बच सकता था डिरेलमेंट! बच सकती थीं नौ अमूल्य जिंदगियां!
इंजन सहित पूरी गाड़ी में कहीं भी कुछ ऐसा नीचे लटक या घिसट रहा है, जो ट्रैक/स्लीपर्स या जमीन पर रगड़ खा रहा है, इसका अंदाजा लोको पायलट को तुरंत होना चाहिए था। यह क्यों नहीं हुआ? यह विचारणीय प्रश्न है!
सुरेश त्रिपाठी
अगर चुनार होम स्टेशन के गेट नं. 122 पर पड़े स्क्रैच मार्क्स समय पर देख लिए जाते, तो न केवल ट्रेन नं. 15633 अप बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस का डिरेलमेंट बचाया जा सकता था, बल्कि 9 अमूल्य जिंदगियां भी बच सकती थीं। इसके साथ ही सैकड़ों यात्री घायल होने से बच जाते।
#RailSamachar को एक अनजान स्रोत से एक सीसीटीवी फुटेज मिला है। यह फुटेज चुनार होम स्टेशन के तुरंत बाद पड़ने वाले क्रासिंग गेट नं. 122 का बताया गया है।
यह सीसीटीवी फुटेज 12/13 जनवरी 2022 की दरम्यानी रात के 2 बजकर 4/5 मिनट का है। इसमें गाड़ी गुजरने से पहले गेट स्पष्ट रूप से एकदम साफ और समतल दिखाई दे रहा है। यह ऑपरेटिंग गेट बताया गया है।
परंतु गाड़ी पास होने के बाद, जिस ट्रैक से गाड़ी गुजरी है, उसके बीच में दो लंबे स्क्रैच मार्क साफ दिखाई दे रहे हैं, जो कि गाड़ी गुजरने से पहले नहीं थे।
चूंकि यह ऑपरेटिंग गेट है, अर्थात अगर संबंधित मंडल के ऑपरेटिंग अधिकारियों ने थोड़ी सी भी अतिरिक्त सतर्कता और सक्रियता दिखाई होती, तो चुनार से थ्रू पास होने के तुरंत बाद मैसेज पास करके गाड़ी को आगे के प्रथम हाल्ट या उससे पहले कहीं रोककर अच्छी तरह से चेक किया जा सकता था। इससे नौ अमूल्य जिंदगियां बच सकती थीं, और डिरेलमेंट भी!
आखिर चुनार के बाद यह गाड़ी लगभग तीन घंटे बाद लगभग 5 बजे सुबह न्यू डोमोहनी और न्यू मायनागुरी के बीच ब्लाक सेक्शन में जाकर डिरेल हुई थी।
आश्चर्यजनक यह भी है कि इन तीन घंटों में इस गाड़ी ने सैकड़ों ऐसे क्रासिंग गेट और तमाम स्टेशन पार किए होंगे, तथापि किसी भी गेटमैन या प्वाइंट्समैन ने अथवा पायलट्स या गार्ड ने इन स्क्रैच मार्क्स और गाड़ी की जर्किंग पर कोई ध्यान नहीं दिया!
आश्चर्य इस बात का भी है कि लोको पायलट (एलपी) और असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) के साथ-साथ ट्रेन के गार्ड अर्थात तथाकथित ट्रेन मैनेजर को भी यह जर्क चुनार से पहले या चुनार होम स्टेशन का उपरोक्त गेट पार करते हुए अथवा उसके तुरंत बाद क्यों समझ में नहीं आया? क्योंकि इंजन सहित पूरी गाड़ी में कहीं भी कुछ ऐसा नीचे लटक या घिसट रहा है, जो ट्रैक/स्लीपर्स या जमीन पर रगड़ खा रहा है, इसका अंदाजा तो लोको पायलट्स और गार्ड को तुरंत होना चाहिए था। यह क्यों नहीं हुआ? यह विचारणीय प्रश्न है।
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