महंगाई भत्ते की गणना के लिए सरकार ने बदला आधार वर्ष
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार ने किया एक और काला संशोधन
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने औद्योगिक श्रमिकों के महंगाई भत्ते की गणना के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की नई सीरीज जारी की है। इसमें 15 साल बाद बदलाव किया गया है। अंतिम बदलाव 2001 में हुआ था, जिसे अब आधार वर्ष 2016 के हिसाब से जारी किया गया है।
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि आने वाले सालों में हर 5 साल पर आधार वर्ष संशोधित किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि इस इंडेक्स के जरिए ही औद्योगिक श्रमिकों के महंगाई भत्ते की गणना की जाती है।
केंद्रीय श्रम मंत्री का दावा किया कि “इस नई व्यवस्था से वर्तमान स्थितियों के आधार पर महंगाई भत्ते का प्रभावी तौर पर आकलन करने में आसानी होगी और यह वास्तविकता के ज्यादा करीब रहेगा।”
सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2001 की श्रंखला में इससे जुड़े 78 केंद्र हुआ करते थे जिन्हें वर्ष 2016 की श्रंखला में बढ़ाकर 88 कर दिया गया है।
श्रमिक वर्ग से जुड़ी आय और खर्च के सर्वेक्षण के लिए जहां पहले 41,040 परिवारों को शामिल किया जाता था, अब इसका सैंपल साइज 48,384 कर दिया गया है। इसके अलावा खुदरा मूल्य के आंकड़े जो पहले 289 बाजारों से इकट्ठा होते थे, अब इनकी संख्या भी बढ़कर 317 हो गई है।
क्या होता है उपभोक्ता मूल्य सूचकांक:
महंगाई भत्ते की गणना के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक एक महत्वपूर्ण मापदंड है। इसका इस्तेमाल सेवाओं एवं वस्तुओं की एवरेज वैल्यू यानि औसत मूल्य मापन के लिए किया जाता है।
वस्तुओं एवं सेवाओं के एक स्टैंडर्ड ग्रुप (मानक समूह) के औसत मूल्य की गणना करके इसका गणन किया जाता है। इसका इस्तेमाल अर्थव्यवस्था में खुदरा मुद्रास्फीति का आकलन करने एवं कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) की गणना के लिए भी होता है।
डीए पर नहीं पड़ेगा प्रभाव:
श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डीपीएस नेगी ने कहा कि नई श्रंखला के आंकड़ों से डीए प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अभी डीए जितना है, उसी हिसाब से रहेगा। आने वाले दिनों में डीए तब इकट्ठा किए गए आंकड़ों के आधार पर निर्भर करेगा।
डीए 21% करने की थी तैयारी:
इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने डीए के भुगतान को हरी झंडी दे दी थी। प्रक्रिया भी शुरू होने वाली थी लेकिन मार्च में कोरोना महामारी के चलते लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान डीए के भुगतान पर रोक लगा दी गई।
यह रोक 30 जून 2021 तक के लिए लगाई गई है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को जो महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है, वह 17% है। इसको बढ़ाकर 21% करने की तैयारी थी।
खानपान का हिस्सा घटकर हुआ 39.17%:
सूचकांक में खाने पीने से जुड़ी चीजों का हिस्सा वर्ष 1982 में 57% हुआ करता था, जिसे वर्ष 2001 में घटाकर 46.2% कर दिया गया था। वर्ष 2016 सीरीज में इसे और घटाकर 39.17% किया गया था।
पान, सुपारी और तंबाकू सहित मादक पदार्थों का हिस्सा वर्ष 2016 में 2.07% हो गया है। वहीं पेट्रोल डीजल और बिजली वर्ष 2001 के 6.43% के बजाय 5.5% पर है। कपड़े, चप्पल-जूते और बिस्तर जैसी चीजों में का हिस्सा वर्ष 2001 के 6.57% से घटकर 6.08% हो गया है।
#railway #inflation #index #priceindex #customer_price_index #DA #inflationindex #उपभोक्ता_मूल्य_सूचकांक