भावनगर मंडल: आरक्षित रेल टिकटों की कालाबाजारी में पकड़े गए रेलकर्मियों को मंडल अधिकारियों का संरक्षण!
बुकिंग क्लर्क नितिन दुमानिया द्वारा प्राप्त व्हाट्सएप संदेश के आधार पर तत्काल आरक्षित टिकटें निकालकर आरोपी ताहिर को भेजी जाती थीं तथा ताहिर टिकटों का पैसा कमीशन के साथ नितिन के बैंक खाते में जमा करवा दिया करता था!
पश्चिम रेलवे, भावनगर मंडल के वेरावल आरपीएफ द्वारा आरक्षित रेल टिकटों (जेसीआरटी) की कलाबाजारी में लिप्त पाए जाने पर रेल अधिनियम की धारा 143 के तहत अपराध संख्या 70/2021, दिनांक 28.04.21 को मामला दर्ज कर सासण रेलवे स्टेशन के बुकिंग क्लर्क संदीप अग्रावत, तलाला स्टेशन के बुकिंग क्लर्क मनीष श्रीवास्तव, विसावदर स्टेशन के बुकिंग क्लर्क नितिन भाई तथा दामनगर स्टेशन के डिप्टी एसएस शिव कृपाल पासवान को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल उक्त चारों आरोपी रेलकर्मी रेलवे कोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर हैं।
बताते हैं कि 24 अप्रैल को सासण रेलवे स्टेशन पर आरक्षित तत्काल टिकटों की कालाबाजारी के संदर्भ में एक मुखबिर से प्राप्त गुप्त सूचना पर वेरावल आरपीएफ पोस्ट के उप निरीक्षक उदयभान सिंह ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेकर उनके मार्गदर्शन में सासण स्टेशन के यात्री आरक्षण केंद्र की एक बुकिंग विंडो विशेष पर छापा मारकर तीन तत्काल आरक्षित टिकट बरामद किए।
बरामद टिकटों का विवरण:
1. अहमदाबाद-लखनऊ, यात्री-4, मूल्य – ₹2880/-
2. सूरत-शाहगंज, यात्री-1, मूल्य – ₹2075/-
3. सूरत-मुजफ्फरपुर, यात्री-4, मूल्य – ₹3740/-
उपरोक्त तीनों आरक्षित तत्काल टिकट आरक्षण केंद्र, सासण के बुकिंग क्लर्क संदीप अग्रावत द्वारा निकाली गई थीं और टिकटों की उपरोक्त कीमत क्रमशः ₹8800, ₹3500, ₹8000 यात्रियों से लिया पाया गया। चूंकि मामला स्पष्टत: टिकटों की कालाबाजारी का था, अतः इसमें तत्काल सात लोगों की धड़पकड़ की गई।
गिरफ्तार आरोपियों का विवरण:
आरोपी नं.1: इरफान पुत्र सरफराज अंसारी, उम्र-38, धंधा-सिलाई काम, रहिवासी – रहीमभाई की चाली, मिल्लत नगर, मणिनगर, चारमीनार मस्जिद के पास, अहमदाबाद।
आरोपी नं.2: महबूब अली उर्फ गुड्डू पुत्र अब्दुल जब्बार अंसारी, उम्र-46, धंधा-छुटक मजूरी, रहिवासी – नागोरी की चाली, हंजर सिनेमा के सामने, अहमदाबाद।
आरोपी नं.3: फेजल उर्फ तोसिफ पुत्र हनीफभाई गोरी उम्र-28, धंधा-छुटक मजूरी, रहिवासी – साइगरा कोशलावाड़ी झोपड़पट्टी, वेरावल, जिला – गीर सोमनाथ।
आरोपी नं.4: संदीप पुत्र गिरीशभाई अग्रावत, उम्र 28, धंधा- नौकरी, रेलवे में बुकिंग क्लर्क, तैनाती-सासण रेलवे स्टेशन, रहिवासी – मेनबाजार सासण गीर, तालुका मेंदरणा, जिला – जूनागढ़।
आरोपी नं.5: मनीष कुमार पुत्र अदर कुमार श्रीवास्तव, धंधा – नौकरी, रेलवे में बुकिंग क्लर्क, तैनाती – तलाला रेलवे स्टेशन।
आरोपी नं.6: शिव कृपाल पासवान पुत्र जानकी पासवान, उम्र-39, पद- स्टेशन मास्टर, दामनगर रेलवे स्टेशन, रहिवासी – खादी कार्यालय मार्केटिंग यार्ड के सामने, दामनगर, जिला – अमरेली।
आरोपी नं.7: ताहिर अली पुत्र हसन अली, उम्र-28, धंधा – टाइल्स बिक्री, रहिवासी – धोबी शेरी गली, वोहरा मस्जिद के पास, सावर कुंडला, जिला – अमरेली।
लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि इसके बावजूद इन चारों रेल कर्मचारियों का निलंबन तो बहुत दूर की बात, केवल सासन गिर स्टेशन के बुकिंग क्लर्क संदीप अग्रावत को छोड़कर बाकी तीनों क्लर्क अपने-अपने स्टेशनों पर पूर्ववत नौकरी कर रहे हैैं।
रेल प्रशासन के इस रवैए को देखते हुए क्या यह नहीं माना जाना चाहिए कि मंडल के इनके वरिष्ठ रेल अधिकारी इन्हें अब भी खुला सपोर्ट कर रहे हैं और उनकी गलतियों तथा अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं? जबकि सबको इस मामले की जानकारी दी गई है और सभी को यह बहुत अच्छी तरह से ज्ञात है कि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टर माइंड तलाला स्टेशन का बुकिंग क्लर्क मनीष श्रीवास्तव है।
विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में अभी और भी रेल कर्मचारी तथा बाहरी व्यक्ति वांछित हैं और उनकी गिरफ्तारी भी जल्दी ही हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि आरपीएफ को इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि उक्त चारों रेल कर्मचारी सीधे अहमदाबाद और सूरत के अवैध टिकट एजेंटों के संपर्क में थे, जो इनके द्वारा बनाई गई टिकटों और कमीशन के पैसे सीधे या तो इन रेल कर्मचारियों के स्वयं के बैंक खातों में या इनकी पत्नियों के खातों में अथवा इनके जानने वाले बाहरी व्यक्तियों के खातों भेजते रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि आरपीएफ द्वारा इस मामले की पूरी तरह से तह में जाकर जांच की जा रही है।
इस मामले में अभी तक 4 रेलकर्मियों के अतिरिक्त 4 बाहरी व्यक्ति/एजेंट, कुल 8 व्यक्तियों, को आरपीएफ वेरावल की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
बुकिंग कलर्क नितिन दुमानिया तैनात-विसावदर रेलवे स्टेशन की टिकटों की कालाबाजारी करने और गिरफ्तारी के संबंध में आरपीएफ ने सम्मन जारी किया था।
दिनांक 28.04.2021 को आरपीएफ वेरावल पोस्ट पर रेलवे एक्ट की धारा 143 के तहत दर्ज अपराध संख्या 70/2021, दि. 28.04.2021 के मामले में अब तक रेलवे टिकटों की कालाबाजारी के आरोप में कुल सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें तीन रेल कर्मचारी भी शामिल हैं। दि. 13.06.2021 को आरोपी नं. 7 ताहिर अली को सम्मन के जरिए आरपीएफ द्वारा बुलाया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान ताहिर अली ने स्वीकार किया कि वह विसावदर रेलवे स्टेशन पर तैनात बुकिंग क्लर्क नितिन दुमानिया से लागातार फोन पर एक दूसरे के संपर्क में रहता था। यह बात सीडीआर रिपोर्ट से भी प्रमाणित होती है तथा वह व्हाट्सएप के जरिए विसावदर रेलवे स्टेशन पर तैनात बुकिंग क्लर्क नितिन को तत्काल टिकट निकालने के बारे में संदेशों का आदान-प्रदान करता था, जिस पर बुकिंग क्लर्क नितिन के द्वारा प्राप्त संदेश के आधार पर तत्काल टिकट निकालकर आरोपी ताहिर को भेजी जाती थीं तथा ताहिर टिकटों का पैसा कमीशन के साथ नितिन के बैंक खाते में जमा करवा दिया करता था, जो नितिन के बैंक खाते में भी दिख रहा है और इस बात को – नितिन दुमानिया एवं ताहिर अली – दोनों आरोपियों द्वारा स्वीकार भी किया है ।
आरपीएफ द्वारा दि. 15-16.06.2021 को बुकिंग क्लर्क नितिन दुमानिया को सम्मन देकर वेरावल पोस्ट बुलाया गया तथा पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया गया, जिसमें उपरोक्त प्रकरण में उसकी संलिप्तता पाई गई है। तत्पश्चात उसको उपरोक्त प्रकरण में आरोपी नं. 8 बनाकर गिरफ्तार किया गया तथा दि. 17.06.2021 को रेलवे मजिस्ट्रेट, राजकोट के समक्ष पेश किया गया।
इस पूरे मामले की जांच और उपरोक्त सभी आरोपियों की गिरफ्तारी आरपीएफ वेरावल पोस्ट के उप निरीक्षक उदयभान सिंह, भावनगर मंडल, पश्चिम रेलवे द्वारा की गई है।
मामले के जानकारों का कहना है कि इतने बड़े घोटाले की जानकारी ऊपर के अधिकारियों को न हो, इस पर शायद ही किसी को विश्वास होगा। उनका यह भी कहना था कि आरपीएफ की इस कार्यवाही से लगता है अब आरक्षित रेल टिकटों की कालाबाजारी पर यथोचित अंकुश लग पाएगा।
तथापि उपरोक्त मामले में प्रमाण सहित लिप्त पाए गए चारों रेलकर्मियों को न तो आज तक निलंबित करके ड्यूटी से अलग किया गया है और न ही उनके विरुद्ध ऐसा कोई कारगर मैसेज दिया गया है कि भ्रष्टों को कुछ सबक मिले। इससे एक तरफ जहां भ्रष्ट रेलकर्मियों को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट देकर संबंधित अधिकारियों द्वारा उनको पूरा सहयोग दिया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ आरक्षित टिकटों की कालाबाजारी के तार रेल में ऊपर तक जुड़े होने का यह पुख्ता संकेत भी है।
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