एकाउंट्स स्टाफ को गुमराह कर रहे हैं कुछ धोखेबाज!
रेलवे बोर्ड और जोनल रेलों के प्राधिधिकारियों को भी वास्तविक स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे समस्त एकाउंट्स स्टाफ का कन्फ्यूजन दूर हो और वह धोखाधड़ी करने वालों के बहकावे में न आए!
“एकाउंट्स स्टाफ को इंतजार है कि पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग का एरियर (1 जनवरी 1996 से) कब आ रहा है? अथवा कब तक आएगा? कब मिलेगा? सोशल मीडिया पर रोजाना इस विषय पर नए-नए कमेंट्स और मैसेज देखने-सुनने को मिल रहे हैं।” यह कहना है एकाउंट्स स्टाफ एसोसिएशन के वर्तमान जनरल सेक्रेटरी कृष्ण कुमार का।
इस संदर्भ में एकाउंट्स स्टाफ को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया रेलवे एकाउंट्स स्टाफ एसोसिएशन (एआईआरएएसए) के जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि इस पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग के एरियर्स के लिए जो भी एलिजिबल स्टाफ होगा, उसकी सारी सूचना/जानकारी/विवरण सभी जोनल रेलों के पास है। यदि आवश्यक हुआ तो रेलवे बोर्ड सभी जोनल रेलों से यह जानकारी और डिटेल मंगा सकता है, चाहे वह स्टाफ सेवा में हो या रिटायर हो गया हो। इसमें किसी भी स्टाफ को पेनिक होने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि पूर्व जनरल सेक्रेटरी रेजी जार्ज एकाउंट्स स्टाफ से प्रतिदिन यह अपील कर रहे हैं कि “वे अपना नाम, मोबाइल नंबर, कार्यरत कार्यालय इत्यादि विवरण उन्हें भेजें, पर उन्होंने स्टाफ को यह नहीं बताया कि इस डिटेल और लिस्ट का वह क्या करेंगे?”
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में निर्मल डे, पूर्व सेक्रेटरी फाइनेंस एवं रिटायर्ड एएफए ने एक मैसेज पोस्ट किया कि “जो स्टाफ अपना पूरा डिटेल नहीं देगा, वह एरियर्स से हाथ धो बैठेगा, अर्थात वह एरियर्स पाने से वंचित रह जाएगा।” जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि उनके इस मैसेज को रेजी जार्ज सपोर्ट कर रहे हैं। इस तरह स्टाफ को गुमराह करना कहां तक उचित है?
एआईआरएएसए के वर्तमान जनरल सेक्रेटरी का कहना है कि रेजी जार्ज, जो वर्तमान में एक सेवानिवृत्त कर्मचारी है, और वह किसी भी कमेटी में नहीं है, स्टाफ के किसी मामले से अब उसका कोई लेना-देना भी नहीं है, वह भी पत्र लिख कर, व्हाट्सएप मैसेज भेजकर, सभी स्टाफ को गुमराह कर रहा है कि “लिस्ट भेजो।” उनका कहना है कि “मुझे अब तक यह बात समझ में नहीं आई कि जब हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट और रेलवे बोर्ड ने अभी तक कोई लिस्ट नहीं मांगी है, तो ये भाई साहब कौन हैं, और सबको क्यों मिसगाइड कर रहें हैं?”
उन्होंने कहा कि अगर हमारे एकाउंट्स के कोई भी मित्र रेजी जार्ज और पार्थो भट्टाचार्य के संपर्क में हैं, तो वे कृपया रेजी जार्ज और उनसे पहले जो जनरल सेक्रेटरी (जीएस) थे, से बस केवल यह पूछने का कष्ट करें कि “क्या जो लिस्ट देगा, सिर्फ उसको ही एरियर्स मिलेगा, या सभी एलिजिबल एकाउंट्स स्टाफ को मिलेगा?”
उनका कहना है कि अभी तक किसी को यह पता नहीं है कि वास्तव में हमारी याचिका – कोर्ट केस का विषय/दावा क्या था? मैंने उनसे पूछा, तो मुझे कोई उत्तर नहीं मिला। कहीं ऐसा तो नहीं है कि पूरे एकाउंट्स स्टाफ के साथ धोखा किया जा रहा है? क्योंकि कोर्ट केस लड़ने में सारा पैसा एसोसिएशन (एआईआरएएसए) का लगा है, किसी ने अपनी जेब से व्यक्तिगत रूप से खर्च नहीं किया है। उन्होंने कहा कि “हम सबके पैसे पर केस लड़ना और हम सबको ही धोखा देना, ये बिल्कुल बर्दास्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि इसका स्पष्टीकरण होना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने एकाउंट्स के अपने सभी साथियों से निवेदन करते हुए कहा कि “यदि वे उन सबके संपर्क में हैं, तो कृपया इस विषय पर रेजी जार्ज, पार्थो भट्टाचार्य और उन्नीकृष्णन से स्पष्ट कराएं कि क्या सिर्फ लिस्ट देने वाले एकाउंट्स स्टाफ को ही एरियर्स मिलेगा या पूरे एलिजिबल एकाउंट्स स्टाफ को मिलेगा?”
उन्होंने इस संदर्भ में रेलवे बोर्ड और सभी जोनल रेलों के प्रशासनिक अधिकारियों से भी निवेदन किया है कि वे भी वास्तविक स्थिति को यथाशीघ्र स्पष्ट करें, जिससे समस्त एकाउंट्स स्टाफ का कन्फ्यूजन दूर हो और वह धोखाधड़ी करने वालों के बहकावे में न आए।
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