राजीव अग्रवाल को सौंपा गया जीएम/उ.म.रे. का अतिरिक्त कार्यभार

रेलवे बोर्ड पर लग रहा है पक्षपात एवं विसंगतिपूर्ण निर्णय लेने का आरोप

गोरखपुर ब्यूरो : रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने अपने दायित्वों के साथ ही 31 जुलाई, 2018 को उत्तर मध्य रेलवे, इलाहाबाद के महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुढ़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक श्री अग्रवाल 1982 में भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग सेवा (आईआरएसईई) के अधिकारी के रूप में रेल सेवा में आए. अपने उत्कृष्ट कैरियर के दौरान श्री अग्रवाल ने अनेक महत्वपूर्ण पदों पर सफलतापूर्वक कार्य किया है. तदनुसार उन्होंने मुख्य विद्युत इंजीनियर, मध्य रेलवे, मंडल रेल प्रबंधक, चक्रधरपुर, दक्षिण पूर्व रेलवे, मुख्य विद्युत लोको इंजीनियर, पूर्व मध्य एवं पश्चिम रेलवे तथा मुख्य विद्युत इंजीनियर/रोलिंग स्टाक, मुंबई रेलवे विकास निगम इत्यादि पदों के दायित्वों का निर्वाह सफलतापूर्वक किया.

31 जुलाई को ही सेवानिवृत्त हुए रवीन्द्र गुप्ता के बाद मेंबर रोलिंग स्टॉक, रेलवे बोर्ड का अतिरिक्त कार्यभार स्वयं चेयरमैन, रेलवे बोर्ड अश्वनी लोहानी को सौंपा गया है. पड़ोसी रेलवे होने के नाते राजीव अग्रवाल को महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे, इलाहबाद और मेट्रो रेलवे, कोलकाता के महाप्रबंधक अजय विजयवर्गीय को दक्षिण पूर्व रेलवे, कोलकाता का अतिरिक्त कार्यभार दिया जाना पूरी तरह से उचित है. परंतु 31 मई को राजीव गुप्ता के सेवानिवृत्त होने के बाद भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी (नायर), बड़ोदा के डीजी का अतिरिक्त कार्यभार सुदूर आईसीएफ, चेन्नई के महाप्रबंधक को दिए जाने का कोई औचित्य किसी की भी समझ से परे है.

जानकारों का कहना है कि अब तक ‘नायर’ का कार्यभार पश्चिम रेलवे अथवा उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधकों को सौंपा जाता रहा है, जो कि सबसे नजदीकी हैं. इसी प्रकार जब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कदाचारी महाप्रबंधक के विरुद्ध कई गंभीर मामलों में रेलवे बोर्ड विजिलेंस की जांच चल रही है, तब उन्हें पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपे जाने का क्या औचित्य है, जबकि रेलवे बोर्ड का वर्तमान निजाम उनकी कदाचारिता से भली-भांति वाकिफ है? ऐसी कुछ बातों को लेकर रेलवे बोर्ड के वर्तमान निजाम पर भी कुछ मामलों में पक्षपात करने और विसंगतिपूर्ण निर्णय लेने के आरोप दबी जबान से लगाए जा रहे हैं.