अधिकारी व्यक्तिगत रूप से गाड़ियों का समयपालन मॉनिटर करें -एम.सी.चौहान
उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में समयपालन और संरक्षा बैठक का आयोजन
इलाहाबाद ब्यूरो : उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, सूबेदारगंज, इलाहाबाद के विंध्य सभागार में महाप्रबंधक एम. सी. चौहान की अध्यक्षता में 3 अप्रैल को साप्ताहिक समयपालन/संरक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी विभाग प्रमुख एवं तीनों मंडलों इलाहाबाद, आगरा एवं झांसी के मंडल रेल प्रबंधक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. बैठक में महाप्रबंधक ने घोषणा की कि आज से ही मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों के उ.म.रे. परिक्षेत्र में समयपालन के साथ परिचालन पर विशेष ध्यान के लिए 15 दिन का अभियान प्रारंभ किया जा रहा है. उन्होंने उच्च अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से हर घंटे गाड़ियों की समयपालन मॉनिटर करने के निर्देश दिए.
महाप्रबंधक ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान उत्तर मध्य रेलवे ने अपने सतत प्रयासों से समयपालन में 13.1% का सुधार दर्ज किया है तथा इसे और बेहतर करने के लिए बहुआयामी प्रयासों की आवश्यकता जताई और साथ ही परिचालनिक मॉनिटरिंग एसेट फेलियरों को कम करने एवं समयपालन को प्रभावित करने वाले बाहरी कारणों जैसे- अवांछित अलार्म चैन पुलिंग एवं कैटल रनओवर की घटनाओं में कमी लाने की बात कही. महाप्रबंधक ने अवांछित अलार्म चैन पुलिंग करने वालों के विरुद्ध वाणिज्य एवं सुरक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही को प्रभावी बताते हुए इसे सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि कैटल रनओवर की संभावना वाले खंडों को चिन्हित कर, जब तक दीवारों एवं फेंसिंग के निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो जाता है, तब तक ट्रैक के किनारे गहरे ट्रेंच बनाए जाएं, जिससे कि आवारा पशु रेलवे ट्रैक पर न आ सकें. महाप्रबंधक ने बाहरी एजेंसियों द्वारा कम्यूनिकेशन/सिगनल केबल काटने की घटनाओं पर संबंधित एजेंसियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए. इसके अतिरिक्त उन्होंने थ्रू-पुट बढ़ाने से जुड़े कार्यों जैसे विभिन्न स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग एवं अन्य आधुनिकीकरण कार्यों की गति बढ़ाने की बात भी भी कही.
संरक्षा के संबंध में चर्चा करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि सभी मानवरहित समपारों को सितंबर 2018 तक समाप्त करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं और हमें अपनी समय-सीमा के अनुरूप काम को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम सुनिश्चित करने होंगे. उन्होंने मानवयुक्त लेवल क्रासिंगों पर समुचित प्रकाश व्यवस्था एवं मानवरहित लेवल क्रासिंगों पर गेट मित्रों के लिए आवश्यक आश्रय बनाने के निर्देश भी दिए. महाप्रबंधक ने स्टाफ की एलर्टनेस चेक करने के लिए औचक निरीक्षण विशेष तौर पर रात्रिकालीन निरीक्षणों को महत्वपूर्ण बताया.
इसके अतिरिक्त उन्होंने रेलवे ट्रैक के किनारे के ऐसे पेड़ों की छटाई के निर्देश भी दिए, जो आंधी के दौरान रेलवे ट्रैक पर आ सकते हैं या रेल परिचालन को प्रभावित कर सकते हों. उन्होंने संरक्षित रेल परिचालन के दृष्टिगत स्पैड संबंधी अभियान को आगे भी जारी रखने के निर्देश दिए. लोको फेलियर को बचाने, ब्रेक बाइंडिंग के मामलों में कमी लाने, सिगनल फेलियरों को कम करने, और एसेट फेलियर की स्थिति मे रिस्पांस तथा रिस्टोरेशन समय को कम करने, महत्वपूर्ण स्टेशनों पर साफ-सफाई में सुधार, सतत अभियान के माध्यम से अवैध वेंडिंग पर प्रभावी नियंत्रण जैसे अन्य विषयों पर भी बैठक मे चर्चा हुई.
महाप्रबंधक/उ.म.रे. द्वारा इलाहाबाद–मिर्जापुर खंड का निरीक्षण
महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे एम. सी. चौहान ने इलाहाबाद मंडल के इलाहाबाद–मिर्जापुर खंड का गाड़ी सं. 14056 (ब्रह्मपुत्र मेल) की पिछली खिड़की से विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया. विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण भारतीय रेल का एक विशेष निरीक्षण होता है, जिसमें रेलपथ एवं उसके पास के सभी इंस्टालेशनों जैसे सिगनल, ओएचई, प्लेटफॉर्म इत्यादि का चलती हुई गाड़ी में लगे निरीक्षण यान की पिछली खिड़की से निरीक्षण किया जाता है. निरीक्षण के दौरान मार्ग मे पड़ने वाले स्टेशनों की सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं, राइडिंग क़्वालिटी (विशेष तौर से प्वॉइंट एवं क्रॉसिंग पर), ट्रैक ज्योमेट्री इंडेक्स में सुधार, मार्ग के लेवल क्रॉसिंग-गेटों की स्थित आदि का महाप्रबंधक द्वारा अवलोकन किया गया.
निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक ने निर्देशित किया कि संरक्षा संबंधी कार्यों जैसे स्लीपरों के नवीनीकरण, रेल पटरियों का नवीनीकरण, बैलास्ट की डीप स्क्रीनिंग और रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) एवं रोड अंडर ब्रिजों (आरयूबी) के कार्यों को निर्धारित समयसीमा के अंदर पूरा किया जाए. महाप्रबंधक ने खंडों के मध्य में “ट्रैकमेन रेस्ट रुम” जिसमें शौचालय, बिजली सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही, जिससे कि ट्रैकमेन एवं अन्य फील्ड कर्मचारियों को कार्य करने के लिए बेहतर वर्किंग कंडीशंस मिल सके.
विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण के बाद महाप्रबंधक ने मिर्जापुर स्टेशन का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने यात्री सुविधाओं, प्रतीक्षा कक्ष, प्लेटफॉर्म, शौचालय, पीआरएस, बुकिंग कार्यालय, खानपान इकाईयों, स्वच्छता, प्लेटफार्मों पर पर्याप्त जलापूर्ति और सर्कुलिटिंग एरिया का निरीक्षण किया. मिर्जापुर में उन्होंने यह भी सलाह दी कि स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनों को मैंड करने का उचित प्रबंधन किया जाना चाहिए, ताकि उन यात्रियों को सहायता प्रदान की जा सके, जो एटीवीएम की सुविधा का उपयोग करना चाहते हैं, लेकिन इसके प्रयोग को उन्हें सिखाने की भी आवश्यक्ता है.
लोको पायलट द्वारा 3 फेज लोको में एनर्जी सेविंग-पर्यावरण संरक्षण में उपयोगी
उत्तर मध्य रेलवे में मुख्यालय स्तर पर लोको पायलटों को 3-फेज लोको के संचालन के दौरान लगातार विद्युत ऊर्जा के पुनरूत्पादन करने हेतु प्रोत्साहन दिया जाता रहा है. उत्तर मध्य रेलवे में लोको पायलटों के उल्लेखनीय योगदान एवं मंडलों के प्रयास फलस्वरूप वर्ष 2017-18 में विद्युत ऊर्जा पुनरूत्पादन के रुप में लगभग 54 करोड़ रुपये की रिकार्ड बचत की है, जो भारतीय रेल में अधिकतम है.
लोको पायलटों द्वारा विद्युत ऊर्जा पुनरूत्पादन में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर नसीमुद्दीन द्वारा मुख्यालय में उत्तर मध्य रेलवे के 10 लोको पायलटों को नगद पुरस्कार एवं एलईडी बल्ब देकर पुरस्कृत किया गया एवं सभी लोको पायलटों को बिजली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बिजली की बचत के लिए लगातार कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया, जिससे रेलवे राजस्व की बचत के साथ-साथ वातावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके.
लोको निरीक्षक पुस्तिका (2018-19) का विमोचन
उत्तर मध्य रेलवे में मुख्यालय में प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर नसीमुद्दीन द्वारा लोको निरीक्षक पुस्तिका (2018-19) का विमोचन किया गया. प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर ने लोको निरीक्षक पुस्तिका के बारे में बताया कि पिछले दो वर्षों से गहन अघ्ययन के पश्चात लोको क्रु से संबंधित आकड़ों का यह एक ऐसा संग्रह तैयार किया गया है, जिसकी मदद से लोको निरीक्षक अपने नामित क्रु की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से कर पाएंगे. लोको क्रु की कमजोरियों की पहचान कर उनकी प्रभावी काउन्सिलिंग की जा सकेगी. यह संरक्षित ट्रेन संचालन की दृष्टि से सराहनीय कदम है. लोको निरीक्षक पुस्तिका (2018-19) के प्रकाशन में सराहनीय एवं महत्वपूर्ण योगदान के लिए मुख्यालय के मुख्य लोको निरीक्षक कौशलेश कुमार शर्मा को प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर द्वारा नगद पुरुस्कार से सम्मानित किया गया.
शून्य ग्रीवांस मिशन – रनिंग कर्मचारियों की शिकायतों का समयबद्ध निवारण
संरक्षित तथा कुशल रेल परिचालन में लोको रनिंग स्टाफ एवं मेंटीनेंस स्टाफ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. अतः यह नितांत आवश्यक है कि स्टाफ की शिकायतों का निस्तारण त्वरित एवं निश्चित समय-सीमा के अंदर हो. रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुपालन में उत्तर मध्य रेलवे ‘मिशन शून्य ग्रीवांस’ के प्रति प्रतिबद्ध है. इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु बिजली विभाग, मुख्यालय में अपर महाप्रबंधक/उ.म.रे. अरुण मलिक की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. इस बैठक में मुख्यालय तथा तीनो मंडलों के लोको ऑपरेशन के अधिकारी एवं पर्यवेक्षक/निरीक्षक उपस्थित थे. अपर महाप्रबंधक द्वारा शिकायतों के निस्तारण की प्रगति का पुनरीक्षण किया गया तथा निर्देशित किया कि यथासंभव ग्रीवांस का निवारण रिर्पोटिंग के 15 दिनों में करने का प्रयास होना चाहिए.
प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर/उ.म.रे नसीमुद्दीन ने रेल संरक्षा पर जोर देते हुए स्टाफ ग्रीवांस के निराकरण को सर्वोपरि बनाए रखने हेतु मार्गदर्शन किया. प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी निशा तिवारी ने मंडल के अधिकारियों से समन्वय बनाकर ‘मिशन शून्य ग्रीवांस’ के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आश्वासन दिया. अंत में मुख्य बिजली लोको इंजीनियर अनुपम सिंघल ने समारोह को उपयोगी तथा सफल बनाने में सहयोग एवं परिश्रम करने वाले सभी उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं धन्यवाद दिया.