स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग हेतु स्टेशनों पर स्टाल उपलब्ध कराएगा रेल प्रशासन
गोरखपुर ब्यूरो: बजट 2022-23 में की गई घोषणा के अनुरूप लोकल (स्थानीय) कारीगरों, शिल्पकारों, कुम्भकारों, बुनकरों एवं जन-जातियों के बेहतर जीविकोपार्जन एवं कल्याण हेतु रेल प्रशासन द्वारा रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म पर स्थानीय उत्पादों के मार्केटिंग हेतु ‘स्टाल’ निर्धारित स्थान पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे स्थानीय उत्पादों जैसे कि खाद्य पदार्थ, हस्त शिल्प उत्पाद, कलाकृतियां, हथकरघा इत्यादि क्षेत्र विशेष के अनुसार रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर शो-केस किया जाएगा। इससे ‘लोकल से ग्लोबल’ की ओर जाने के प्रयास को बल मिलेगा।
इसी क्रम में, रेलवे बोर्ड द्वारा एक पाॅयलट प्रोजेक्ट के माध्यम से सभी क्षेत्रीय रेलों के एक अथवा दो स्टेशनों पर इस योजना को प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे पर ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ योजना के कार्यान्वयन हेतु पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गोरखपुर जंक्शन एवं बनारस स्टेशन का चयन किया गया है। गोरखपुर जंक्शन पर टेराकोटा हस्तशिल्प तथा बनारस स्टेशन पर आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी के प्रदर्शन हेतु पायलट प्रोजेक्ट 25 मार्च, 2022 से 15 दिनों के लिए चलाया जाएगा।
‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ के अंतर्गत गोरखपुर जंक्शन पर टेराकोटा हस्तशिल्प तथा बनारस स्टेशन पर आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी के प्रदर्शन हेतु स्टाल एवं कियोस्क लगाने के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जहां आने-जाने वाले यात्रियों की पहुंच आसान हो। 15 दिनों की अवधि के लिए चलाए जाने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट हेतु ₹500 की टोकन राशि ली जाएगी।
रेल अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा शिल्पकारों एवं यात्रियों से इसका फीडबैक लिया जाएगा। ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत गोरखपुर जंक्शन पर टेराकोटा हस्तशिल्प के स्टाल हेतु पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वाणिज्य विभाग तथा बनारस स्टेशन पर आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी का स्टाल लगाने के लिए वाराणसी मंडल के वाणिज्य विभाग से इच्छुक व्यक्तियों द्वारा संपर्क किया जा सकता है।
विदित हो कि ‘टेराकोटा उत्पाद’ गोरखपुर जनपद का ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ के रूप में भी नामित है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर इसका स्टाल लगाए जाने से यहां के हस्तशिल्पियों का उत्साहवर्धन होगा तथा विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद को एक बेहतर मार्केट मिलेगा।