरिए केवल एक ही फर्म को फायदा हुआ है। सीबीआई के सूत्रों ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है।

10 से 15 लोगों की टीम ने एक साथ मारा छापाः

सीबीआई सूत्रों के अनुसार 10 से 15 सदस्यों की टीम ने एक साथ भरतपुर, कोटा और मांडलगढ़ में छापा मारा था। सीबीआई की टीमों ने मौके से बहुत सी फाइलें जब्त की हैं। इसके बाद अब इनकी आगे की जांच की जाएगी। दूसरी तरफ रेलवे में इस पूरी कार्रवाई की चर्चा जोर शोर से हो रही है। कोटा से लेकर पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय, जबलपुर तक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले की मॉनिटरिंग में लगे कई अधिकारियों पर भी सीबीआई का शिकंजा कस सकता है।

विजिलेंस और लेखा विभाग की भूमिका संदिग्ध, रेलवे ने पहले भी लगाया था जुर्मानाः

सीबीआई सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में रेलवे विजिलेंस और लेखा विभाग की भूमिका की भी जांच की जाएगी। सीबीआई जानना चाहती है कि लंबे समय से चल रहे इतने बड़े घोटाले की भनक आखिर विजिलेंस और चल लेखा निरीक्षकों को क्यों नहीं लगी? रेलवे के लेखा और विजिलेंस ने अपनी जांच में किसकी गलती मानी थी? इस मामले में पहले भी शिकायत सामने आई थी, जिस पर रेलवे पहले गड़बड़ी मान चुकी थी। इसमें संबंधित फर्म पर जुर्माना भी लगाया गया था। हालांकि संवेदक ने इस जुर्माने को जमा कराने की जगह रेलवे ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी।

रेल प्रशासन अपने को बता रहा पाक-साफः

रेलवे के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय का कहना है कि यह एक नॉर्मल जांच थी। इसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है। एक कोऑर्डिनेशन बनाकर विजिलेंस और सीबीआई की टीम ने एक नॉर्मल इंक्वायरी की है। अभी उन्होंने कोई रिकॉर्ड जप्त नहीं किया है। वे अधिकारिक रूप से रिकॉर्ड मांगेंगे, तब देखेंगे। अधिकारियों को पूछताछ के लिए जयपुर बुलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। उन्होंने इस पूरे मामले को एक रेगुलर चेकिंग बताया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी तो चेक किया है, फिटकरी और मार्बल पाउडर के मामले में कुछ बोल नहीं सकते, लेकिन पूरा चेक होगा और असलियत बाद में ही सामने आएगी।

Courtesy:
https://www.etvbharat.com/hindi/rajasthan/city/kota/cbi-raid-in-kota-railway-division/rj20220616221404324324756