ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में पूर्वोत्तर रेलवे का सराहनीय प्रयास
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर सजगतापूर्ण प्रयास कर रहा है। गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोत के रूप में सोलर प्लांट, सोलर पम्प, सोलर गीजर, स्ट्रीट लाइट का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसके साथ ही स्टार रेटेड विद्युत उपकरणों के प्रयोग को प्राथमिकता दी जा रही है।
इसके फलस्वरूप नॉन ट्रैक्शन विद्युत ऊर्जा की खपत में काफी कमी आई है। दिसबर, 2021 तक पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 4.72 एमडब्ल्यूपी क्षमता के रूफ टाप सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। चालू वित्त वर्ष में दिसंबर, 2021 तक 4.26 एमडब्ल्यूपी सोलर पैनल से कुल 32.87 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जिसके फलस्वरूप ₹1.42 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई।
पूर्वोत्तर रेलवे पर 77 प्रतिशत से अधिक रूट किमी. का विद्युतीकरण हो चुका है और इस समय पूर्वोत्तर रेलवे पर 162 जोड़ी एक्सप्रेस/पैसेंजर स्पेशल गाड़ियों का संचालन विद्युत लोको से हो रहा है, जिसके फलस्वरूप डीजल खपत में भारी कमी हुई है।
वर्ष 2021-22 में लोको शट डाउन से अब तक कुल 5021 किलो लीटर हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) की बचत हुई है, जिससे लगभग ₹43.5 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई है।
ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय योगदान को देखते हुए परिवहन क्षेत्र में पूर्वोत्तर रेलवे को “राष्ट्रीय ऊर्जा पुरस्कार-2021” का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए गोरखपुर स्टेशन को वाणिज्यिक भवन श्रेणी में उत्तर प्रदेश ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार का प्रथम पुरस्कार, गोंडा रेलवे स्टेशन को द्वितीय पुरस्कार, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ को शासकीय भवन श्रेणी में तृतीय पुरस्कार तथा यांत्रिक कारखाना, इज्जतनगर को औद्योगिक वर्ग में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
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