कदाचार और भ्रष्टाचार का अड्डा बना रेलवे बोर्ड विजिलेंस
जरूरत है रेलवे बोर्ड विजिलेंस में बैठे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अविलंब बदला जाए !
प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड विजिलेंस द्वारा एक इंवेस्टीगेशन इंस्पेक्टर (आईआई) को #NorthernRailway की तरफ से #CBI में #RSO नॉमिनेट किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि कमाल यह है कि यह आईआई #NERailway गोरखपुर का #PWI है, जो नियम से उत्तर रेलवे का आरएसओ नॉमिनेट नहीं किया जा सकता है।
खबर है कि रेलवे बोर्ड विजिलेंस ने एक आईआई को @RailwayNorthern की तरफ से #CBI में #RSO नॉमिनेट किया है
कमाल यह है कि ये आईआई @nerailwaygkp का #PWI है,जो नियम से उ.रे.का RSO नॉमिनेट नहीं हो सकता है
जरूरत है कि रे.बो.विजिलेंस के हर अधिकारी और कर्मचारी को तुरंत बदला जाए@RailMinIndia pic.twitter.com/E0gBaNF6hq— RAILWHISPERS (@Railwhispers) August 16, 2020
रेलवे बोर्ड विजिलेंस में ही एक और महान आईआई है, जिसका टेन्योर खत्म होने पर इसे उसके पैरेंट कैडर और रेलवे में बैक करने के बजाय इसे वहीं पर “प्रजेंटिंग ऑफीसर” (#PO) बना दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि इस महान खिलाड़ी ने बतौर आईआई न तो कभी कोई खास केस किया, न ही इसे कभी कोई विशेष कठिन केस सौंपा गया था, और अब इसने आजतक कोई केस #प्रजेंट भी नहीं किया है।
सूत्रों का कहना था कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह महान आईआई न सिर्फ बोर्ड विजिलेंस के अधिकारियों की चापलूसी और जी-हजूरी में रहता है, बल्कि ऑफिस से लेकर घर तक उनकी #जरूरतों की “आपूर्ति” भी करता है? इसके अलावा यदि जरूरत बताई गई, तो इसके द्वारा दौरों के दौरान भी उनके लिए सारी “व्यवस्था” मुहैया कराई जाती है?
जोनल रेलवे के सूत्र बताते हैं कि इसे जब #आईआई के लिए #झांसी से स्पेयर किया गया था, तब इसके खिलाफ एक चार्जशीट भी पेंडिंग थी!
https://twitter.com/kanafoosi/status/1295137147968565248?s=19
ऐसा ही एक और महान खिलाड़ी है, रेलवे बोर्ड विजिलेंस में, जो आईआई बनकर आया था, लेकिन शिकायत होने पर इसे तुरंत बैक-टू-पवेलियन करने के बजाय सिर्फ फील्ड में जाने से रोक दिया गया।
परंतु चूंकि इसे ऑफिसर्स की वसूली में इतनी महारत हासिल हो चुकी थी कि इसे न सिर्फ एक्सटेंशन पर बोर्ड में ही रखा गया, बल्कि रेलवे बोर्ड विजिलेंस की सबसे ज्यादा संवेदनशील (सेंसिटिव) और कमाऊ पोस्ट पर “गजटेड सेक्शन” में लगा दिया गया।
जबकि रेलवे बोर्ड विजिलेंस में यह भी #आरबीगैंग की ही एक प्रमुख कड़ी बताया गया है। यही नहीं, हाल ही में बोर्ड विजिलेंस से लगभग धकिया कर निकाले गए आरबीगैंग के मुखिया को डीएफसीसी में इसी वसूली और तिकड़मबाजी को बनाए रखने के उद्देश्य से ज्वाइन करा दिया गया है।
एक और भी है जो आईआई में आया था लेकिन शिकायत होने पर फील्ड में जाने से रोक दिया गया
ऑफिसर्स की वसूली में इतना माहिर है कि इसे न सिर्फ एक्सटेंशन पर रखा गया बल्कि रे.बो. विजिलेंस की सबसे सेंसिटिव पोस्ट गजटेड सेक्शन में लगा दिया गया
रेलवे बोर्ड विजिलेंस में #आरबीगैंग की ही एक कड़ी है— RAILWHISPERS (@Railwhispers) August 17, 2020
इसी तरह रेलवे बोर्ड विजिलेंस में ईडी/विजि./इले. के पद पर बैठे मोस्ट वांटेड आर. के. राय को लगभग 6 साल से भी ज्यादा हो चुका है, जबकि विजिलेंस अधिकारियों के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की गाइडलाइन सिर्फ 2 या 3 साल के कार्यकाल तक के लिए ही है।
यहां बोर्ड विजिलेंस के विश्वसनीय सूत्रों का ही कहना है कि “राय साहब को सभी नियम और गाइडलाइन ताक पर रखकर इतना लंबा विजिलेंस टेन्योर इसलिए दिया गया, क्योंकि इन्होंने घमासान सिंह जैसे कई महाकदाचारियों को विजिलेंस और सीबीआई से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अतः पहले घमासान सिंह का और अब दूसरे कैडर बिरादरी वर्तमान सीआरबी का वरदहस्त उन्हें मिलना तो तय ही था।”
