April 15, 2022

सौर मिशन एनसीआर-2021-22

वित्तीय वर्ष 2021-22 में उ.म.रे. द्वारा सौर ऊर्जा से 124 लाख यूनिट बिजली उत्सर्जित सौर ऊर्जा के उपयोग से 5.01 करोड़ की शुद्ध राजस्व बचत और 10,500 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी दर्ज हुई

उत्तर मध्य रेलवे ने सभी 17 जोनल रेलवे में रूफटॉप सोलर प्लांट से सौर ऊर्जा उत्पादन की उच्चतम उत्पादकता दर्ज की

प्रयागराज ब्यूरो: सौर मिशन पर राष्ट्रीय पहल के अनुसरण में, उत्तर मध्य रेलवे ने सौर ऊर्जा उत्पादन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उत्कृष्ट रख-रखाव, सौर ऊर्जा संयंत्रों के संचालन की सघन मॉनिटरिंग और सौर मिशन-2021-22 के तहत किए गए अभिनव प्रयासों के कारण, वर्ष 2021-22 में उत्तर मध्य रेलवे में सौर संयंत्रों की उत्पादकता सभी जोनल रेलवे में सबसे अधिक रही है।

उत्तर मध्य रेलवे ने 2020-21 के दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग करके 106 लाख यूनिट ऊर्जा उत्पन्न की थी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में, सौर ऊर्जा का उपयोग करके 124 लाख यूनिट ऊर्जा उत्पन्न की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण के एक बड़े लक्ष्य की ओर एक बड़ी छलांग है, क्योंकि सौर ऊर्जा, ऊर्जा का एक हरित स्रोत है, इससे राजस्व में भी पर्याप्त बचत हुई है।

उत्तर मध्य रेलवे ने वर्ष 2021-22 में सौर ऊर्जा का उपयोग करके ₹5.01 करोड़ की शुद्ध राजस्व बचत हासिल की है। वित्त वर्ष 2020-21 में जहां ₹3.97 करोड़ की शुद्ध राजस्व बचत हुई, वहीं इस साल सौर ऊर्जा के उपयोग से राजस्व बचत में 26% का सुधार दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि यह सुधार बिना किसी अतिरिक्त खर्च के किया गया है।

उत्तर मध्य रेलवे की कुल स्थापित क्षमता 11.03 मेगावाट है। इसमें से 120 kWp रेलवे द्वारा स्थापित किया गया है। शेष 10882.34 kWp क्षमता दो प्रमुख सौर ऊर्जा डेवलपर्स (SPD) Azure और ReNew द्वारा सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर स्थापित की गई है।

स्टेशन भवन, कार्यशालाएं, प्रशिक्षण संस्थान, महाप्रबंधक कार्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन आदि प्रमुख स्थानों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं।

इस वर्ष सौर ऊर्जा का उपयोग करके उत्तर मध्य रेलवे द्वारा कार्बन उत्सर्जन में लगभग 10,500 टन की कमी की गई है।

सौर संयंत्रों के प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण पैरामीटर कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर (सीयूएफ) है। उत्तर मध्य रेलवे के सौर पैनलों ने वर्ष के दौरान 12.8% का सीयूएफ दर्ज किया है, जो सभी 17 जोनल रेलों में सबसे अधिक है।

सौर ऊर्जा के प्रयोग के संवर्धन के लिए सौर संयंत्रों के रखरखाव को अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है। इसके लिए उठाए गए कुछ कदम इस प्रकार हैं –

• प्रत्येक संयंत्र के लिए प्रत्येक इनवर्टर की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता की निगरानी की जा रही है।

• ऊर्जा और सीयूएफ संयंत्रों की मासिक के स्थान पर दैनिक मॉनिटरिंग की जा रही है।

• छत की मरम्मत, इनवर्टर, केबल आदि के कारण खराब/विघटित संयंत्रों को ठीक किया गया है।

• सौर पैनलों की गुणवत्तापूर्ण सफाई पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

• सौर्य संयंत्रों के निकट सूर्य की किरणों को अवरोधित करने वाले पेड़ों की छंटाई की जाती है।

• अनुरक्षण कर्मचारियों की ट्रेनिंग और संवेदीकरण के लिए 25 प्वाइंट सोलर मिशन रेडी रेकनर सचित्र रूप में जारी किया गया।

• हिंदी में 25 विषयों पर तकनीकी और व्यावहारिक उपयोगी वीडियो क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों के ज्ञानवर्धन के लिए जारी किए गए हैं।

• ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण डेटा के व्यवस्थित प्रलेखन और मॉनिटरिंग के लिए एसएसई को सोलर डायरी की प्रणाली की शुरुआत की गई।

महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने इस उपलब्धि के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को बधाई दी और कुल गैर-कर्षण विद्युत ऊर्जा खपत में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है।

उत्तर मध्य रेलवे में सौर प्रतिष्ठानों के लिए भविष्य की योजना:

दीर्घकालीन योजनाः स्वर्णिम डायगनल एवं स्वर्णिम चतुर्भुज के अंतर्गत आने वाले रेल मार्गों (लगभग 1320 एकड़) के साथ उपलब्ध खाली भूमि पर 249 मेगावॉट, रेलवे स्टेशनों (लगभग 185 एकड़) के पास खाली भूमि पर 46.25 मेगावाट, विभिन्न भवनों की छत के ऊपर 1.86 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र मे रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) द्वारा स्थापना की कार्य योजना पहले ही बना ली गई है।

इस वर्ष के लिए योजना: चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 1.5 MWP सौर संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

झांसी मंडल के अंतर्गत डीआरएम कार्यालय, रेलवे हॉस्पिटल एवं इलेक्ट्रिक लोको शेड प्रांगण में 331.1 किलोवाट पॉवर क्षमता के सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिनसे वर्ष 2021-22 में 417104 KWP ऊर्जा उत्पादन किया गया तथा वर्ष 2020-21 में कुल 399446 यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ। इस दौरान ₹1376443 के रेल राजस्व की बचत, कार्बन फुटप्रिंट्स में 350.37 टन की कमी आई है तथा कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर 14.4% रहा है।