October 25, 2020

क्या है बिना किसी अंतिम और पुख्ता परिणाम वाली वर्चुअल इंटरेक्टिव मीटिंग्स का औचित्य?

Vedio Conferencing: All the GMs, DRMs & PHODs interacting with Minister for Railways Piyush Goyal and CEO/Railway Board Vinod Kumar Yadava.

जब किसी जीएम को दो-तीन जोनों का कामकाज देखना पड़े, तो उसकी परेशानी और उस पर पड़ रहे कार्य-भार का मानसिक दबाव और तनाव का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। जबकि जीएम पैनल की स्वीकृति मिलकर लगभग दो महीने होने जा रहे हैं, तथापि दस महीनों से अब तक खाली पड़े जीएम पदों पर नियुक्ति का दूर-दूर तक कहीं कोई अता-पता नहीं है!

सुरेश त्रिपाठी

रेलवे में पिछले करीब सात महीनों से कुछ नहीं हो रहा है, सिवाय तथाकथित वर्चुअल इंटरेक्टिव मीटिंग्स अथवा वीडियो काँफ्रेनसिंग में गाल बजाने के! इन कथित वेबिनार और वर्चुअल मीटिंग्स तथा वीडियो काँफ्रेनसिंग का भी कोई अंतिम परिणाम (इंड रिजल्ट) नहीं नजर आता।

पूरी भारतीय रेल लगभग आठ महीनों से ठप पड़ी है। जो कुछ कथित ट्रेनें पूर्व निर्धारित समय पर ही “स्पेशल” के नाम पर चलाई भी जा रही हैं, उनका आम जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा, क्योंकि स्पेशल के नाम पर तमाम प्रतिबंधों/शर्तों को लागू करने के साथ ही जनता को मिल रही सभी यात्रा रियायतें खत्म कर दी गई हैं।

अब जहां तक बात रेलवे की अंदरुनी प्रशासनिक एवं प्रबंधन व्यवस्था की है, तो छोटे-बड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्चुअल मीटिंग्स एवं डाटा कलेक्शन में कुछ इस तरह उलझाकर रखा जा रहा है जैसे कोई बहुत बड़ा “राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम” चलाया जा रहा है।

वास्तविकता यह है कि यह समस्त डाटा किसी राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम के लिए नहीं, बल्कि खुद की पार्टी और राजनीतिक विकास के लिए इकट्ठा कराया जाता रहा है। मगर यह कार्यक्रम कुछ इस तरह चालाकीपूर्वक चलाया जा रहा है जैसे कि कोई बहुत बड़े महान कार्य को अंजाम दिया जा रहा हो।

लगातार वर्चुअल मीटिंग्स, जिनके लिए न शनिवार देखा जा रहा है, न रविवार, और न ही दिन या रात, अथवा अन्य कोई छुट्टी या त्यौहार, और डाटा कलेक्शन के लिए हर दिन और दिन में भी दासियों बार अलग-अलग मिलने वाले विभिन्न प्रकार के भिन्न निर्देशों से तंग-आजिज आ चुके और बुरी तरह थक-अस्वस्थ हो चुके अधिकारी कुछ कह भी नहीं पा रहे हैं।

पिछले साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले जहां रेलमंत्री ने जोनल रेलवेवार रेल कार्यों-परियोजनाओं की कथित समीक्षा के नाम पर समस्त डाटा इकट्ठा करवाकर उसका राजनीतिक उपयोग किया था, अब वही प्रक्रिया राज्यवार शुरू कराई गई है। अधिकारी कहते हैं कि अभी फिलहाल तो ऐसा कोई बड़ा चुनाव भी नहीं होने वाला है, फिर भी मंत्री जी यह राज्यवार रेल परियोजनाओं की समीक्षा क्यों करवा रहे हैं, समझ के बाहर है। निरर्थक कार्यों के बोझ से दबे इन अधिकारियों को शायद यह स्मरण नहीं रह गया है कि चालू बिहार विधानसभा चुनाव के बाद आगे हर साल लगातार कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, जैसे पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश आदि।

स्मरणीय है कि सभी जोनल जीएम्स को बोर्ड मेंबर के स्तर का दर्जा दिए जाने की घोषणा बड़े गाजे-बाजे के साथ की गई थी और इसकी शान में बड़े-बड़े कसीदे पढ़े गए थे तथा इसका बड़ा-बड़ा राजनीतिक प्रचार करके भारी-भारी क्रेडिट भी लिया गया था। परंतु जमीनी सच्चाई यह है कि यह काम आज तक धरातल पर नहीं उतरा है। जबकि उक्त घोषित पदोन्नति का लॉलीपॉप चूसते हुए सभी जोनल जीएम दिन-रात काम कर रहे हैं, बल्कि कुछ को तो दो-दो, तीन-तीन जोनों की गधा-मजूरी करने के लिए भी लगाया हुआ है।

