जीएम पैनलिस्ट्स की डीपीसी संपन्न, एसीसी में पेंडिंग पड़ा पैनल
पांच महीने से ज़्यादा खराब हो चुके हैं अधिकारियों के, इस देरी का औचित्य क्या है?
सुरेश त्रिपाठी
खबर है कि “जीएम पैनल-2021” में शामिल वरिष्ठ रेल अधिकारियों की डीपीसी लगभग पंद्रह दिन पहले संपन्न हो चुकी है। तथापि पैनल अब तक एसीसी के पास ही पेंडिंग पड़ा है। ऐसे में अभी भी जीएम पोस्टिंग की जल्दी उम्मीद नहीं की जा रही है।
रेलवे बोर्ड के हमारे विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि यह डीपीसी भी पुराने स्थापित नियमों के अनुसार ही हुई है। उनका कहना है कि चार महीनों से यही कहा जा रहा था कि नई व्यवस्था के हिसाब से नए नियम बनाए जा रहे हैं, इसलिए जीएम पोस्टिंग में देर हो रही है।
मगर सूत्रों का कहना है कि यह सब ढ़कोसला था, यदि समय पर पोस्टिंग करने की बोर्ड की नीयत होती, तो उसे ऐसा करने से कोई नियम नहीं रोक रहा था। उनका कहना था कि इसके लिए सिर्फ डीओपीटी को सुचित करना या उसकी सामान्य सहमति ले लेना ही पर्याप्त होता।
सूत्रों का यह भी कहना था कि हर साल जीएम पैनल महीनों लेट होता है। इसकी एडवांस प्लांनिंग नहीं की जाती है, क्योंकि बोर्ड का पूरा स्थापना विभाग अंदरुनी खुरपेंच की राजनीति में उलझा रहता है। यहां हर कोई अपनी अक्ल के अनुसार अपने नियम बनाने के नाम पर अपनी तुगलकी विशेषज्ञता दर्शाता है।
इसके अलावा पैनल उपलब्ध होने पर भी जीएम पोस्टिंग में देरी इसलिए होती है, क्योंकि कोई भी पोस्टिंग “मुफ्त” में नहीं होती है। बोर्ड मेंबर्स की पोस्टिंग में भी यही अलिखित नियम लागू होता है।
इस बारे में जानकारों का कहना है कि व्यवस्था का यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि राजनीतिक नेतृत्व अपने निहित उद्देश्य में व्यस्त रहता है और दलालों या बिचौलियों के भरोसे व्यवस्था का संचालन करता है। इसका भरपूर फायदा नौकरशाही उठाती है और इस सबका नुकसान अंततः व्यवस्था और जनता को भुगतना पड़ता है।
ऐसे में लगभग छह माह का कामकाजी समय व्यर्थ गवा चुके जीएम पैनलिस्ट्स सभी वरिष्ठ रेल अधिकारी एक तरफ बुरी तरह हताश और निराश हैं, तो दूसरी तरफ वे कहीं न कहीं यह भी मानकर चुप हैं कि वर्तमान महामारी के समय की कठिन ज़िम्मेदारियों के निर्वाह से प्रकृति ने उन्हें मुक्त रहने का अवसर दिया है।
तथापि वह यह भी मानते हैं कि यदि जीएम पैनल आज भी एसीसी से फाइनल होकर आ जाए, तो भी वर्तमान व्यवस्था के चलते एक-डेढ़ महीने का समय फाइनल पोस्टिंग में लग सकता है।
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