ED/E/V/RB #RKRai is holding the post for about 6 yrs
Whereas @CVCIndia Guideline is 2-3 yrs max
The very purpose of rotating of #RlyOfficers on #sensitive_posts & Vig is defeated
Earlier he was blessed by GhanshyamSingh, now blessed by the present #CRB@PMOIndia@RailMinIndia pic.twitter.com/QFF4IODK78
— RAILWHISPERS (@Railwhispers) July 22, 2020
इसी तरह सीपीडी/आरई/दानापुर पर भी कैडर बिरादरी होने के नाते वर्तमान सीआरबी पर यह आरोप लग रहा है कि उनके वरदहस्त के चलते ही उसे हटाया नहीं जा रहा है, जबकि उसका टेन्योर कब का खत्म हो चुका है।
यही नहीं, उन्हें हटाना तो दूर की बात है, बल्कि पिछले करीब दो साल से उन्हें आरई/हावड़ा का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा हुआ है।
इसके अलावा सीपीडी/आरई/दानापुर पर रेलवे बोर्ड विजिलेंस प्रमुख का भी वरदहस्त बताया जाता है, जो कि सभी संवेदनशील पदों पर बैठे अधिकारियों को उनका टेन्योर खत्म होने पर उन्हें हटाने या अन्यत्र शिफ्ट करने का फरमान समय-समय पर जारी करते हैं।
सूत्रों का कहना है कि “इस सबका मतलब तो यही निकलता है कि सभी प्राधिकारों को उनका “ड्यू” समय पर पहुंच रहा है, तो व्यवस्था जैसी चल रही है, वैसी ही चलती रहे! फिर भले इसके चलते पूरी व्यवस्था ही चौपट क्यों न हो जाए!”
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ऐसे में देखा जाए तो पूरा का पूरा रेलवे बोर्ड विजिलेंस भ्रष्टाचार और कदाचार का सबसे बड़ा अड्डा बना हुआ है, जिसकी अब सफाई जरूरी हो गई है।
When the #Encounter will be made on #corruption? #ModiGovt was formed on this issue but corruption is continue in full swing
No action initiated by Ministers, but patronizing corrupt officers
It looks like the CVC&Vigilance is put in isolation & quarantined after their share? https://t.co/LvshnC9Qu8
— RAILWHISPERS (@Railwhispers) July 11, 2020
जरूरत इस बात की है कि रेलवे बोर्ड विजिलेंस के हर अधिकारी और कर्मचारी को तुरंत बदला जाए!
रेलमंत्री पीयूष गोयल यदि अपने ठीक ऊपर चल रहे इस कुप्रबंधन और कदाचार को ही ठीक करके व्यवस्थित कर लें, तो न सिर्फ रेलवे की अवस्था सुधर सकती है, बल्कि प्रबंधन सही और उचित तरीके से होने पर रेलवे की बदौलत वह अपनी जनविरोधी छवि को भी चार चांद लगा सकते हैं।
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#विजिलेंस ने अब तक #रोहतक_महम_हांसी लाइन की जांच शुरू क्यों नहीं की?
क्या विक्रम सिंह के एफिडेविट पर संज्ञान लिया?
भ्रष्टाचार का नंगा नाच अधिकारी कब तक करेंगे, कब तक चलेगी भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति?
क्या विजिलेंस कठपुतली के साथ ही फील्ड अधिकारी का पार्टनर भी है?#जिम्मेदार_कौन https://t.co/MWFoDAN9Ni— RAILWHISPERS (@Railwhispers) July 18, 2020
Fix responsibility/accountability or send home all these type of corrupt & non-working officials, and abolish all ZonalRailways’ construction organisation units
#VigilanceMafia #CorruptIIRB #pmmodi #pmoindia #cvc
#भ्रष्टाचार ही #भ्रष्टाचार
12 करोड़ की लागत पहुंची 24 करोड़#किशनगंज_दिल्ली का अंडरपास
10 साल में भी पूरा नहीं किया
DyCE/C/TlkBrdg
घटिया सामग्री/लाइन लेवल का जीता जागता उदाहरण
टेढ़ा मेधा बनाया
उचित मात्रा में सीमेंट नहीं डाली
वाटर लीकेज
देश का पैसा बरबाद कर रहे ये भ्रष्ट अधिकारी pic.twitter.com/fydNSmqI8Y— RAILWHISPERS (@Railwhispers) August 13, 2020