लगभग दस महीनों से कुछ जोनल रेलों में जीएम के पद खाली हैं। इनका अतिरिक्त कार्यभार अन्य जोनल जीएम को वहन करना पड़ रहा है। एक जोन का ही इतना अधिक कामकाज होता है, वही संभालने में एक जीएम को सुबह से रात तक काम करते-करते पसीना आ जाता है। ऐसे में जब उसे दो-तीन जोनों का कामकाज देखना पड़े, तो उसकी परेशानी और उस पर पड़ रहे कार्य-भार (वर्क लोड) का मानसिक दबाव और तनाव का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। जबकि एसीसी से जीएम पैनल की स्वीकृति (02.09.2020) मिलकर लगभग दो महीने होने जा रहे हैं, तथापि दस महीनों से अब तक खाली पड़े उक्त जीएम पदों पर नियुक्ति का दूर-दूर तक कहीं कोई अता-पता नहीं है।

कोरोना महामारी के चलते खुद की सुरक्षा और सोशल डिस्टेंस के भीषण दबाव में मानसिक रूप से भयंकर अस्वस्थ हो रहे एक जोनल जीएम का कहना था कि “भाई, बड़ी मरन है, रेलवे तो अब सिर्फ कहने भर के लिए राष्ट्रीय परिवहन (नेशनल ट्रांसपोर्टर) रह गई है, फिलहाल हम नाममात्र की गाड़ियां चला रहे हैं और रेल का जो मुख्य काम है – ट्रांसपोर्टेशन – वह छोड़कर बाकी वो सब काम कर रहे हैं, जो हमारे चपरासी स्तर के हैं।”

खीझ और दबाव से संतप्त इन जीएम महोदय का कहना था कि “वर्चुअल मीटिंग्स से फुर्सत नहीं है, न हमारी कोई सोशल लाइफ रह गई है, और न ही परिवार को हम कोई समय दे पा रहे हैं। कामकी तसल्ली भी इसलिए नहीं होती है, क्योंकि हम बिना कोई अंतिम या पुख्ता परिणाम दिए रात-दिन कोल्हू के बैल की तरह चकरघिन्नी बनकर रह गए हैं। पिछले सात-आठ महीनों से हम सब लाखों रुपये महीने का वेतन ले रहे हैं, परंतु हमारा जो रेल चलाने का मुख्य काम है, वही तब से निलंबित करके रखा गया है। ऐसे में हम देश के विकास में और व्यवस्था के उन्नयन अथवा परिमार्जन में अपना कोई उपयोगी योगदान नहीं कर पा रहे हैं, इसका मलाल हमें भी होता है।”

जहां कुछ जीएम्स दिन-रात काम और वर्चुअल मीटिंग्स करके हलकान हो रहे हैं, वहीं एकाध ऐसे भी हैं, जो जीएम जैसे महत्वपूर्ण सरकारी पद पर बैठकर सरकारी या राजनीतिक वरदहस्त पाकर गुलछर्रें उड़ाते हुए पंजीरी भी फांक रहे हैं। देखें-

देखें – वर्चुअल इंटरेक्टिव मीटिंग्स की एक ताजा बानगी

Dear GMs / DRMs

Presentations are scheduled for..

a. National Rail Plan ( NRP) 2030, and

b. Data Analytics and Artificial Intelligence at 10.30 AM on 24 October 2020, Saturday.

Objective is to get suggestions/Views from Divisions/Zones to finalise the National Rail Plan and also an action plan to implement it in a time bound manner.

A comprehensive action plan is also required to be finalised on Artificial Intelligence and Data Analytics, which are emerging technologies and are required to be used by Indian Railways extensively.

We need to train our officers, who have appropriate aptitude, in these fields with a view to have an in-house talent pool.

GM/SCR has taken excellent initiative to setup a Centre of Excellence in Hyderabad in collaboration with ISB.

Already 87 officers were exposed to a very high quality training module.

We expect GMs/DRMs to nominate Technology Officers for Zones/Divisions and also identify officers with appropriate aptitude for training in this field.

Request :

1. Please ensure maximum participation in the presentation scheduled on 24 October.

2. Please share a copy of presentations with officers.

3. Encourage officers to send their suggestions/ views on both presentations (separately) to ED E&R.

4. There is an interaction session after the presentation. Only those officers will be invited to share their thoughts, who have sent their views to ED E&R in advance  and indicated willingness to speak during interaction.

5. All GMs are requested to send the comments of Zonal Railways on NRP latest by 31 October 2020, duly taking views of Divisions. The comments of divisions may be annexed as an Annexure  to the report of Zonal Railways. We intend to finalise the NRP by 15 November taking into consideration the views of Zonal Railways .While finalising the NRP, we will have to keep in view that it is to be implemented in a time bound manner.

6. All GMs are requested to send their views / suggestions on Artificial Intelligence / Data Analytics by 31 October 2020 duly taking views/ suggestions of Divisions.

All the best 

Warm Regards 

Vinod Yadav

Intelligencia re-scheduled

The “Interactive meeting on Artificial Intelligence & Data Analytics and National Rail Plan (NRP) through Video Conference on 24.10.2020” by Chairman & CEO and Board Members, has now been re-scheduled at 1530 hrs on 24.10.2020. 

Link for the Video Conference shall be provided soon.

Regards

Umesh Balonda

ED E&R