उ.म.रे.: 2021-22 में रेलमार्गों के निर्माण कार्य में आई तेजी, पूरे किए उल्लेखनीय ढ़ांचागत कार्य
अच्छी गतिशीलता और समयपालन सुनिश्चित करने के लिए समय पर आधारभूत संरचना का विस्तार महत्वपूर्ण: प्रमोद कुमार, महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे
2021-22 में उत्तर मध्य रेलवे ने हासिल की 80.48 प्रतिशत समयपालन की उपलब्धि
प्रयागराज ब्यूरो: वर्ष 2021-22 उत्तर मध्य रेलवे के लिए उपलब्धियों का वर्ष रहा है। वर्ष के दौरान बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना के विस्तार कार्य पूरे किए गए है। इनमें से निम्नलिखित कार्य विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं –
1. वर्ष 2021-22 में 51.2 किमी दोहरीकरण का कार्य किया गया। इसमें कानपुर-वीरांगना लक्ष्मीबाई मार्ग के विभिन्न खंडों का दोहरीकरण शामिल है। 2022 में कानपुर-वीरांगना लक्ष्मीबाई खंड का दोहरीकरण पूरा हो जाएगा। इस दोहरीकरण परियोजना के तहत भीमसेन से पामा तक 17 किमी दोहरीकरण का काम इसी अप्रैल माह में ही पूरा होना लक्षित है।
2. वर्ष 2021-22 में 71.89 किमी का तिहरीकरण का कार्य पूरा हुआ। इसमें क्रमशः आगरा, झांसी और प्रयागराज मंडल के धौलपुर से भांडई, वीरांगना लक्ष्मीबाई से बबीना और नैनी से प्रयागराज छिवकी खंड शामिल हैं। अप्रैल में ही ललितपुर से बिजरौठा के 28 किमी खंड के तिहरीकरण कार्य को भी पूरा करने की योजना है। यह काम झांसी-बीना तीसरी लाइन परियोजना का एक हिस्सा है।
3. आगरा मंडल के छात्ता-अझई-वृंदावन-भूतेश्वर के बीच 28.04 किमी चौहरीकरण का काम भी इसी वर्ष पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही मथुरा-पलवल चौथी लाइन का 80 किमी का पूरा प्रोजेक्ट 2021-22 में पूरा हो गया। अप्रैल 2022 में, प्रयागराज मंडल के भाऊपुर और पनकी (10.245 किमी) के बीच चौथी लाइन को भी चालू करने की योजना है।
इसके अलावा, उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर वर्ष के दौरान 18 नए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया और 46 फुट ओवर ब्रिजों का सुधार किया गया। इसी क्रम में, 8 नए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) चालू किए गए और 46 नए रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) 2021-22 में पूरे किए गए। यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तर मध्य रेलवे के 8 स्टेशनों पर कवर ओवर प्लेटफॉर्म की सुविधा प्रदान की गई और उत्तर मध्य रेलवे के 21 स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म विस्तार का काम पूरा किया गया।
आधारभूत संरचना के विस्तार के साथ, उत्तर मध्य रेलवे की गतिशीलता भी बढ़ रही है। सुनियोजित परिचालन प्रबंधन और आधारभूत संरचना के विस्तार संयुक्त प्रभाव से पिछले कुछ वर्षों में उत्तर मध्य रेलवे में कोचिंग ट्रेनों के समयपालन में काफी सुधार हुआ है। 2017-18 में जहां उत्तर मध्य रेलवे में कोचिंग ट्रेनों का समयपालन लगभग 52% थी, वहीं क्षमता वृद्धि के परिणामस्वरूप अब उत्तर मध्य रेलवे का समयपालन 80.48% हो गया।
इसे उत्तर मध्य रेलवे का अब तक का सबसे अच्छा वार्षिक समयपालन आंकड़ा कहा जा सकता है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में समयपालन 86.92% था, लेकिन इस तथ्य को देखते हुए कि उस दौरान COVID के कारण बहुत कम ट्रेनों का संचालन हो रहा था। अत: 2021-22 के समयपालन के आंकड़े ही ट्रेन संचालन में सुधार की सही तस्वीर प्रस्तुत करते हैं।
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार का कहना है कि जब तक संरचनात्मक बाधाओं को दूर नहीं किया जाता और बढ़ती मांग के अनुरूप क्षमता विस्तार नहीं किया जाता, तब तक गतिशीलता में सुधार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि फील्ड अधिकारी समय पर कार्य निष्पादन करते हुए, आधारभूत संरचना परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे भविष्य की जरूरतों के लिए समय पर दूरदर्शी योजना बनाएं।
झांसी मंडल के अंर्तगत वीरांगना लक्ष्मी बाई – कानपुर रेलखंड पर दो खंडों में 51.2 किमी रेलखंड का दोहरीकरण पूरा हुआ, जिसमें 19.14 किमी का चौंराह-पुखरायां-मलासा तथा 32.05 किमी का नंदखास-मोठ-एरिच रोड-परौना खंड है। धौलपुर – झाँसी तथा झांसी-बीना खंड पर तीसरी लाइन के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
इसके अंतर्गत गत वित्तीय वर्ष में वीरांगना लक्ष्मीबाई से बबीना के मध्य 25.35 किमी के रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। 94.45 किमी खंड पर इंजन को चलाया गया है। जिसमें बानमोर-ग्वालियर (19.36 किमी), आंतरी- डबरा (18.61 किमी), बबीना-बसई (12 किमी) तथा माताटीला-ललितपुर के मध्य 44.48 किमी रेलखंड है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल के व्यस्ततम खंडों में से झांसी मंडल द्वारा एक खंड पर रेलगाडियों का संचालन किया जाता है। इस दौरान समय पालनता भी 83.16 % रही है।